Chaitra Navratri 2022: नवरात्रि के पहले दिन होती है मां शैलपुत्री की पूजा,जाानिए शुभ मुहूर्त, मंत्र और आरती
नई दिल्ली, 02 अप्रैल। नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री का होता है । इन्हें प्रथम नवदुर्गा भी कहते हैं। इस दिन मां को सफेद चीजों का भोग जैसे पेड़ा,खीर या नारियल का भोग लगना चाहिए। भक्तगण नवरात्रि के नौ दिन तक उपवास रखते हैं। जो लोग पूरे व्रत नहीं रखते हैं, वो पहले दिन और आखिरी दिन उपवास रखते हैं। मां का ये रूप बहुत ज्यादा प्यारा है। माना जाता है कि शैलपुत्री की पूजा करने से इंसान को अपने सारे कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
ये है पूजा का शुभ मुहूर्त
- प्रथम दिनः 2 अप्रैल दिन शनिवार
- ब्रह्म मुहूर्त- 04:38 am से 05:24 pm
- अभिजित मुहूर्त- 12:00 pm से 12:50 pm
- विजय मुहूर्त- 02:30 pm से 03:20 pm
- गोधूलि मुहूर्त- 06:27 pm से 06:51 pm
- अमृत काल- 08:53 am से 10:32 am
- निशिता मुहूर्त-12:01 am से अप्रैल 03 को 12:47 am
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नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री का होता है
- प्रथम दिन: मां 'शैलपुत्री'
- रूप: सरल, सुंदर, मोहक, सौम्य
- हाथों में पुष्प,
- दूसरे हाथ में त्रिशूल
- वाहन: बैल
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मां शैलपुत्री मंत्र-
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम:।
- वन्दे वांक्षितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम।
- वृशारूढ़ां शूलधरां, शैलपुत्रीं यशस्विनीम।
पंचक समाप्त
पचांग की गणना के अनुसार 2 अप्रैल 2022, शनिवार को प्रात: 11 बजकर 21 मिनट पर पंचक समाप्त होग।
आरती
- शैलपुत्री मां बैल सवार, करें देवता जय जयकार।
- शिव शंकर की प्रिय भवानी।
- तेरी महिमा किसी ने ना जानी।
- पार्वती तू उमा कहलावे।
- जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
- ऋद्धि सिद्धि परवान करे तू।
- दया करे धनवान करे तू।
- सोमवार को शिव संग प्यारी।
- आरती जिसने तेरी उतारी।
Chaitra Navratri 2022: जानिए घट- स्थापना का मुहूर्त और विधि
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- उसकी सगरी आस जगा दो।
- सगरे दुख तकलीफ मिटा दो।
- घी का सुंदर दीप जला के।
- गोला गरी का भोग लगा के।
- श्रृद्धा भाव से मंत्र गाएं।
- प्रेम सहित शीश झुकाएं।
- जय गिरिराज किशोरी।
- शिव मुख चंद चकोरी अंबे।
- मनोकामना पूर्ण कर दो।
- भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।