शिक्षा मंत्री बोले- हरियाणा में अभी नहीं खुलेंगे स्कूल, फैसले में जल्दबाजी भी नहीं होगी
करनाल। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि कृषि कानून के विरोध पर अड़े किसानों से बातचीत के लिए सरकार हमेशा तैयार है। लेकिन वे खुद ही पंचायत करके फैसले ले रहे हैं तो क्या किया जा सकता है। सरकार किसान हित में लगातार कदम उठा रही है। कृषि कानून को लेकर कोई समस्या आती है तो समाधान करें। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जल्दबाजी में स्कूल खोलने का कोई विचार नहीं है। सोच-समझकर ही निर्णय लिया जाएगा। स्कूल फीस के मामले को लेकर नियम बना रहे हैं कि स्कूल निश्चित मानक के आधार पर ही फीस निर्धारित कर सकेंगे।
शुक्रवार को पंचायत भवन में कष्ट निवारण समिति की बैठक के बाद संवाददाताओं से वार्ता में शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूल खोलने का मामला बहुत संवेदनशील है। इसे लेकर बहुत सोच-समझकर ही निर्णय लिया जाएगा। एसएलसी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में जल्द अहम फैसला लिया जाएगा। इसमें अभिभावकों व स्कूलों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। जरूरतमंदों परिवारों के बच्चों के स्कूलों में प्रवेश से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि वस्तुत: 134 ए की अब आवश्यकता नहीं रही है। संस्कृति माडल स्कूल खोल दिए हैं, वहां दाखिले कराए जा सकते हैं। कोविड के कारण परीक्षाएं नहीं ले सकते थे। निर्धारित मानकों के आधार पर मूल्यांकन करके परिणाम तैयार किया गया है। निश्चित फार्मूले के आधार पर तय समय सीमा में सभी लंबित रिजल्ट भी घोषित कर दिए जाएंगे।
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किसानों की ओर से किए जा रहे आंदोलन पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि कृषि कानून को लेकर भ्रामक बातें फैलाई जा रही है। यह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है। सच यह है कि प्रदेश सरकार किसानों के हित में लगातार पूरी गंभीरता से तमाम जरूरी कदम उठा रही है। इसके फायदे नजर भी आने लगे हैं। बेवजह विरोध का कोई मतलब नहीं है। फिर भी सरकार सदैव बातचीत के लिए तैयार है। आपातकाल की बरसी पर काला दिवस मनाने को लेकर उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर में लोगों को राजनीति के काले अध्याय की हकीकत से परिचित कराने के लिए ही भाजपा काला दिवस मना रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की रिहाई पर उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत संबंध के लिहाज से देखा जाए तो यह जानकर उन्हें अच्छा ही प्रतीत हो रहा है।
15
समस्याएं,
12
का
त्वरित
निस्तारण
शुक्रवार
को
आयोजित
कष्ट
निवारण
समिति
की
बैठक
के
एजेंडे
के
तहत
15
लोगों
की
समस्याएं
शामिल
की
गईं।
इनमें
12
मामलों
में
फरियादी
स्वयं
उपस्थित
हुए।
शिक्षा
मंत्री
कंवरपाल
गुर्जर
और
बैठक
में
मौजूद
प्रशासनिक
अधिकारियों
ने
समस्याएं
सुनीं।
इनमें
अधिकांश
महिला
उत्पीड़न,
कानून
व्यवस्था
और
आम
लोगों
से
जुड़ी
समस्याएं
शामिल
रहीं।
शिक्षा
मंत्री
ने
बताया
कि
उन्होंने
ज्यादातर
समस्याओं
का
मौके
पर
समाधान
कर
दिया,
जिससे
फरियादी
संतुष्ट
हैं।
कुछ
मामलों
में
संबंधित
अधिकारियों
को
आवश्यक
दिशा-निर्देश
दिए
गए
हैं।