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CM हेमंत सोरेन बोले- 'आदिवासी बचाओगे तो जंगल और जानवर दोनों बचेंगे'

हेमंत सोरेन सरकार की ओर से आयोजित झारखंड जनजातीय महोत्सव 2022 की हर तरफ चर्चा हो रही है। राज्य के लोग इस तरह के आयोजन से बेहद उत्साह में दिख रहे हैं। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित झारखंड जनजातीय महोत्सव 2022 में झ

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रांची, 12 अगस्त: हेमंत सोरेन सरकार की ओर से आयोजित झारखंड जनजातीय महोत्सव 2022 की हर तरफ चर्चा हो रही है। राज्य के लोग इस तरह के आयोजन से बेहद उत्साह में दिख रहे हैं। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित झारखंड जनजातीय महोत्सव 2022 में झारखंड के आदिवासी संस्कृति और परंपरा की शानदार झलक देखने को मिली। कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासी समाज के उत्थान में यह आयोजन बेहद मददगार साबित होगा। सीएम सोरेन ने झारखंड के 24 जिलों की दीदीयों के हाथों से बनाए सामानों को देखा और उनसे आश्वस्त किया इन्हें देश-दुनिया के बाजारों में पहुंचाने में सरकार हरसंभव मदद करेगी। दो दिन तक चले झारखंड जनजातीय महोत्सव 2022 70 से ज्यादा स्टॉल लगाए गए। खास बात यह है कि लगाए स्टॉल पर सभी सामान झारखंड के आदिवासी समाज के लोगों की ओर तैयार किए गए हैं।

हेमंत

झारखंड जनजातीय महोत्सव 2022 में पहुंचे लोगों से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि देश के संपूर्ण विकास के लिए आदिवासी समाज का विकास सबसे ज्यादा जरूरी है। सीएम सोरेन ने कहा कि सभी लोग जंगल बचाओ, जानवर बचाओ कहते हैं। कोई आदिवासी बचाओ नहीं कहता, मैं कहता हूं आदिवासी बचाओगे तो जंगल और जानवर दोनों बचेंगे। इसलिए आदिवासियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार इस तरह के ऐतिहासिक कार्यक्रम कर रही है।

सीएम सोरेन ने कहा कि झारखंड में हर साल विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर भव्य कार्यक्रम कराया जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि आदिवासियों के हित में जो भी कार्य होगा उसे करने में झारखंड सरकार अपने कदम हमेशा आगे रखेगी।रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित इस कार्यक्रम में नार्थ ईस्ट के कलाकारों ने भी भाग लिया। गौर करने वाली बात यह रही कि सीएम सोरेन खुद कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए पारंपरिक ढोल बजाते दिखे। जनजातीय कलाकारों की अद्भुत और अविस्मरणीय कला के प्रदर्शन को देखकर लोग अचंभित रह गए। इस समारोह में जनजातीय इतिहास, साहित्य, मानवशास्त्र समेत अन्य विषयों पर संगोष्ठी, कला एवं संगीत, परिधान, फैसन शो, खान पान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रम में झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, मिजोरम समेत अन्य जनजातीय बहुल राज्य के कलाकारों के भाग लेने के लिए अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने आमंत्रित किया था।

झारखंड जनजातीय महोत्सव 2022 में राज्य के 24 जिलों में राज्य सरकार के विभाग की ओर से तरह-तरह की वस्तुएं, खाने-पीने की चीज, कपड़ा, मिट्टी से बने बर्तन, तमाम वस्तुओं की स्टॉल के माध्यम से प्रदर्शनी लगाई गई। इसमें हाथों से बने लोला, होली, बिछाया, पायल, मंडली से करे नारी श्रृंगार, पलाश की ओर से झारखंड की पारंपरिक डिजाइन लेकर आए थे। वहीं बास के बने घड़ी, फ्लावर स्टैंड, बैग घर में सजाने वाले सामान समेत अन्य चीजें लोगों के बीच बने आकर्षण का केंद्र रहा। स्टॉल लगाने वाले लोगों का कहना है कि इस मंच से हमारे हाथों से बने देसी सामान को झारखंड के अलावा देश के अलग-अलग राज्यों के लोग खरीदे।

कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह 9 अगस्त 2022 को अपराह्न एक बजे मोरहाबादी मैदान, रांची में हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिबू सोरेन सांसद, राज्यसभा रहे। आदिवासी समाज के बड़े नेता शिबू सोरेन को अपने बीच पाकर कलाकारों में गजब का उत्साह दिखा। जबकि 10 अगस्त को आयोजित समापन समारोह के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रहे। महोत्सव की अध्यक्षता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की। इस दौरान मंत्रिमंडल के समस्त मंत्री, सांसद, विधायक, जिला पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं महापौर उपस्थित रहे। मोरहाबादी मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रम, खाद्य-व्यंजन, कला एवं शिल्प की प्रदर्शनी, मोरहाबादी फुटबॉल मैदान खेल का आयोजन, ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट में सेमिनार और पैनल चर्चा मोरहाबादी।

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English summary
CM Hemant Soren said - 'If you save the tribals, then both the forest and the animals will be saved'
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