टीएमसी ने बीजेपी और ईसी पर बोला हमला, कहा-‘कोविड मरीजों के खून' से सने हैं BJP और EC के हाथ
कोलकाता, अप्रैल 28: बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार और निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके हाथ कोविड-19 मरीजों के खून से सने हैं क्योंकि कोरोनावायरस के गंभीर खतरे को उन्होंने नजरअंदाज किया। टीएमसी सांसद ने कहा कि, नजरअंदाज किए जाने के कारण ही अप्रैल महीने के दौरान पश्चिम बंगाल में महामारी फैलती चली गई।
टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने संवाददाताओं से कहा कि अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोविड-19 मामलों में उछाल के बावजूद 50 रैलियों को संबोधित किया। कोविड-19 के मामलों में लगातार बढ़ोतरी के बावजूद हर दिन औसतन दो जनसभा आयोजित की गयी। उन्होंने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि, उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने अंतिम तीन चरण के चुनाव एक साथ कराने के तृणमूल कांग्रेस के अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया।
सौगत राय ने कहा कि, चुनाव आयोग की मनमानी के कारण अंतिम के दो चरण में 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को मतदान कर्मियों समेत 1.4 करोड़ से ज्यादा लोगों के संक्रमित होने का खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि, केंद्र और निर्वाचन आयोग के हाथों पर कोविड-19 मरीजों का खून हैं क्योंकि उन्होंने लोगों के स्वास्थ्य के खतरे पर विचार करने इनकार कर दिया और अपने एजेंडे पर अड़े रहे ।
कोरोना संकट में भारत की मदद के लिए स्विट्जरलैंड ने भी बढ़ाया हाथ, भेजेगा ऑक्सीजन...
सौगत राय ने कहा, 'केंद्र में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार और निर्वाचन आयोग के कदमों के कारण अप्रैल में पश्चिम बंगाल में महामारी फैलती गयी। यह वायरस मार्च में सक्रिय नहीं था, उस समय कम संख्या में कोरोना के मामले आ रहे थे। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह कोरोनोवायरस के टीकाकरण के संबंध में लोगों को गुमराह कर रही है। रॉय ने टीकाकरण अभियान में कुप्रबंधन पर हमला बोला और कहा कि कुछ निजी अस्पताल अब कह रहे हैं कि वे केवल दूसरी खुराक का प्रबंध कर सकते हैं, पहले वाली का नहीं।