क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Mohini Ekadashi 2021: मोहिनी एकादशी आज, जानिए महत्व और व्रत-विधि

By Pt. Gajendra Sharma
Google Oneindia News

नई दिल्ली, 19 मई। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु ने समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश को दानवों से बचाने के लिए मोहिनी रूप धारण किया था। इस एकादशी का व्रत समस्त पापों का क्षय करके व्यक्ति के आकर्षण प्रभाव में वृद्धि करता है। इससे व्यक्ति सर्वत्र पूजनीय हो जाता है। परिवार, समाज और देश में ऐसा व्यक्ति प्रतिष्ठित होता है और उसकी ख्याति चारों ओर फैलती है। मोहिनी एकादशी का व्रत 22 मई को किया जाएगा।

Mohini Ekadashi 2021: जानिए कब है मोहिनी एकादशी?

मनुष्य अपने पाप कर्म के कारण मोह बंधन में बंध जाते हैं। मोहिनी एकादशी का व्रत करने से सभी मोह बंधनों से मनुष्य मुक्त हो जाता है और उसके समस्त पापों का नाश होता है। जिसके कारण वह मृत्यु के बाद नर्क की यातनाओं से मुक्ति पाकर ईश्वर की शरण में चला जाता है। मोहिनी एकादशी के विषय में पुराण कथाओं में कहा गया है किसमुद्र मंथन के बाद अमृत कलश पाने के लिए दानवों और देवताओं के बीच जब विवाद हो गया तो भगवान विष्णु ने सुंदर स्त्री का रूप धारण कर दानवों को मोहित कर लिया था और उनसे अमृत कलश लेकर देवताओं को सारा अमृत पिला दिया था। अमृत पीकर देवता अमर हो गए। यह वैशाख शुक्ल एकादशी का दिन था इसलिए इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान का विशेष श्रृंगार किया जाता है।

मोहिनी एकादशी व्रत कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार सरस्वती नदी के तट पर भद्रावती नाम की एक नगरी थी। वहां चंद्रवंश में उत्पन धृतिमान नामक राजा राज करते थे। उसी नगर में धनपाल नाम का एक वैश्य भी रहता था जो धनधान्य से परिपूर्ण और सुखी जीवन यापन कर रहा था। वह सदा पुण्यकर्म करते हुए भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहता था। उसके पांच पुत्र थे। सुमना, द्युतिमान, मेधावी, सुकृत तथा धृष्टबुद्धि। धृष्टबुद्धि हमेशा बुरे कार्यो जुआ खेलना, चोरी करना आदि में लिप्त रहता था। वह नृत्यांगनाओं और परस्ति्रयों पर अपने पिता का धन लुटाया करता था। एक दिन उसके पिता से यह सब सहा नहीं गया और परेशान होकर उसे घर से निकाल दिया धृष्टबुद्धि इधर-उधर भटकने लगा। भूख-प्यास से व्याकुल होकर वह महर्षि कौंडिन्य के आश्रम जा पहुंचा। महर्षि के पास जाकर वह करबद्ध होकर बोला- भगवन मुझ पर दया करें। मुझे कोई ऐसा मार्ग बताएं जिससे मुझे अपने पाप कर्मो से मुक्ति मिल जाए। ऋ षि कौंडिन्य ने उसे वैशाख माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली मोहिनी एकादशी व्रत करने का मार्ग बताया। धृष्टबुद्धि ने ऋ षि द्वारा बताई गई विधि के अनुसार मोहिनी एकादशी का व्रत किया और अपने पापों से मुक्ति पा गया।

Mohini Ekadashi 2021: जानिए कब है मोहिनी एकादशी?

मोहिनी एकादशी व्रत विधि

एकादशी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्नान करें। संभव हो तो गंगाजल को पानी में डालकर नहाना चाहिए। स्नान करने के लिए कुश और तिल के लेप का प्रयोग करें। स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण कर विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने घी का दीप जलाएं तथा पुन: व्रत का संकल्प लें। एक कलश पर लाल वस्त्र बांध कर कलश की पूजा करें। इसके बाद उसके ऊपर विष्णु की प्रतिमा रखें। प्रतिमा को स्नानादि से शुद्ध करके नए वस्त्र पहनाएं। विविधरंगी पुष्पों से विष्णु भगवान का श्रृंगार करें। पुन: धूप, दीप से आरती करें और मिष्ठान्न तथा फलों का भोग लगाएं। रात्रि में भगवान का भजन कीर्तन करें। दूसरे दिन ब्राह्मण भोजन तथा दान के बाद व्रत खोलें।

मोहिनी एकादशी तिथि समय

  • मोहिनी एकादशी प्रारंभ 22 मई प्रात: 9.17 बजे से
  • मोहिनी एकादशी पूर्ण 23 मई प्रात: 6.44 तक

English summary
Mohini Ekadashi 2021 is on May 22nd, This ekadashi is observed by all Hinduism followers as it helps in washing away all the sins committed by a person, including those from his/her previous births.here is Puja Vidhi and Importance.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X