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Chaitra Navratri 2022: इस बार अश्व पर आएंगी दुर्गा, भैंसे पर जाएंगी

By Pt. Gajendra Sharma
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नई दिल्ली, 30 मार्च। चैत्र नवरात्रि में इस बार देवी दुर्गा का आगमन अश्व पर होगा और प्रस्थान भैंसे पर होगा। नवरात्रि 2 अप्रैल 2022 से प्रारंभ हो रही है और इस दिन शनिवार है इसलिए देवी के आगमन का वाहन अश्व होगा। इसी प्रकार नवरात्रि का समापन 10 अप्रैल रविवार को होगा इसलिए देवी के प्रस्थान का वाहन भैंसा होगा। देवी के आगमन और प्रस्थान के वाहन के अनुसार आगामी छह माह का देश का भविष्य तय होता है।

Chaitra Navratri 2022: इस बार अश्व पर आएंगी दुर्गा, भैंसे पर जाएंगी

देवी भागवत पुराण के अनुसार देवी के आगमन का वाहन नवरात्रि प्रारंभ होने के वार से तय होता है और जाने का वाहन नवरात्रि समाप्त होने के वार के तय होता है। इसके लिए देवी भागवत पुराण में एक श्लोक भी दिया गया है-

  • शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे ।
  • गुरौ शुक्रे च दोलायां बुधे नौका प्रकीर्तिता ।।

अर्थात्- सोमवार या रविवार से नवरात्रि प्रारंभ होती है तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती है। मंगलवार या शनिवार को नवरात्रि प्रारंभ होने पर देवी का वाहन अश्व होता है। गुरुवार या शुक्रवार से नवरात्रि प्रारंभ हो तो देवी डोली में बैठकर आती है। बुधवार से नवरात्रि प्रारंभ होने पर देवी मां नाव पर सवार होकर आती है।

आगमन के वाहन का फल

देवी के आगमन के वाहन के अनुसार शुभ-अशुभ फल का वर्णन भी किया गया है। माता दुर्गा जिस वाहन पर सवार होकर कैलाश पर्वत से पृथ्वी पर आती है उसके अनुसार आगामी छह माह में होने वाली घटनाओं का निर्धारण किया जाता है। देवी भागवत पुराण का एक श्लोक कहता है-

  • गजे च जलदा देवी क्षत्र भंगस्तुरंगमे ।
  • नौकायां सर्वसिद्धिस्या दोलायां मरणंध्रुवम् ।।

अर्थात्- देवी का आगमन हाथी पर होता है तो मेघ खूब बरसते हैं। अश्व पर आती है तो पड़ोसी देशों से और देश के भीतर युद्ध जैसे हालात बनते हैं। देवी नौका पर आती है तो सभी के लिए सुखद और सर्वसिद्धिप्रद होता है और डोली पर आती है तो किसी महामारी की आशंका बनी रहती है।

देवी के जाने का वाहन कैसे तय होता है

नवरात्रि समाप्ति होने के दिन जो वार होता है, उसके अनुसार देवी के प्रस्थान करने का वाहन तय होता है।

  • शशिसूर्ये दिने यदि सा विजया महिषागमने रुज शोककरा ।
  • शनि भौमे दिने यदि सा विजया चरणायुध या निकरी विकला ।।
  • बुध शुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा ।
  • सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्यकरा ।।

अर्थात्- नवरात्रि का समापन रविवार या सोमवार को हो तो देवी भैंसे पर सवार होकर जाती हैं। इससे देश में रोग और शोक में वृद्धि होती है। शनिवार या मंगलवार को देवी के जाने वाहन मुर्गा होता है, इससे कष्टों में वृद्धि होती है। बुधवार या शुक्रवार को नवरात्रि का समापन होने पर देवी हाथी पर जाती हैं जिससे वर्षा अधिक होती है। गुरुवार को नवरात्रि का अंतिम दिन हो तो मां दुर्गा मनुष्य की सवारी पर जाती है। इससे सुख और शांति होती है।

English summary
This year, Chaitra Navratri is starting from 2nd April, hence the Goddess will come riding on a horse. It is considered to be very auspicious.
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