क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Gujarat Election 2022: मतदाताओं के मौन से नेता हैं बेचैन

Google Oneindia News

Gujarat Election 2022: गुजरात में भाजपा भले ही 150 सीट जीतने का दावा करे, लेकिन आम आदमी पार्टी के प्रचार और 27 साल के शासन से उत्पन्न हुई एंटी इनकंबेंसी से भाजपा अंदर ही अंदर भयभीत है। यही कारण है कि गुजरात में मोदी और शाह क़ो खुद कमान सम्भालनी पड़ रही है। इस बात की भी चर्चा है कि मोदी खुद डोर टू डोर अभियान में शरीक होंगे और घर घर मतदान पर्ची भी बांटेंगे।

voters mood in Gujarat Elections assembly 2022

इतना ही नहीं, गुजरात में 27 साल के शासन के बाद भी भाजपा को अपनी पूरी फौज मैदान में उतारनी पडी है। भाजपा के 100 से ज़्यादा सांसद, 150 विधायक तथा 5 मुख्यमंत्री गुजरात में प्रचार अभियान में जुटे है। योगी आदित्यनाथ को उत्तर भारतीय मतदाताओं के प्रभाव वाले सूरत ज़िले की 16 विधानसभा सीटों में प्रचार की कमान दी है।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को महाराष्ट्र से जुड़ी मराठी बाहुल्य सीटों पर डेरा डालने को कहा गया है। तमाम सांसदो और विधायकों को उनकी जाति के प्रभाव वाले क्षेत्रों में जातिवार बैठक और घर घर प्रचार करने के लिए कहा गया है। केंद्रीय मंत्री और आदिवासी नेता अर्जुन मुंडा को आदिवासी क्षेत्रों में प्रचार करने के लिए कहा गया है।

गुजरात के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब गुजरात के मतदाताओं को भाजपा और कांग्रेस के अलावा तीसरे विकल्प के रूप में आम आदमी पार्टी भी उपलब्ध है। अभी तक सभी चुनावों में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा में ही होता रहा है। इस बार आम आदमी पार्टी दोनों दलों का खेल बिगाड़ने के लिए मैदान में ताल ठोक रही है। गुजरात के मतदाता आम आदमी पार्टी और उसके सर्वेसर्वा केजरीवाल को कितना गंभीरता से लेते हैं, इसका पता 8 दिसंबर को चुनाव परिणाम के दिन ही चलेगा, लेकिन भाजपा के सर्वोच्च नेता और देश के प्रधानमंत्री मोदी ने केजरीवाल को पूरी गंभीरता से लिया है।

इसलिए प्रचार को धार देने और मतदाताओं को भाजपा के साथ बनाए रखने के लिए प्रचार की कमान मोदी ने स्वयं संभाल ली है। 19 नवंबर से पांच दिवसीय दौरे पर गुजरात पहुंचे मोदी 16 जिलों में धुआंधार रैलिया कर रहे हैं। मोदी अपने इस चुनावी दौरे में विधानसभा की 109 सीटें कवर करेंगे। 2017 के चुनाव में इन 109 सीटों में से भाजपा को 45 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा मोदी का फोकस आदिवासी बेल्ट भी है। मोदी एसटी की 12 और एससी की 9 सीटें भी अपने प्रचार अभियान में कवर करेंगे।

अपने प्रचार अभियान की शुरूआत मोदी ने शनिवार को वलसाड से की। खास बात यह है कि 1962 से जो भी राजनीतिक दल वलसाड से जीतता है उसकी सरकार गुजरात में बनती है। चुनाव की घोषणा होने से पूर्व भी मोदी ने यहां प्रचार किया था।

रविवार को मोदी ने सोमनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद वेरावल में रेैली की। 2017 के चुनाव में यहां की चारों सीटों पर भाजपा का सफाया हो गया था। सोमवार को मोदी सुरेन्द्र नगर, भरूच और नवसारी में रैली करेंगे। इन तीन जिलों में 14 सीटें आती है।

2017 के चुनाव में भाजपा के हिस्से में इस क्षेत्र की 7 सीटें आई थी। नवसारी भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटील का गढ़ है। भरूच कांग्रेस के दिग्गज अहमद पटेल का गढ़ रहा है। मंगलवार को मोदी महेसाणा, दाहोद, वडोदरा और भावनगर के लिए चुनाव प्रचार करेंगे।

