Bengal election 2021:भाजपा जीती तो कौन बनेगा मुख्यमंत्री, दिलीप घोष का बहुत बड़ा दावा
कोलकाता: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और मेदिनीपुर से पार्टी सांसद दिलीप घोष ने मंगलवार को बंगाल में बीजेपी की जीत पर मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर बहुत बड़ा दावा किया है। उन्होंने ये भी कहा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी के पक्ष में पहले तो 'स्ट्रॉन्ग अंडरकरेंट' था, जो कि अब सतह पर भी दिखाई देने लगा है। इसी के साथ उन्होंने कह दिया है कि यह जरूरी नहीं कि पार्टी की जीत के बाद कोई सीटिंग एमएलए ही मुख्यमंत्री बने। गौरतलब है कि भाजपा में सीएम पद के दावेदारों में खुद इनका भी नाम शामिल रहा है। घोष ने यह भी भरोसा जताया है कि उन्हें यकीन है कि पार्टी के पक्ष में राज्य में जो माहौल दिख रहा है, वह आखिरी चरण तक बरकरार रहेगा।
बंगाल में सिर्फ बीजेपी को ही जीत का विश्वास- दिलीप घोष
न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में बंगाल भाजपा के अध्यक्ष ने कहा है कि, 'पहले चरण की वोटिंग के बाद सिर्फ बीजेपी को ही जीत का विश्वास है, जबकि टीएमसी और इसके नेता घबराए हुए हैं। जैसे-जैसे चुनाव आगे बढ़ेगा, बीजेपी ने पहले चरण में जो ट्रेंड सेट किया है, उसमें और रफ्तार आएगी और हर चरण के बाद टीएमसी के कार्यकर्ता अपनी हार महसूस करने लगेंगे।' गौरतलब है कि बीजेपी ने इस चुनाव में प्रदेश में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो समेत लोकसभा के तीन सीटिंग एमपी और एक राज्यसभा सांसद स्पन दासगुप्ता को टिकट दिया है, लेकिन इसमें दिलीप घोष शामिल नहीं हैं। हालांकि, दासगुप्ता को बाद में अपनी संसद सदस्यता छोड़नी पड़ी है।
'जरूरी नहीं है कि सीटिंग एमएलए ही मुख्यमंत्री बने'
जब घोष से पूछा गया कि अगर बीजेपी जीतती है तो क्या उनकी पार्टी किसी सीटिंग एमएलए को ही मुख्यमंत्री बनाएगी तो उन्होंने कहा, 'इसको लेकर तो पार्टी फैसला करेगी, लेकिन जरूरी नहीं है कि सीटिंग एमएलए ही मुख्यमंत्री बने......जब ममता जी मुख्यमंत्री बनी थीं तो वो एमएलए नहीं थीं।' घोष का यह बयान इसीलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्हें भी इस पद का एक मजबूत दावेदार माना जा रहा है। जब उनसे पहले फेज के चुनाव के बाद गृहमंत्री अमित शाह के उस दावे को लेकर सवाल किया गया, जिसमें उन्होंने 30 में से 26 सीटें जीतने का दावा किया है तो वो बोले कि राज्य में लोग अब डर नहीं रहे हैं और स्वतंत्र रूप से वोटिंग कर रहे हैं। इसीलिए 'बीजेपी के पक्ष में जो मजबूत अंडरकरेंट था, वह अब ओवरकरेंट बन चुका है' और यह नतीजों में भी दिखाई पड़ेगा।
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जय श्रीराम आम जनों का नारा बन चुका है-घोष
दिलीप घोष के मुताबिक कोलकाता और आसपास के जिलों में बीजेपी पहले उतनी मजबूत नहीं थी, लेकिन उसने जो कड़ी मेहनत की है, उसका नतीजा अब दिखाई पड़ेगा। यही नहीं भाजपा के 'जय श्रीराम' के नारे पर उन्होंने कहा है कि 'यह अब सिर्फ एक मंत्र नहीं रह गया है, यह बंगाल के आम जनों का नारा बन चुका है, जो परिवर्तन चाह रहे हैं और यह टीएमसी के उत्पीड़न के खिलाफ उनकी भावना का प्रदर्शन है।' घोष पहले आरएसएस प्रचारक थे। 2014 में वह बीजेपी में शिफ्ट हो गए और 2015 में उन्हें बंगाल में पार्टी का महासचिव बना दिया गया। संघ में रहते हुए पार्टी के लिए धरातल पर किया गया उनका काम 2016 के विधानसभा चुनाव में नजर आया जब उन्होंने पश्चिमी मेदिनीपुर की खड़गपुर सदर सीट से लगातार सात बार से विधायक रहे कांग्रेस के दिग्गज ग्यान सिंह सोहनपाल को हरा दिया। उस चुनाव में भाजपा को बंगाल में सिर्फ 3 सीटें मिली थीं।
पीएम मोदी बता चुके हैं पार्टी का गौरव
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खड़गपुर की एक रैली में उनकी जमकर सराहना की थी और कहा था कि इनके जैसे प्रदेश अध्यक्ष का होना पार्टी के लिए गौरव की बात है, जिन्होंने पार्टी की सेवा के लिए अपनी निजी जिंदगी का त्याग कर दिया। बीजेपी 2019 के लोकसभा चुनाव से बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ सबसे प्रबल दावेदारी बनकर उभरी है, जब उसने 42 में 18 सीटें जीती थी। 294 सीटों वाले बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए इसबार 8 चरणों में वोटिंग हो रही है, पहला चरण 27 मार्च को हुआ था और अगले फेज की वोटिंग 1 अप्रैल को होनी है। आखिरी चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा।
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