क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Jagannath Yatra 2022: रथ यात्रा के ठीक पहले प्रभु 'जगन्नाथ' क्यों पड़ते हैं 15 दिन बीमार?

By ज्ञानेंद्र शास्त्री
Google Oneindia News

नई दिल्ली, 24 जून। 'जगन्नाथ रथ यात्रा 2022' की शुरुआत इस साल 1 जुलाई से होने जा रही है। हर साल इस यात्रा में सैकड़ों लोग भाग लेते हैं। माना जाता है कि पुरी की रथ यात्रा का रथ खींचने से इंसान के सारे पापों का खात्मा होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मालूम हो कि इस वर्ष रथ यात्रा का प्रारंभ 1 जुलाई से होने वाला है, जिसकी तैयारियां जोरों पर हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रथ यात्रा से पहले प्रभु जगन्नाथ 15 दिन के लिए बीमार पड़ जाते हैं और एकांतवास में चले जाते हैं।

प्रभु 'जगन्नाथ' जी का एक परमभक्त थे माधवदास

प्रभु 'जगन्नाथ' जी का एक परमभक्त थे माधवदास

दरअसल इसके पीछे एक विशेष कारण है। कहा जाता है कि आदिकाल में प्रभु 'जगन्नाथ' जी के एक परमभक्त थे माधवदास, जिन्होंने बचपन से ही काफी दुख झेला था।उनके मां-बाप बचपन में ही भगवान को प्यारे हो गए थे, वो अपने भाईयों के साथ रहा करते थे और प्रभु की पूजा किया करते थे,एक दिन उनके भाई ने उनसे कहा कि वो शादी कर लें, अपने बड़े भाई की बात मानकर माधवदास ने शादी कर ली लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, शादी के कुछ दिन बाद ही उनकी पत्नी चल बसी।

Jagannath Rath Yatra 2022: IRCTC लेकर आया पुरी रथ यात्रा का हवाई पैकेज, बुकिंग शुरू, जानिए पूरी डिटेल्सJagannath Rath Yatra 2022: IRCTC लेकर आया पुरी रथ यात्रा का हवाई पैकेज, बुकिंग शुरू, जानिए पूरी डिटेल्स

 माधवदास की हालत हुई खराब

माधवदास की हालत हुई खराब

काल के इस क्रूर प्रहार को वो सहने की कोशिश कर ही रहे थे कि एक प्राकृतिक आपदा ने उनके भाई को भी लील लिया, जिसके बाद माधवदास अत्यंत दुखी होकर पुरी आ गए और खुद को प्रभु जगन्नाथ की सेवा में लगा दिया।

माधवदास ने मना कर दिया

वो दिन भर पुरी मंदिर में काम करते, उनकी निस्वार्थ सेवाभाव से प्रभु बहुत ज्यादा खुश हुए लेकिन दुर्बल शरीर कितना काम करता और वो बीमार हो गए। मंदिर में बहुत सारे सेवक थे, उन्होंने माधवदास की मदद करनी चाही लेकिन माधवदास ने मना कर दिया और बीमारी हालत में प्रभु की सेवा करते रहे और एक दिन उनकी स्थिति इतनी बिगड़ गई कि वो मूर्छित हो गए।

प्रभु जगन्नाथ सेवक के रूप में प्रकट हुए

प्रभु जगन्नाथ सेवक के रूप में प्रकट हुए

तब प्रभु जगन्नाथ सेवक के रूप में प्रकट हुए और वो माधवदास की सेवा करने लगे, जिससे थोड़े ही दिन में माधवदास ठीक हो गए लेकिन उन्हें एहसास हो गया कि उनका सेवक कोई और नहीं स्वयं प्रभु ही हैं, वो उनके चरणों में गिर पड़े और प्रभु से माफी मांगी, जिस पर प्रभु ने कहा कि अरे तुम बीमार थे और इसमें मैंने सेवा कर दी तो तुम माफी क्यों मांग रहे हो? इस पर माधवदास ने कहा कि 'भक्त प्रभु की सेवा करते हैं, प्रभु नहीं।' जिसे सुनने के बाद प्रभु जगन्नाथ ने माधवदास को गले लगा लिया।

Jagannath Rath Yatra 2022 :रथ में नहीं होता धातु का इस्तेमाल, पुरी के राजा करते हैं सोने की झाड़ू से मार्ग साफJagannath Rath Yatra 2022 :रथ में नहीं होता धातु का इस्तेमाल, पुरी के राजा करते हैं सोने की झाड़ू से मार्ग साफ

'हर इंसान को अपने हिस्से के दर्द को भुगतना पड़ता है'

'हर इंसान को अपने हिस्से के दर्द को भुगतना पड़ता है'

इसके बाद माधवदास ने प्रभु से पूछा कि 'हे ईश्वर आप तो सर्वशक्तिमान हैं, आप चाहते तो मुझे एक सेंकड में ठीक कर सकते थे फिर आपने मेरी सेवा क्यों की?' इस पर प्रभु बोले कि 'हर इंसान को अपने हिस्से के दर्द को भुगतना पड़ता है, अगर तुम नहीं भुगतते तो तुम्हें अगले जन्म में ये दर्द सहना पड़ता इसलिए मैंने तुम्हारी सेवा की है लेकिन अब जो तुम्हारे कष्ट के 15 दिन हैं , वो मैं ले लेता हूं।'

रथयात्रा के ठीक पहले 'जगन्नाथ' बीमार पड़ जाते हैं

और ऐसा कहकर प्रभु 'जगन्नाथ' गायब हो गए। माना जाता है कि ये बात आषाढ़ माह की है और इसलिए रथयात्रा के ठीक पहले 'जगन्नाथ' 15 दिनों के लिए बीमार पड़ जाते हैं और उन्हें एकांतवास में रखा जाता है।

Comments
English summary
Jagannath Yatra 2022 is coming on 1st JULY. Why does Lord Jagannath fall ill for 15 days just before the Rath Yatra?, Read details.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X