छत्तीसगढ़ः राज्यपाल अनुसुइया ने कोरोना के विरुद्ध उठाए गए कदम के लिए बघेल सरकार को सराहा
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगलवार शाम को अचानक राज्यपाल अनुसुईया उइके से मिलने राजभवन पहुंचे। करीब आधे घंटे की मुलाकात में दोनों के बीच कोरोना, फर्जी जाति प्रमाण पत्र और आदिवासियों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को साड़ी भेंट की। वहीं, राज्यपाल ने बघेल को शाल और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया। बघेल के अचानक राजभवन पहुंचने से राजनीतिक गलियारे में कई तरह की चर्चाएं हैं।
वजह यह है कि करीब सप्ताहभर पहले (पांच जुलाई) को सरकार के वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे भी अचानक राज्यपाल से मिलने गए थे। चौबे सीएम के सबसे करीब मंत्रियों में शामिल हैं। इधर, राजभवन के अफसरों ने बताया कि मुलाकात के दौरान राज्यपाल ने प्रदेश में कोरोना से बचाव के लिए किए गए कार्यों के लिए मुख्यमंत्री की सराहना की। साथ ही अनुसूचित क्षेत्रों में नगर पंचायत की स्थापना के संबंध में आवश्यक सुझाव दिए।
उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना, चंदूलाल चंद्राकर चिकित्सा महाविद्यालय के संबंध में भी चर्चा की। उच्च शिक्षा विभाग की समन्वय समिति और आदिवासी मंत्रणा परिषद की बैठक जल्द बुलाने को कहा। उइके ने कहा कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर विभिन्न शासकीय विभागों तथा विश्वविद्यालय स्तर पर नौकरी कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रकरणों का न्यायालय में जल्द सुनवाई कराएं और दोषियों पर वैधानिक कार्रवाई करें।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू और राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो भी उपस्थित थे।
बताते चलें कि राज्यपाल ने पिछले साल मुख्यमंत्री को राखी भेजी थी। उस समय मुख्यमंत्री बघेल ने बदले में उन्हें साड़ी भेंट की थी।