इन चार जिलों की 30 सीटों में से 2017 में भाजपा नेे 22 सीटें जीती थी। बुधवार को मोदी बनासकांठा, गांधीनगर, खेड़ा और अहमदाबाद में रैली करेंगे। इन चार जिलों में 41 सीटें आती है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इन 41 सीटों में से 23 सीटें जीती थी।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अपने गृह प्रदेश गुजरात में आक्रामक प्रचार अभियान यह संदेश देने के लिए पर्याप्त है कि गुजरात में 27 साल से काबिज भाजपा न तो कांग्रेस को हल्के से ले रही है और न ही आप पार्टी को। 2017 के चुनाव में कांग्रेस से मिली तगड़ी चुनौती को भाजपा भूली नहीं है। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के कान के पास से गोली निकल गई थी। भाजपा को 99 और कांग्रेस को 77 सीट मिली थी। लेकिन 2017 के बाद कांग्रेस के 12 विधायकों ने बगावत कर भाजपा का दामन थाम लिया था।

इस बार कांग्रेस से ज्यादा आम आदमी पार्टी की चर्चा है। सरकार विरोधी लहर को रोकने के लिए मोदी ने गुजरात में विजय रूपाणी की जगह भूपेन्द्र पटेल को मुख्यमंत्री बनाने के साथ पूरी कैबिनेट बदल डाली थी। अगर भाजपा का यह प्रयोग गुजरात में सफल रहता है और भाजपा 115 सीटें जीत जाती है तो इस फार्मूले को अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है। अगर भाजपा की सीटें 100 के आस पास रहती है तो मोदी और शाह के लिए अन्य राज्यों में प्रयोग करना आसान नहीं होगा। 2024 के लिए मोदी को नए सिरे से रणनीति बनानी पड़ेगी।

गुजरात मे तीसरे विकल्प के रूप में दस्तक दे रही आम आदमी पार्टी यदि इस चुनाव में 10 से ज्यादा सीटें जीतती है तो यह बड़ी जीत मानी जाएगी और आप को भविष्य में भाजपा के विकल्प के रूप में देखा जाएगा। केजरीवाल भी गुजरात में बेहतर प्रदर्शन कर मोदी के समकक्ष अपना कद बताने की कोशिश करेंगे। यदि आप पार्टी 5-7 सीटों तक सिमट जाती है तो इसे मोदी के सामने राष्ट्रीय नेता के रूप में खड़े होने की केजरीवाल की मुहिम को बड़े झटके के रूप में देखा जाएगा।

भाजपा को इस चुनाव में इस बात से राहत है कि इस बार हार्दिक पटेल के नेतृत्व में पाटीदार आंदोलन, अल्पेश ठाकोर के नेतृत्व में ओबीसी आंदोलन, जिग्नेश मेवाणी के नेतृत्व में दलित अधिकार आंदोलन जैसे कोई आंदोलन नहीं है जो 2017 में हुए थे और इन आंदोलनों ने भाजपा को जमीन सुंघा दी थी।

2017 में इन आंदोलनों ने गुजरात सरकार के खिलाफ असंतोष पैदा कर दिया था जिसका खामियाजा भाजपा को 99 सीटें पर अटक कर भुगतना पड़ा था। अब हार्दिक पटेल और अल्पेश ठाकोर भाजपा से चुनाव लड़ रहे है और जिग्नेश मेवाणी कांग्रेस से उम्मीदवार है।

गुजरात की जमीन से जुड़े रहने वाले नरेंद्र मोदी ने राज्य की भाजपा सरकार के प्रति जमीनी स्तर पर उपज रही नाराजगी की भनक मिलने के बाद मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के साथ साथ पूरी कैबिनेट को हटा दिया था और सबको आश्चर्यचकित करते हुए पहली बार विधायक बने भूपेन्द्र पटेल को प्रदेश की कमान सौंप दी थी।

लेकिन इसके बाद भी भाजपा को जनता के जिन सवालों से सामना करना पड़ रहा है उनमें मंहगाई, बेरोजगारी, मंहगी पढ़ाई, खराब सड़कें, गांवों में स्वास्थ सुविधाओं की कमी के साथ मंहगी बिजली शामिल है। कांग्रेस और आप, भाजपा से प्रदेश के 27 सालों की सत्ता और केन्द्र के 8 सालों का हिसाब पूछ रही हैं और भाजपा जनता से आम आदमी पार्टी को घुसपैठिया बताकर सतर्क रहने और दूर रहने की सलाह दे रही है।

मोदी इस बात को समझते हैं कि जीत का सेहरा और हार का ठिकरा उनको ही अपने कंधों पर ढोना है इसलिए वह अपने गृह प्रदेश में अपनी पूरी ताकत झोंककर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को रोकने की कोशिश कर रहे है। फिलहाल गुजरात में हर दल सकते में है क्योंकि इस बार गुजरात का मतदाता मौन है जिसकी वजह से हर दल का नेता बैचेन है।

यह भी पढ़ें: Medha Patkar: मेधा पाटकर कैसे बन गई गुजरात का चुनावी मुद्दा

(इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. लेख में प्रस्तुत किसी भी विचार एवं जानकारी के प्रति Oneindia उत्तरदायी नहीं है।)

Comments
English summary
voters mood in Gujarat Elections assembly 2022
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X