उत्तराखंड विधानसभा चुनाव: सीएम धामी की डीडीहाट पर निगाहें, पैतृक गांव में विकास कार्यों पर किया फोकस
उत्तराखंड में भौगोलिक स्थिति भिन्न है। तराई-भाबर व पहाड़ तीन तरह की स्थितियां हैं। इसी के चलते राजनीतिक परिस्थितियां भी अलग हो जाती हैं और राजनेताओं को भी इसी आधार पर सियासी माहौल बनाना होता है।
देहरादून, 16 अक्टूबर। उत्तराखंड में भौगोलिक स्थिति भिन्न है। तराई-भाबर व पहाड़ तीन तरह की स्थितियां हैं। इसी के चलते राजनीतिक परिस्थितियां भी अलग हो जाती हैं और राजनेताओं को भी इसी आधार पर सियासी माहौल बनाना होता है। पिछले कुछ समय से कुमाऊं के सीमांत जिला पिथौरागढ़ क्षेत्र की डीडीहाट विधानसभा सीट सुर्खियों में आने लगी है। इसका कारण भी है। क्योंकि वहां युवा सीएम पुष्कर सिंह धामी का पैतृक गांव जो है। हालांकि वह वर्तमान में खटीमा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। लगातार दूसरी बार जीते हैं।
वर्तमान में डीडीहाट विधानसभा सीट से विधायक बिशन सिंह चुफाल हैं। धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में चुफाल को इन्हीं की पार्टी के किशन भंडारी ने बागी होकर कड़ी टक्कर दी थी। भंडारी बागी होकर निर्दलीय मैदान में उतरे थे। अब 2022 के चुनावी रण की तैयारी शुरू हो चुकी है। 80 हजार वोटर वाले इस सीट पर कई तरह की सियासी चर्चा गरमाने लगी है। जब से पुष्कर सिंह धामी सीएम बने हैं। उन्होंने अपने पैतृक गांव हड़खोला व बाद में बसे टुंडी गांव वाले विधानसभा क्षेत्र डीडीहाट में विकास कार्यों के जरिये फोकस किया है।
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सियासी हलकों में आम चर्चा है कि अगर सीएम को विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए खटीमा के अलावा कोई और क्षेत्र चुनना होगा तो वह डीडीहाट को चुन सकते हैं। उन्होंने बंद सड़क चालू करवा दी है और हेलीपैड के लिए भूमि चयनित करवा ली है। अन्य विकास कार्यों को लेकर भी माहौल बना है। स्थानीय स्तर के कुछ और नेता भी हैं, जो दावेदारी को लेकर सक्रिय दिख रहे हैं। हालांकि पार्टी स्तर पर ऐसा कुछ भी तय नहीं है। कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल क्षेत्र में मजबूती से डटे हैं। चुफाल का कहना है कि चर्चा लोग करते रहते हैं। बाकी पार्टी को तय करना है। पार्टी जिसे भी तय करेगी, वही प्रत्याशी होगा।
क्षेत्र
में
कहीं
खुशी
तो
कहीं
बेचैनी
सीएम
धामी
के
अपने
पैतृक
गांव
वाले
क्षेत्र
में
चुनाव
लडऩे
की
सुगबुगाहट
से
कहीं
खुशी
है
तो
कहीं
बेचैनी।
उनके
नाते-रिश्तेदार,
मित्र,
शुभचिंतक
तो
चाहते
हैं
तो
उनके
आने
से
अच्छा
हो
जाएगा,
लेकिन
विधानसभा
जाने
का
सपना
पाले
तमाम
नेताओं
के
लिए
यह
चर्चा
बेचैनी
बढ़ा
रही
है।
सीएम
का
18
अक्टूबर
को
अपने
गांव
जाने
का
कार्यक्रम
प्रस्तावित
है।
इसकी
तैयारियां
भी
चल
रही
हैं।
धामी
पहले
भी
बना
चुके
हैं
माहौल
भाजयुमो
में
पुष्कर
धामी
भारतीय
जनता
युवा
मोर्चा
के
प्रदेश
अध्यक्ष
थे।
तब
भी
चर्चा
थी
कि
वह
डीडीहाट
से
चुनाव
लड़
सकते
हैं।
हालांकि
2012
में
वह
खटीमा
से
चुनाव
लड़े
और
जीते।
इसके
बाद
उन्होंने
वर्ष
2017
में
खटीमा
में
दूसरी
बार
जीत
हासिल
की
है।