प्रभु श्रीराम द्वारा रामेश्वर में एक मुट्ठी रेत से स्थापित किया गया है शिवलिंग, दर्शन को उमड़ती है भारी भीड़
वाराणसी के रामेश्वर में प्रभु श्रीराम द्वारा एक मुट्ठी रेत से स्थापित किया गया है शिवलिंग, सावन माह में यहां दर्शन करने के लिये काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं
वाराणसी, 14 जुलाई : सावन माह में काशी के सभी मंदिरों और शिवालयों में भक्तों द्वारा दर्शन पूजन किया जा रहा है। काशी में स्थित हर एक मंदिर का एक अपना अलग इतिहास है। इसी तरह का एक मंदिर काशी पंचकोशी परिक्रमा के तीसरे पड़ाव स्थल रामेश्वर में स्थित है। कहा जाता है कि प्रभु श्रीराम द्वारा एक मुट्ठी रेत से यहां पर शिवलिंग स्थापित किया गया। सावन में वाराणसी समेत आसपास के जनपदों से काफी संख्या में लोग रामेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं।
रावण
वध
का
प्रायश्चित
करने
आए
थे
श्री
राम
कहा
जाता
है
कि
रावण
का
वध
करने
के
बाद
प्रभु
श्री
राम
काफी
पंचकोसी
परिक्रमा
करने
आए
थे।
परिक्रमा
के
दौरान
प्रभु
श्री
राम
इस
स्थान
पर
रात्रि
में
विश्राम
किए
थे।
यहीं
पर
वरूणा
नदी
से
एक
मुट्ठी
रेत
निकाल
कर
उसी
रेत
से
प्रभु
श्री
राम
ने
यहां
पर
शिवलिंग
स्थापित
किया
था।
इसके
अलावा
मंदिर
परिसर
में
ही
सोमेश्वर,
द्यावाभूमिश्वर,
अग्नेश्वर,
नहूषेश्वर,
भरतेश्वर,
लक्ष्मणेश्वर,
शत्रुध्नेश्वर
आदि
शिवलिंग
भी
स्थापित
हैं।
मंदिर
परिसर
में
ही
देव
पंचायत
लिंग
है,
जिसमें
16
शिवलिंग
एक
साथ
स्थापित
हैं।
दर्शन
मात्र
से,
मिलती
है
पापों
से
मुक्ति
मंदिर
के
पुजारी
आचार्य
अन्नू
तिवारी
बताते
हैं
कि
रामेश्वर
महादेव
का
दर्शन
करने
से
पापों
से
मुक्ति
मिल
जाती
है।
सावन
माह
में
भक्तों
द्वारा
यहां
बिल्वपत्र,
चंदन,
पुष्प,
चावल
आदि
चढ़ाया
जाता
है
तथा
दुग्धाभिषेक
और
रुद्राभिषेक
की
भी
परंपरा
है।
यहां
पर
वाराणसी
के
अलावा
मिर्जापुर,
जौनपुर,
भदोही,
चंदौली
आदि
जनपदों
से
भी
श्रद्धालु
दर्शन
करने
के
लिए
आते
हैं।
सोमवार
को
काफी
संख्या
में
आएंगे
भक्त
सावन
माह
के
पहले
दिन
हजारों
की
संख्या
में
भक्तों
ने
आज
रामेश्वर
महादेव
मंदिर
में
दर्शन
पूजन
किया।
रामेश्वर
महादेव
मंदिर
के
पुजारी
पंडित
अन्नू
तिवारी
ने
बताया
कि
कोरोना
संक्रमण
के
चलते
2
वर्ष
तक
भक्तों
व
कावड़ियों
का
आवागमन
नहीं
हो
पाया।
सोमवार
काफी
संख्या
में
भक्तों
के
पहुंचने
का
अनुमान
है।
वहीं
उन्होंने
यह
भी
कहा
कि
पेयजल,
प्रकाश,
साफ-सफाई
आदि
कर
ली
गयी
है।
मंदिर
में
लगने
वाले
मेला
में
चिकित्सा
व्यवस्था
के
लिये
सेवापुर
पीएचसी
से
चिकित्सकों
की
टीम
भी
मौजूद
रहेगी।
स्वयंसेवकों
द्वारा
की
जायेगी
श्रद्धालुओं
की
सेवा
रामेश्वर
मंदिर
परिसर
में
स्थित
राधाकृष्ण
मंदिर
के
महंत
राममूर्ति
दास
उर्फ
मद्रासी
बाबा
ने
बताया
कि
सावन
माह
में
श्रद्धालुओं
की
काफी
भीड़
यहां
पहुंचती
है।
जिला
प्रशासन
और
मंदिर
के
स्वयंसेवकों
द्वारा
श्रद्धालुओं
और
कांवड़ियों
की
सेवा
की
जाती
है
और
उनका
सुरक्षा
भी
किया
जाता
है।
कावड़ियों
के
विश्राम
के
लिए
मंदिर
परिसर
में
ही
व्यवस्था
की
गई
है।
ये भी पढ़ें- हरदोई की महिला की अमेरिका में हुई शादी, सुहागरात पर पता चला 'नपुंसक' है पति, फिर ससुर ने कही ये 'गंदी' बात