Shani Dosh Upay: शनि की पीड़ा से मुक्ति के लिए करें विशेष उपाय
Shani Sade Sati Shani Dosh Upay in Hindi: हनुमानजी के भक्तों को शनिदेव कष्ट नहीं देते इसलिए शनि की पीड़ा से मुक्ति के लिए हनुमानजी के नित्य दर्शन-पूजन करें।
Shani Dosh Upay (शनि की पीड़ा से मुक्ति) : 17 जनवरी 2023 से शनि का राशि परिवर्तन हो रहा है। शनि 30 साल बाद पुन: कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। इस राशि परिवर्तन से मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रथम ढैया प्रारंभ हो रहा है, जबकिकुंभ पर दूसरा और मकर पर साढ़ेसाती का अंतिम ढैया प्रारंभ होगा। इसी प्रकार कर्क और वृश्चिक राशि पर लघुकल्याणी ढैया प्रारंभ होगा। शनि के इस राशि परिवर्तन से सभी राशियों के जातक प्रभावित होंगे। कष्ट और पीड़ा से बचने के लिए सभी राशि के जातकों को उपाय करने चाहिए।
आचरण की शुद्धता रखें
शनि न्याय के देवता हैं। उन्हें साफ दिल, इमानदारी, शुद्ध आचरण और स्पष्टवादिता पसंद है। इसलिए शनि की पीड़ा से बचने का सबसे पहला उपाय तो यही है किआपको अपने आचरण की शुद्धता रखनी होगी। दूसरों की बुराई, निंदा न करें। स्त्री वर्ग पुरुषों के प्रति सम्मान रखें और पुरुष वर्ग स्त्री वर्ग के प्रति सम्मान और आदर का भाव रखें। परस्त्री-परपुरुष गमन से बचें। चोरी, हत्या सहित प्रत्येक प्रकार के अपराधों से बचें। माता-पिता, बुजुर्ग, कष्ट में पड़े हुए इंसानों, गरीबों, निशक्तों, रोगियों के प्रति सेवा भाव रखते हुए सहायता करें।
ये उपाय बचाएंगे शनि की पीड़ा से
- हनुमानजी के भक्तों को शनिदेव कष्ट नहीं देते इसलिए शनि की पीड़ा से मुक्ति के लिए हनुमानजी के नित्य दर्शन-पूजन करें।
- हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, बजरंग बाण का पाठ नियमित करें। नियमित रूप से न कर सकें तो प्रत्येक मंगलवार या शनिवार को अवश्य करें।
- श्री शनैश्चर स्तोत्र, शनि कवच, शनि अष्टोत्तरशत नामावली का पठन करें।
- सप्ताह में एक दिन सोमवार को रुद्राभिषेक करें।
- शनि के मंत्र ऊं शं शनैश्चराय नम:, ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम: के 23 हजार जाप और दशांश हवन करें।
- शनि देव की मूर्ति में तैल चढ़ाना, शनियंत्र की पूजा, शनिवार का व्रत, शनिवार को पीपल के वृक्ष की पूजा करने से कष्ट दूर होंगे।
- काले रंग की वस्तुओं का दान, काला वस्त्र, उड़द, तैल पकवान, छायापात्र का दान करने से शनि की पीड़ा दूर होगी।
- मध्यमा अंगुली में नीलम या इसका उपरत्न, जामुनिया, कटैला, वैदूर्यमणि या फिरोजा धारण करें।
- नाव की कील या काले घोड़े की नाल से बनी लोहे की अंगूठी धारण करने से लाभ होगा।
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