क्विक अलर्ट के लिए
For Daily Alerts
जानिए नवरात्र में क्या है अखंड ज्योति का महत्व
जो स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता उसे दीपक कहते है। नौं दिनों तक शक्ति की आराधना करने वाले जातक अखंड ज्योति जलाकर मा दुर्गा की साधना करते हैं। अखंड ज्योति अर्थात ऐसी ज्योति जो खंडित न हो। अंखड दीप को विधिवत मत्रोच्चार से प्रज्जवलित करना चाहिए। दीपक की लौ, पूजन संकल्प की होते हुये आपकी प्राप्ति का निर्धारण भी करती है। आईये जानते हैं कि अंखड ज्योति का प्रज्वलन करने में क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, एवं दीपक जलाने से क्या लाभ होता है।
- दीपक की लौ बांये से दांये की तरफ जलनी चाहि,। इस प्रकार का जलता हुआ दीपक आर्थिक प्राप्ति का सूचक होता है।
- दीपक का ताप दीपक से 4 अंगुल चारों ओर अनुभव होना चाहिए। ऐसा दीपक भाग्योदय का सूचक होता है।
- जिस दीपक की लौ सोने के समान रंग वाली हो वह दीपक आपके जीवन में धन-धान्य की वर्षा कराता है एवं व्यवसाय में प्रप्ति।
- निरंन्तर 1 वर्ष तक अंखड ज्योति जलने से हर प्रकार की खुशियों की बौछार होती है। ऐसा दीपक वास्तु दोष, क्लेश, तनाव, गरीबी आदि सभी प्राकर की समस्याओं से मुक्ति दिलाता है।
- अगर आपकी अखंड ज्योति बिना किसी कारण के स्वयं बुझ जाये तो समझो जीवन में आर्थिक तंगी आने वाली है। यही दीपक व्यापार में बुझ जाये तो व्यवसाय में हानि की आशंका रहती है।
- दीपक में बार-बार बत्ती नहीं बदलनी चाहिए। दीपक से दीपक जलाना भी अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से रोग में वृद्धि होती है, मांगलिक कार्यो में बाधायें आती हैं।
- पूजा की थाली या आरती के समय एक साथ कई प्रकार के दीपक जलाये जा सकते हैं।
- संकल्प लेकर किया किए अनुष्ठान या साधना में अखंड ज्योति जलाने का प्रावधान है।
- अखंड ज्योति में घी डालने या फिर उसमें कुछ भी बदलाव का काम साधक को ही करना चाहिए, अन्य किसी व्यक्ति को नहीं।
Comments
English summary
Navratri is going on from 28 March 2017 to 5 April 2017. Here is the importance of Akhand Jyoti.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें