क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

दशहरा 7 या 8 अक्टूबर को? जानिए किस मुहूर्त में मनाया जाता है दशहरा

Google Oneindia News

नई दिल्ली। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन दशहरा पर्व मनाया जाता है। नौ दिन की शारदीय नवरात्रि की समाप्ति के बाद 10वें दिन मनाए जाने वाले विययादशमी के इस पर्व को लेकर इस बार कुछ पंचांगों में मतभेद है। कुछ पंचांगों में 7 अक्टूबर को दशहरा बताया गया है तो अधिकांश में 8 अक्टूबर को। आइए जानते हैं दशहरा मनाने के पीछे शास्त्र क्या कहते हैं।

 दशमी तिथि के दिन अपरान्ह काल में मनाया जाता दशहरा

दशमी तिथि के दिन अपरान्ह काल में मनाया जाता दशहरा

दशहरा या विजयादशमी का पर्व आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन अपरान्ह काल में मनाया जाता है। अपरान्ह काल की अवधि सूर्योदय के बाद दसवें मुहूर्त से लेकर बारहवें मुहूर्त तक होती है। वैदिक गणना के अनुसार एक मुहूर्त 48 मिनट का होता है। इस लिहाज से एक दिन यानी 24 घंटे में कुल 30 मुहूर्त होते हैं। इनमें से 10वें मुहूर्त से लेकर 12वें मुहूर्त तक के समय को अपरान्ह काल कहा जाता है। यह समय दोपहर 1.12 बजे से लेकर 3.36 बजे तक होता है। स्थानीय सूर्योदय के अनुसार इस समय में कुछ मिनटों का अंतर हो सकता है।

 अपरान्ह काल में पूजा का विधान

अपरान्ह काल में पूजा का विधान

विजयादशमी पर अपरान्ह काल में पूजा का विधान है। उज्जैनी पंचांगों के अनुसार इस बार दशमी तिथि 7 अक्टूबर को दोपहर 12.37 बजे से प्रारंभ होगी जो 8 अक्टूबर को दोपहर 2.50 बजे तक रहेगी। दशहरा पर्व मनाने के लिए अपरान्ह काल में तिथि के साथ श्रवण नक्षत्र का विचार करना महत्वपूर्ण होता है। मुहूर्त चिंतामणी के अनुसार यदि दशमी तिथि दो दिन हो और श्रवण नक्षत्र दूसरे दिन के अपरान्ह काल में पड़े तो विजयादशमी दूसरे दिन मनाई जाती है। श्रवण नक्षत्र 7 अक्टूबर को सांय 5.24 से प्रारंभ होकर 8 अक्टूबर को रात्रि 8.11 बजे तक रहेगा। चूंकि श्रवण नक्षत्र 8 अक्टूबर के अपरान्ह काल में आ रहा है इसलिए दशहरा पर्व 8 अक्टूबर को ही मनाना शास्त्र सम्मत है।

 सर्वत्र विजय के लिए करें अपराजिता पूजन

सर्वत्र विजय के लिए करें अपराजिता पूजन

दशहरा के दिन देवी अपराजिता की पूजा अपरान्ह काल में करने का विधान है। कहा जाता है अपराजिता की पूजा से मनुष्य को सर्वत्र विजय प्राप्त होती है। शत्रुओं का नाश होता है। परिवार में खुशहाली आती है। इसके लिए घर के ईशान कोण में या उत्तर या पूर्व दिशा की ओर किसी शुभ स्थान में चंदन के लेप से अष्टदल कमल बनाया जाता है। इसके मध्य में अपराजितायै नम: मंत्र के साथ देवी का आह्वान किया जाता है। देवी के दायीं ओर मां जया और बायीं ओर मां विजया का आह्वान करें। इसके बाद षोडशोपचार पूजा करें इसके अलावा सूर्यास्त के समय की अवधि को विजय मुहूर्त कहा जाता है। इस मुहूर्त में कोई कार्य करने से उसमें विजय मिलती है। भगवान श्रीराम ने रावण पर विजय के लिए इसी मुहूर्त में प्रयास किया था। इसलिए इस समय शमी का पूजन किया जाता है। इस दिन शस्त्र पूजा का भी विधान है।

8 अक्टूबर 2019 को अपरान्ह काल

विजय मुहूर्त : दोपहर 2.06 बजे से 2.52 बजे तक

अपरान्ह काल : दोपहर 1.19 से 3.38 बजे तक

Comments
English summary
dussehra 2019 subh muhurt 7 october or 8 october
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X