Phulera Dooj 2023: 'फूलेरा दूज' आज, जानिए पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र और महत्व
'फूलेरा दूज' के दिन जो भी सच्चे मन से राधा-कृष्ण की पूजा-अर्चना करता है उसे सुख-समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। उसका वैवाहिक जीवन सफल रहता है।
Phulera Dooj Muhurat: राधा-कृष्ण का प्रेम गंगाजल जितना पवित्र और पावन है, ये त्याग और समर्पण का साक्षात उदाहरण हैं, इन्हीं के प्रेम को बयां करता है 'फूलेरा दूज',जिसका इंतजार ब्रजवासी बेसब्री से करते हैं। कहते हैं कि इस दिन ब्रज में श्रीकृष्ण ने राधा संग फूलों की होली खेली थी इसलिए इस दिन ब्रजवासी फूलों की होली खेलते हैं। इस बार ये पावन दिन आज है, गोकुल के मंदिर इस वक्त दुल्हन की तरह से सज गए हैं, मंगलवार को यहां धूम-धाम से फूलों संग होली खेली जाएगी। माना जाता है कि इस दिन जो भी सच्चे मन से राधा-कृष्ण की पूजा-अर्चना करता है उसे सुख-समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। उसका वैवाहिक जीवन सफल रहता है और उसे कोई भूलकर भी दुख छू नहीं पाता है।
मुहूर्त
- द्वितीय तिथि आरंभ: 21 फरवरी 2023, मंगलवार, 09: 05 AM
- द्वितीय तिथि समाप्त: 22 फरवरी 2023, बुधवार , 05:57 AM
पूजा विधि
- कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं।
- सबसे पहले नहा धोकर स्वच्छ कपड़े धारण करें।
- फिर व्रत रखना है तो संकल्प लें।
- शाम को राधा-कृ्ष्ण की पूजा की जाती है।
- राधा-कृ्ष्ण का श्रृंंगार करें।
- उन्हें नए वस्त्र पहनाएं और अबीर-गुलाल अर्पित करें।
- दोनों लोगों को मिठाई , पंचामृत और मिश्री का भोग लगाएं।
- फिर फूलों और अबीर का छिड़काव करें और फिर खुद पर भी ऐसा करें।
- राधा-कृष्ण का ध्यान करें, आरती करें।
- प्रसाद बांटे और आपस में फूलों और अबीर की होली खेलें।
राधा जी की करें इन मंत्रों से पूजा
- 'श्रीराधायै स्वाहा।' (108 बार करें जाप)
- ऊं ह्नीं राधिकायै नम:।(108 बार करें जाप)
- नमस्त्रैलोक्यजननि प्रसीद करुणार्णवे।
- ब्रह्मविष्ण्वादिभिर्देवैर्वन्द्यमान पदाम्बुजे।। (108 बार करें जाप)
Phulera Dooj: फुलैरा दूज पर करें राधा-कृष्ण की ये विशेष आरती, मिल जाएगा रूठा प्यार
श्री कृष्ण की करें इन मंत्रों से पूजा
Recommended Video
- कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:
- क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा
- श्री कृं कृष्ण आकृष्णाय नमः
- ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा
- क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः
- गोकुल नाथाय नमः