Kartik Purnima 2022: पूर्णिमा के साथ पूर्ण होगा कार्तिक स्नान लेकिन रहेगा ग्रहण का सूतक काल, कब करें पूजा?
Kartik Purnima: कार्तिक पूर्णिमा 8 दिसंबर 2022 को है और इसी दिन कार्तिक मास का समापन होगा। जो लोग एक महीने से कार्तिक स्नान कर रहे थे उनके एक मास के संकल्प की पूर्णता प्राप्त होगी। इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर खग्रास चंद्रग्रहण भी है जिसका सूतक सूर्योदय के समय से ही प्रारंभ हो जाएगा। ऐसे में कार्तिक स्नान का समापन कैसे करें, स्नान कब करें, पूजा कब करें जैसे अनेक प्रश्न लोगों के मन में हैं।
8 नवंबर को ग्रहण दोपहर में प्रारंभ होगा। इससे पूर्व सूर्योदय के समय से ग्रहण का वेध अर्थात् सूतक प्रारंभ हो जाएगा। चूंकिकार्तिक स्नान प्रात: तारों की छाया में किया जाता है इसलिए स्नान में कोई बाधा नहीं है। किंतु स्नान 8 नवंबर को सूर्योदय से पूर्व कर लेना होगा। उज्जैन के समयानुसार 8 नवंबर को सूर्योदय 6 बजकर 40 मिनट पर होगा। सभी शहरों के लोग अपने-अपने शहर का स्थानीय सूर्योदय पंचांग में देख लें। उसके अनुसार स्नान का समय निश्चित करें। 8 नवंबर को सूर्योदय पूर्व पवित्र नदियों, सरोवर, कुएं, बावड़ी आदि में स्नान करें। यदि ये उपलब्ध हों तो घर में ही नहाने के पानी में पवित्र नदियों का जल डालकर स्नान करें। इसके बाद शुद्ध श्वेत वस्त्र धारण कर भगवान श्रीहरि का विधिवत पूजन करें। पीले पुष्पों से श्रृंगार करें। नैवेद्य अर्पण करें।
सायंकाल ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करके ब्राह्मणों को यथाशक्ति भोजन करवाकर दान-दक्षिणा दें और कार्तिक स्नान समाप्ति पर आशीर्वाद ग्रहण करें।
बड़े मेलों का आयोजन
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा सागर, हरिद्वार, इलाहाबाद, पुष्कर आदि तीर्थो में बड़े मेलों का आयोजन होता है। इनके अलावा उज्जैनी सहित अनेक पवित्र पुरियों में विशेष पूजा-अनुष्ठान संपन्न किए जाते हैं।
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