Durga Puja Holiday : 30 सितंबर से 12 दिनों की छुट्टी, CM ममता बनर्जी ने किया ऐलान
Durga Puja Holiday पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल ने 10 दिनों के सरकारी अवकाश का ऐलान किया है। Durga Puja Holiday cm mamata banerjee west bengal govt dussehra vacation
कोलकाता,
22
अगस्त
:
दुर्गा
पूजा
के
लिए
सरकारी
अवकाश
30
सितंबर
से
10
अक्टूबर
तक
रहेगा।
पश्चिम
बंगाल
की
सीएम
ममता
बनर्जी
ने
कहा
कि
दुर्गा
पूजा
की
छुट्टी
12
दिनों
की
होगी।
उन्होंने
कहा,
पिछले
साल
दुर्गा
पूजा
समितियों
को
50,000
रुपये
की
वित्तीय
सहायता
मिली
थी।
इस
साल
समितियों
को
60,000
रुपये
मिलेंगे।
उन्होंने
कहा
कि
पूजा
समितियों
द्वारा
बिजली
शुल्क
में
छूट
को
मौजूदा
50
प्रतिशत
से
बढ़ाकर
60
प्रतिशत
किया
जाएगा।
कोलकाता
की
दुर्गापूजा
UNESCO
की
सूची
में
भी
शामिल
है।
गौरतलब
है
कि
यूनेस्को
के
निदेशक
एरिक
फाल्ट
अपनी
टीम
के
साथ
दुर्गा
पूजा
के
उत्सव
के
लिए
अगले
सप्ताह
कोलकाता
का
दौरा
करेंगे।
पूजा में सरकारी मदद राजनीतिक मुद्दा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने सामुदायिक दुर्गा पूजा के आयोजकों के साथ समन्वय बैठक की अध्यक्षता करने के बाद सहायता राशि और बिजली बिल में छूट का ऐलान किआ। बता दें कि टीएमसी सरकार ने 2018 में सामुदायिक दुर्गा पूजा क्लबों को आर्थिक मदद देने का फैसला किया था। तब से हर साल दुर्गा पूजा समारोह अक्सर एक राजनीतिक मुद्दा भी बनता रहा है।
10 दिवसीय त्योहार देवी दुर्गा को समर्पित
गौरतलब है कि हिंदू कैलेंडर (सितंबर-अक्टूबर) के तहत आश्विन महीने के शुक्ल पक्ष में मनाया जाने वाला दुर्गा पूजा पश्चिम बंगाल का प्रमुख वार्षिक त्योहार है। यह भारत के अन्य हिस्सों में भी मनाया जाता है, लेकिन विशेष रूप से बंगाली समुदाय के लोगों के बीच दुर्गापूजा का विशेष उत्साह दिखता है। 10 दिवसीय त्योहार देवी दुर्गा की पूजा का प्रतीक है।
मूर्तिकारों और कलाकारों की उपासना
दुर्गा पूजा यानी नवरात्र का त्योहार शुरू होने से कुछ महीने पहले, कोलकाता में कारीगरों की मूर्तिकला भी देखने योग्य होती है। गंगा नदी के तल से निकली हुई मिट्टी का इस्तेमाल कर भगवती देवी दुर्गा और देवी लक्ष्मी, सरस्वती, भगवान कार्तिक और भगवान गणेश की मूर्तियां बनाई जाती हैं।
विजया दशमी के दिन अनुष्ठान की पूर्णाहुति
शारदीय नवरात्र की शुरुआत महालया के दिन से होती है। 'प्राण प्रतिष्ठा' और अनुष्ठान देवी की मूर्ति पर आंखों का चित्रण कर किया जाता है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी तिथि को श्रद्धालु बड़ी संख्या में दुर्गा पूजा पंडाल में देवी का दर्शन करने उमड़ते हैं। नवरात्र के अंतिम चार दिन विशेष महत्व के होते हैं। इन दिनों में विशेष अनुष्ठान होते हैं। उत्सव का समापन 10वें दिन यानी विजया दशमी को होता है। मूर्तियों को नदी में विसर्जित किया जाता है।
धर्म से परे है Durga Puja, ढाक की गूंज
दुर्गा पूजा का महत्व धर्म से परे है। करुणा, भाईचारे, मानवता, कला और संस्कृति के उत्सव के रूप में लोकप्रिय दुर्गापूजा है। रंग-बिरंगी लाइटों की सजावट से कोलकाता शहर दूधिया रौशनी में सराबोर रहता है। पूरे शहर में 'ढाक' की आवाज गूंजती है। नए कपड़ों और लजीज खानों के शौकीन लोगों के बीच नौ दिनों तक मौज-मस्ती का मूड बना रहता है।
Durga Puja in Kolkata
यह भी दिलचस्प है कि यूनेस्को ने विगत 15 दिसंबर को "कोलकाता में दुर्गा पूजा" को "मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची" में शामिल किया है। UNESCO ने ट्वीट किया था, "बधाई हो! दुर्गा पूजा अब मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की यूनेस्को प्रतिनिधि सूची में (UNESCO Representative List of the Intangible Cultural Heritage of Humanity) है। Intangible Cultural Heritage सूची में भारत के 14 तत्वों को शामिल किया गया है।
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