हरियाणा में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से किसान कर सकते हैं बेहतर कमाई: सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल
चंडीगढ़, 14 जुलाई। हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने कहा है कि कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग किसानों की कमाई के लिए बेहतर विकल्प हो सकती है। विदेशों में बहुत से किसान समूह बनाकर खेती करते हैं। जिसमें खेती से जुड़े अलग-अलग काम को श्रेणियों में विभाजित कर पूरा किया जाता है। हमारे यहां भी किसानों को कांट्रैक्ट फॉर्मिंग के साथ-साथ समूह बनाकर खेती करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांट्रैक्ट फॉर्मिंग में सोलर प्लॉट, राइस प्लॉट, गेहूं प्लॉट आदि लगाकर भी मुनाफा कमाया जा सकता है। इटली और जर्मनी के दौरे से वापस आने के बाद मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में यह दावा किया। मंत्री जिस तरह से कांट्रैक्ट फार्मिंग की तारीफ कर रहे हैं उससे लगता है कि इस दिशा में राज्य सरकार आगे बढ़ सकती है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि इस दौरे के दौरान उन्होंने यह भी देखा कि विदेशों में सरसों की तरह के पौधे रेपसीड से तेल, खल और बॉयो डीजल बनाया जाता है। हमने भी प्रदेश में सरसों पर शोध करके बॉयो डीजल के विकल्प को तलाशने का कार्य शुरू किया है। उन्होंने कहा कि किसान मुनाफा कमाने के लिए अपनी फसल को सीधे मंडी या बाजार में बेचने की बजाए खुद एफपीओ बनाकर फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करें। सरकार ऐसी फूड प्रोसेसिंग यूनिट को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र में उत्पाद आधारित ब्लॉक स्तरीय कलस्टर स्थापित कर रही है।
सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने कहा कि इटली और जर्मनी में किसान ऑर्गेनिक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं। हमारे यहां भी किसानों को ऑर्गेनिक खेती की तरफ बढ़ना चाहिए। शुरुआत में इस खेती से पैदावार जरूर कम होती है लेकिन प्रदेश सरकार अलग-अलग योजनाओं के तहत किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। भविष्य में यदि किसान ऑर्गेनिक खेती की तरफ बढ़ते हैं तो इस तरफ भी प्रदेश सरकार कोई नई योजना लेकर आ सकती है। इससे आमदनी के साथ-साथ लोगों को केमिकल फ्री प्रोडक्ट मिलेंगे।
मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) ने भी भारत में खेती से संबंधित तकनीकी सहायता देने का आश्वासन दिया है। उनका मानना है कि बड़े किसानों के साथ-साथ छोटे किसानों को भी पैदावार और उत्पाद बेचने की मार्केटिंग के लिए नई-नई तकनीक की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। प्रदेश सरकार भी भविष्य में विदेशी संगठनों के सहयोग से इस विषय पर काम करेगी।
बनवारी लाल ने बताया कि अनाज के उचित भंडारण और उसे खराब होने से बचाने के लिए विदेशों में अत्याधुनिक साइलो तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन्हीं तकनीकों का अध्ययन करने के लिए उनके नेतृत्व में हरियाणा सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल इटली और जर्मनी का दौरा करके आया है। वहां से प्राप्त जानकारियों की अब एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सौंपी जाएगी, ताकि यहां भी हरियाणा स्टेट को-ऑपरेटिव सप्लाई एंड मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (हैफेड) में अनाज भंडारण के लिए अत्याधुनिक साइलो तकनीक का इस्तेमाल किया जा सके।
प्रतिनिधिमंडल ने इटली और जर्मनी के कई शहरों में साइलो बनाने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियों का दौरा किया। यहां पर अनाज को खराब होने से बचाने के लिए किस तरह साइलो में भंडारण किया जाता है, इस तकनीक को अच्छे से समझा। उन किसानों से बातचीत भी की, जिनका अनाज खेत से सीधे साइलो में पहुंचता है। इससे किसानों को भी काफी सुविधा मिलती है।
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