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Raksha Bandhan 2022: 'रक्षा बंधन' पर करें मां लक्ष्मी को इस तरह से प्रसन्न, हो जाएंगे मालामाल

By ज्ञानेंद्र शास्त्री
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नई दिल्ली, 10 अगस्त। सावन मास की पूर्णिमा के दिन भाई-बहन के प्रेम का त्योहार 'रक्षा बंधन' मनाया जाता है। कहते हैं कि पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से इंसान के सारे आर्थिक कष्ट दूर हो जाते हैं इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी की खास पूजा करनी चाहिए, जिससे प्रसन्न होकर विष्णुप्रिया भक्त को कभी ना खत्म होने वाले धन का आशीर्वाद देती हैं।

रक्षा बंधन पर करें मां लक्ष्मी को इस तरह से करें प्रसन्न..

आइए जानते हैं मां लक्ष्मी को कैसे करें प्रसन्न?

  • 'रक्षा बंधन' वाले दिन मां लक्ष्मी को लड्डू का भोग लगाएं इससे इंसान के सारे आर्थिक बधाओं का नाश होता है।
  • 'रक्षा बंधन' वाले दिन मां लक्ष्मी को खीर चढ़ाने से इंसान के घर में कभी भी पैसे की तंगी नहीं रहती है।
  • 'रक्षा बंधन' वाले दिन मां लक्ष्मी के साथ गणेश भगवान की पूजा करने से इंसान के सारे कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
  • 'रक्षा बंधन' वाले दिन मां लक्ष्मी की विष्णु जी के साथ पूजा करनी चाहिए इससे घर में हमेशा खुशहाली बनी रहती है।
  • 'रक्षा बंधन' वाले दिन पूरे परिवार संग लक्ष्मी की जी आरती करने से सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  • 'रक्षा बंधन' वाले दिन मां लक्ष्मी का श्रृंगार करें और मन से पूजा करें तो इंसान माला-माल हो जाता है।

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इन मंत्रों से करें मां लक्ष्मी की पूजा

  • या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता, नमस्त्यै नमस्त्यै नमस्त्यै नमस्त्यै नमों नम:।
  • जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी। वससी व्यापकरुपे तू स्थूलसूक्ष्मी।।
  • ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नम:
  • ॐ कामलक्ष्म्यै नम:
  • ॐ सत्यलक्ष्म्यै नम:
  • ॐ भोगलक्ष्म्यै नम:
  • ॐ योगलक्ष्म्यै नम:।।

लक्ष्मी माता की आरती

  • ॐ जय लक्ष्मी माता,
  • मैया जय लक्ष्मी माता ।
  • तुमको निसदिन सेवत,
  • हर विष्णु विधाता ॥
  • उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
  • तुम ही जग माता ।
  • सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
  • नारद ऋषि गाता ॥
  • ॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
  • दुर्गा रुप निरंजनि,
  • सुख-संपत्ति दाता ।
  • जो कोई तुमको ध्याता,
  • ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
  • ॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
  • तुम ही पाताल निवासनी,
  • तुम ही शुभदाता ।
  • कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
  • भव निधि की त्राता ॥
  • ॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
  • जिस घर तुम रहती हो,
  • ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।
  • सब सभंव हो जाता,
  • मन नहीं घबराता ॥
  • ॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
  • तुम बिन यज्ञ ना होता,
  • वस्त्र न कोई पाता ।
  • खान पान का वैभव,
  • सब तुमसे आता ॥
  • ॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
  • शुभ गुण मंदिर सुंदर,
  • क्षीरोदधि जाता ।
  • रत्न चतुर्दश तुम बिन,
  • कोई नहीं पाता ॥
  • ॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
  • महालक्ष्मी जी की आरती,
  • जो कोई नर गाता ।
  • उँर आंनद समाता,
  • पाप उतर जाता ॥
  • ॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
  • ॐ जय लक्ष्मी माता,
  • मैया जय लक्ष्मी माता ।
  • तुमको निसदिन सेवत,
  • हर विष्णु विधाता ॥

श्री महालक्ष्मी अष्टक का पाठ

  • नमस्तेस्तू महामाये श्रीपिठे सूरपुजिते ।
  • शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥१॥
  • नमस्ते गरूडारूढे कोलासूर भयंकरी ।
  • सर्व पाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥२॥
  • सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्ट भयंकरी ।
  • सर्व दुःख हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥३॥
  • सिद्धीबुद्धूीप्रदे देवी भुक्तिमुक्ति प्रदायिनी ।
  • मंत्रमूर्ते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥ ४ ॥
  • आद्यंतरहिते देवी आद्यशक्ती महेश्वरी ।
  • योगजे योगसंभूते महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥ ५ ॥
  • स्थूल सूक्ष्म महारौद्रे महाशक्ती महोदरे ।
  • महापाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥ ६ ॥
  • पद्मासनस्थिते देवी परब्रम्हस्वरूपिणी ।
  • परमेशि जगन्मातर्र महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥७॥
  • श्वेतांबरधरे देवी नानालंकार भूषिते ।
  • जगत्स्थिते जगन्मार्त महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥८॥
  • महालक्ष्म्यष्टकस्तोत्रं यः पठेत् भक्तिमान्नरः ।
  • सर्वसिद्धीमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा ॥९॥
  • एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनं ।
  • द्विकालं यः पठेन्नित्यं धनधान्य समन्वितः ॥१०॥
  • त्रिकालं यः पठेन्नित्यं महाशत्रूविनाशनं ।
  • महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा ॥११॥
  • ॥ इतिंद्रकृत श्रीमहालक्ष्म्यष्टकस्तवः संपूर्णः ॥
  • - अथ श्री इंद्रकृत श्री महालक्ष्मी अष्टक

Comments
English summary
maa lakshmi loves purnima. The festival of Rakshabandhan is celebrated on the day of Sawan Purnima. how to make maa lakshmi happy on this Holy day, read details here.
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