Chaitra Navratri 2022 : ये हैं नवरात्रि के 9 रंग, क्यों होती हैं रंगों के हिसाब से मां दुर्गा की पूजा?
नई दिल्ली, 02 अप्रैल। आदिशक्ति के पावन दिन यानी कि चैत्र नवरात्र का प्रारंभ आज से होने जा रहा है। इसी दिन से हिंदू नववर्ष की भी शुरुआत होती है। देवी के ये नौ पवित्र दिन बहुत ही पावन होते हैं। देवी के नौ रूप बहुत ही सुंदर और अलौकिक हैं और इनकी अलग-अलग रंगों से पूजा भी की जाती है, जिसका अपना एक खास महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि दिन के रंग को ध्यान में रखते हुए परंपराओं का पालन करने से समृद्धि और खुशी आती है।
आइए आपको बताते हैं कि नवरात्रि के नौ रंगों की पूजा का महत्व
- पहला दिन -पीला रंग: नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री का है, इस दिन का रंग पीला होता है। पीला रंग खुशी और उत्साह का प्रतीक है।
- दूसरा दिन-हरा रंग: नवरात्रि का दूसरा दिन देवी ब्रह्मचारिणी का है। इस दिन का रंग हरा होता है । यह सुख, शांति और समृद्धि् का प्रतीक है।
- तीसरा दिन- ग्रे रंग: नवरात्रि का तीसरा दिन चंद्रघंटा का है। इस दिन का रंग ग्रे है। यह बुराई को नष्ट करने वाला रंग है।
- चौथा दिन-नारंगी रंग: नवरात्रि का चौथा दिन कुष्मांडा का है। इस दिन का रंग नारंगी है। यह खुशी और सकारात्मकता का रंग है।
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- पांचवा दिन-सफेद रंग: नवरात्रि का 5वां दिन स्कंदमाता का है। माता को सफेद रंग पसंद है। यह रंग शांति का मानक है।
- छठा दिन- लाल रंग: नवरात्रि का 6वां दिन कात्यायनी का है। मां के इस रूप को लाल रंग पसंद है। लाल रंग भव्यता और वीरता का मानक है।
- सातवां दिन-रॉयल नीला रंग: नवरात्रि का 7वां दिन मां कालरात्रि का है। रॉयल ब्लू रंग इनका प्रिय है, ये निडरता को दिखाता है।
- आठवां दिन- गुलाबी रंग: नवरात्री का 8वां दिन महागौरी को समर्पित है। मां को गुलाबी रंग पसंद है जो कि प्रेम और खुशी का मानक है।
- नौवां दिन- बैंगनी रंग: नवरात्रि का 9वां दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा करने का होता है। मां को बैंगनी रंग पसंद है जो कि खुशी, शक्ति और वीरता का मानक है।
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नवरात्रि का पर्व प्रेम, उल्लास, शक्ति और तपस्या का प्रतीक है। इस त्योहार के दौरान लोग केवल माता को ही रंग-बिरंगे ढंग से नहीं सजाते बल्कि खुद भी रंग-बिरंगे कपड़ों में सजते हैं। वो अपने घरों को साफ करते हैं और सजाते हैं और पूजा-पाठ करते हैं।
Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि में होती हैं मां दुर्गा के इन नौ रूपों की पूजा
इन मंत्रों से कीजिए मां दुर्गा को प्रसन्न
- सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
- ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
- दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
- या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
- या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
- या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
- या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
- या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
- या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।