Narsimha Jayanti 2022: जानिए भगवान नृसिंह के पूजन की विधि
नई दिल्ली, 12 मई। वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान विष्णु नृसिंह अवतार के रूप में खंभे से प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन नृसिंह जयंती मनाई जाती है। भगवान नृसिंह को शक्ति, पराक्रम तथा शत्रुओं के नाशक के रूप में जाना जाता है। इस साल नृसिंह जयंती 14 मई 2022 शनिवार को आ रही है। भगवान नृसिंह का पूजन समस्त संकटों से रक्षा करता है और कार्यो की बाधाएं दूर करता है। नृसिंह जयंती के दिन सूर्य की वृषभ संक्रांति भी हो रही है।
भगवान नृसिंह के पूजन की विधि
नृसिंह जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अपने घर के पूजा स्थान में एक चौकी पर लाल श्वेत वस्त्र बिछाकर उस पर भगवान नृसिंह और मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। समस्त सामग्री से पूजन करें। भगवान नृसिंह की पूजा में फल, पुष्प, पंचमेवा, कुमकुम केसर, नारियल, अक्षत व पीतांबर का प्रयोग करें। भगवान नृसिंह के मंत्र ऊं नरसिंहाय वरप्रदाय नम: मंत्र का जाप करें। जाप करते समय कुश का आसन बिछा लें और रुद्राक्ष की माला से जाप करें। दिन भर व्रत रखें।
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भगवान नृसिंह की पूजा के लाभ
- भगवान नृसिंह की पूजा और व्रत रखने का सबसे बड़ा लाभ शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। जो साधक नृसिंह जयंती के दिन भगवान नृसिंह का विधि विधान से पूजन करते हैं उन्हें शत्रुओं पर विजय मिलती है। कोर्ट कचहरी संबंधी मामलों में जीत हासिल होती है।
- किसी भी प्रकार के आकस्मिक संकट के समय भगवान नृसिंह को याद करने से संकट से तुरंत मुक्ति मिलती है।
- गर्भवती महिलाएं यदि प्रसव के समय भगवान नृसिंह के मंत्र का जाप करें तो उनका प्रसव सुखपूर्वक और बिना दर्द के हो जाता है।
- समस्त प्रकार के कार्यो में आने वाली बाधाएं भगवान नृसिंह का नाम लेते ही दूर हो जाती हैं। भगवान नृसिंह का पूजन साहस, बल, पराक्रम में वृद्धि करता है।