Utpatti Eakdashi 2021: उत्पत्ति एकादशी आज, जानिए कथा
नई दिल्ली, 30 नवंबर। आज उत्पन्ना एकादशी है। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पत्ति या उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। आज के पावन दिन भगवान विष्णु के साथ भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विधान है। आज के दिन ही एकादशी की उत्पत्ति हुई थी इसलिए इसे उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। इस एकादशी का व्रत रखने से समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। भोग और मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
एकादशी की कथा
सतयुग में मूर नामक राक्षस ने देवताओं पर विजय प्राप्त कर इंद्र को अपने अधीन बना लिया। मूर के इस कृत्य से रक्षा की गुहार लगाने सभी देवता भगवान शंकर की शरण में पहुंचे। भगवान शंकर ने देवताओं को विष्णुजी के पास भेजा। विष्णुजी ने दानवों को तो परास्त कर दिया लेकिन मूर भाग गया। विष्णु ने मूर को भागता देखकर युद्ध बंद कर दिया और स्वयं बद्रिकाश्रम की गुफा में आराम करने लगे। मूर ने वहां पहुंचकर विष्णुजी को मारना चाहा तभी विष्णुजी के शरीर से एक कन्या का जन्म हुआ जिसने तत्काल मूर का वध कर दिया। उस कन्या ने भगवान विष्णु को बताया किमैं आपके अंश से उत्पन्न शक्ति हूं।
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विष्णुजी ने प्रसन्न होकर उस कन्या को आशीर्वाद दिया कितुम संसार में माया जाल में उलझे तथा मोह के कारण मुझसे विमुख प्राणियों को मुझ तक लाने में सक्षम बनोगी। तुम्हारी आराधना करने वाले प्राणी आजीवन सुखी रहेंगे। इस कन्या को भगवान विष्णु ने एकादशी नाम दिया।
समय
- उत्पन्ना एकादशी प्रारंभ 30 नवंबर को प्रात: 4.15 बजे से
- उत्पन्ना एकादशी पूर्ण 1 दिसंबर को रात्रि 2.14 बजे तक
- पारण समय 1 दिसंबर को प्रात: 7.34 से 9 बजे