कोलकाता का 'बुर्ज खलीफा' पंडाल किया गया सील, भारी भीड़ को देखते हुए रद्द करनी पड़ी ट्रेनें
नई दिल्ली, अक्टूबर 14: देशभर में माता दुर्गा के भव्य पंडाल बनाए गए हैं। कोलकाता में इसकी अलग धूम देखने को मिलती है। यहां पर अलग-अलग थीम पर दुर्गा पंडाल बनाए गए हैं। लेकिन इस बार एक पंडाल ने लोगों को अपनी ओर काफी आकर्षित किया है। दुबई की गगनचुंबी इमारत बुर्ज खलीफा की थीम पर डिजाइन किए गए कोलकाता के श्री भूमि पूजा पंडाल को देखने वालों की भीड़ जुट रही है। 'बुर्ज खलीफा' की डिजाइन में बने दुर्गा पूजा पंडाल को ज्यादा भीड़ आने की वजह से बंद करना पड़ा है। बुर्ज खलीफा की प्रतिकृति की एक झलक पाने के लिए पंडाल में भारी भीड़ आ रही है।
बुर्ज खलीफा की तर्ज पर कोलकाता में तैयार दुर्गा पूजा पंडाल में आ रही लोगों की भारी भीड़ ने प्रशासन को चिंता में डाल दिया है। जिसके बाद प्रशासन ने कोविड-19 के प्रसार की आशंकाओं के मद्देनजर बुधवार देर रात इस पंडाल को लोगों के लिए बंद कर दिया है। यही नहीं पूर्वी रेलवे को आसपास के इलाकों से पंडाल देखने आने वालों को शहर में आने से रोकने के लिए कुछ ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है।
राज्य के अग्निशमन मंत्री सुजीत बोस ने कहा कि, चूंकि हर दिन भीड़ बढ़ रही थी, इसलिए पुलिस और पूजा समिति ने संयुक्त रूप से निर्णय लिया कि किसी भी तरह की दुर्घटनाओं से बचने के लिए पंडाल में आने वालों को पंडाल में जाने से रोका जाए। हालांकि पंडाल के कार्यक्रमों को वर्चुअली प्रसारित किया जाएगा। बोस के संरक्षण में श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब पूजा पंडाल को बुर्ज खलीफा गगनचुंबी इमारत के आकार में बनाया गया था। जिसके बाद ये इस साल एक प्रमुख भीड़ खींचने वाला पंडाल बन गया।
इससे पहले सोमवार को कम से कम तीन पायलटों ने सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) टावर से शिकायत की थी कि उन्हें उतरने में दिक्कत हो रही है। जिसके बाद पंडाल का लेजर शो बंद करना पड़ा था। हवाई अड्डा लोकप्रिय पूजा स्थल के करीब स्थित है। आयोजकों में से एक दिव्यांशु गोस्वामी ने कहा कि बुधवार शाम में लेजर शो रद्द करना पड़ा क्योंकि भीड़ आगे बढ़ने का नाम नहीं ले रही थी और पंडाल के रास्ते में खड़ी थी। इससे कोविड-19 संबंधी सुरक्षा समस्या पैदा हो गई।
बिधाननगर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, मनुष्य के जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है। पंडाल में लोगों की एंट्री बैन का फैसला पूजा समिति के साथ संयुक्त रूप से लिया गया है। यह अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगा। केवल स्थानीय निवासियों को ही अनुमति दी जाएगी। भले ही कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पंडालों के अंदर आगंतुकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था और आयोजकों को बैरिकेड्स लगाने का आदेश दिया था, लेकिन हजारों लोग शहर के 'बुर्ज खलीफा' पंडाल और अन्य पंडालों के बैरिकेड्स के बाहर इकट्ठा हो रहे थे।
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कोलकाता और साल्ट लेक में आने वाले जिलों से लोगों को रोकने के लिए पूर्वी रेलवे को कुछ विशेष ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। रेलवे के अधिकारी ने कहा कि, हालांकि लोकल ट्रेनें अभी नहीं चल रही हैं, रेलवे कर्मचारियों और स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए कुछ विशेष ट्रेनें चल रही थीं। लेकिन लोग कोलकाता आने के लिए उनमें सवार हो रहे थे। लोगों की आवाजाही को रोकने के लिए सियालदह और हावड़ा मंडल में ऐसी करीब 13 जोड़ी ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है।