Basant Panchami 2023 Date: बसंत पंचमी आज, जानिए शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि
बसंत पंचमी में सूर्योदय व्यापिनी तिथि को ही मान्यता दी गई है और पंचमी तिथि सूर्योदय के समय 26 को ही है।इसलिए बसंत पंचमी 26 को ही मनाना शास्त्र सम्मत रहेगा।
Basant Panchami 2023 (26 जनवरी): आज माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। यह दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती के पूजन का दिवस भी है। बच्चों का विद्यारंभ संस्कार इसी दिन किया जाता है। इस दिन स्वयंसिद्ध मुहूर्त होता है इसलिए बिना मुहूर्त के विवाह संपन्न किए जाते हैं। इस दिन शिव योग रहने से पंचमी का महत्व और बढ़ गया है।
भ्रम में न रहें, 26 को ही मनेगी पंचमी
इस बार बसंत पंचमी मनाने को लेकर कुछ पंचांगों को लेकर आमजन में भ्रम की स्थिति बन गई थी कुछ पंचांग 25 और कुछ 26 को बसंत पंचमी मनाने की बात कह रहे थे। लेकिन शास्त्रीय प्रमाण के अनुसार बसंत पंचमी 26 जनवरी को ही मनाना उचित और शास्त्र सम्मत है। दरअसल पंचमी तिथि 25 जनवरी को दोपहर 12.34 से प्रारंभ हुई और 26 जनवरी को प्रात: 10.28 पर समाप्त हो जाएगी। इसलिए कुछ पंचांगों का मत था कि पंचमी 25 को मनाई जाए, जबकि यह बिलकुल गलत तथ्य था। बसंत पंचमी में सूर्योदय व्यापिनी तिथि को ही मान्यता दी गई है और पंचमी तिथि सूर्योदय के समय 26 को ही है। इसलिए बसंत पंचमी 26 को ही मनाना शास्त्र सम्मत है। आज शिव योग दोपहर 3.30 तक रहेगा।
स्वयंसिद्ध मुहूर्त
बसंत पंचमी के दिन कोई भी शुभ और मांगलिक कार्य करने के लिए पंचांग शुद्धि देखने की आवश्यकता नहीं रहती। इस दिन बड़ी संख्या में विवाह संपन्न किए जाते हैं। इसके अलावा मुंडन, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश, वाहन खरीदी जैसे शुभ कार्य भी किए जाते हैं। बच्चों के विद्यारंभ संस्कार के लिए यह सर्वथा उपयुक्त दिन होता है। इस दिन मां सरस्वती का पूजन किया जाता है। संगीत की शिक्षा ले रहे विद्यार्थी भी इस दिन सरस्वती माता की विशेष पूजा करते हैं। मां सरस्वती का पीले पुष्पों से श्रंृगार करके पीले पुष्पों का नैवेद्य लगाना चाहिए।
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