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Chandra Grahan Story : क्यों लगता है चांद को ग्रहण, क्या है इसके पीछे की कहानी?

By ज्ञानेंद्र शास्त्री
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नई दिल्ली, 18 नवंबर। कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन साल 2021 का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने वाला है। हालांकि भारत में ये ज्यादा प्रभावी नहीं है और केवल पूर्वोत्तर के राज्यों में ये आंशिक रूप से नजर आने वाला है इसलिए इस बार इस ग्रहण का सूतक नहीं लगेगा, बस जिन जगहों पर ये दिखाई देगा वहां पर जरूर ग्रहण का सूतक मान्य होगा। वैसे तो ग्रहण एक खगोलीय घटना है लेकिन धर्म के हिसाब से ग्रहण को अच्छा नहीं माना जाता है। इसके पीछे एक कहानी भी काफी प्रचलित है।

 राहु ने गलती से अमृतपान किया

राहु ने गलती से अमृतपान किया

कहा जाता है कि एक बार समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और असुर के बीच में अमृत को लेकर झगड़ा हो रहा था। तब विवाद का निपटारा करने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धरा और असुरों से बचाकर देवताओं के पास अमृत पहुंचा दिया लेकिन राहु ने अमृतपान कर लिया था। चंद्रमा को जब इस बात की भनक लगी तो उन्होंने भगवान विष्णु को इस बारे में बताया।

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ग्रहण को अच्छा नहीं माना जाता

ग्रहण को अच्छा नहीं माना जाता

ऐसे में भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से उस पर वार किया लेकिन अमृत पान के कारण राहु फिर से जीवित हो गया इस पर भगवान विष्णु ने उसके दो दुकड़े कर दिए ,ऊपर वाला भाग राहु कहलाया और नीचे वाला भाग केतु

इसलिए लगता हैं चांद को ग्रहण

भगवान विष्णु ने दोनों को अलग-अलग दिशा में फेंक दिया, वो दिन पूर्णिमा का था। तब से माना जाता है कि राहु, चंद्रमा का दुश्मन है और तब से ही पूर्णिमा के दिन राहु-केतु चंद्रमा को घेर लेते हैं और उसकी रोशनी को रोक देते हैं। इस वजह से ग्रहण को अच्छा नहीं माना जाता है।

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इस बार का ग्रहण खंडग्रास चंद्र ग्रहण है

इस बार का ग्रहण खंडग्रास चंद्र ग्रहण है

मालूम हो कि इस बार का ग्रहण खंडग्रास चंद्र ग्रहण है, जिसका प्रभाव तीन माह तक माना जाता है। ग्रहण काल में हर किसी को भगवान का ध्यान करना चाहिए और महामृत्युंजय मंत्रों का जाप करना चाहिए।

चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है...

चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है...

वैसे साइंस के हिसाब से जब चंद्रमा और सूर्य के बीच पृथ्वी आ जाती है तो चंद्र ग्रहण लगता है। ये तीनों के सीध में होते हैं इसलिए चांद की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंचती है और अंधेरा हो जाता है।

Comments
English summary
The second and last lunar eclipse or Chandra Grahan of the year is set to take place on the Full Moon day on November 19, 2021. here is Chandra Grahan Story. A lunar eclipse occurs because of Rahu Ketu says Mythology.
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