विजय बहुगुणा का दिवाली बम हुआ फुस्स, 15 दिन की डेडलाइन पूरी लेकिन नहीं दिखा कोई कमाल
पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने कांग्रेस में 15 दिन में बडा उलटफेर का किया था दावा
देहरादून, 11 नवंबर। उत्तराखंड में चुनाव से पहले दलबदल को लेकर पिछले दिनों चढ़ा सियासी पारा अचानक से गिर गया है। खास बात ये है कि उत्तराखंड की राजनीति में 15 दिन का अल्टीमेटम देने वाले पूर्व सीएम विजय बहुगुणा भी अब तक कुछ खास कमाल नहीं कर पाए हैं। जिससे बहुगुणा के धुर विरोधियों को एक बार फिर उन पर हमला करने का मौका मिल गया है।
भाजपा
ने
शुरू
किया,
कांग्रेस
ने
दिया
झटका
भाजपा
ने
विधानसभा
चुनाव
से
पहले
3
विधायकों
को
अपने
पाले
में
लाकर
दलबदल
का
खेल
शुरू
किया।
धनोल्टी
विधायक
प्रीतम
पंवार,
पुरोला
विधायक
राजकुमार
और
निर्दलीय
विधायक
राम
सिंह
कैडा
को
भाजपा
ने
अपने
पाले
में
ला
दिया।
जिसमें
से
राजकुमार
कांग्रेस
के
सिंबल
पर
चुनाव
जीतकर
आए।
इसके
बाद
कांग्रेस
ने
यशपाल
आर्य
और
उनके
बेटे
संजीव
आर्य
को
एक
साथ
कांग्रेस
ज्वाइन
कराकर
भाजपा
के
दो
विधायकों
को
अपने
पाले
में
खिंच
लिया।
इस
दौरान
कैबिनेट
मंत्री
हरक
सिंह
और
विधायक
उमेश
शर्मा
के
कांग्रेस
में
जाने
की
अटकलें
भी
लगने
लगी।
हरक
सिंह
और
पूर्व
सीएम
हरीश
रावत
में
भी
अचानक
नजदीकियां
बढ़ने
लगी।
कयास
शुरू
हुए
कि
हरक
सिंह
भाजपा
छोड़
सकते
हैं।
लेकिन
इस
बीच
पूर्व
सीएम
विजय
बहुगुणा
27
नवंबर
को
देहरादून
पहुंचे
और
अचानक
एक्टिव
हो
गए।
दावा
किया
गया
कि
भाजपा
हाईकमान
ने
हरक
सिंह
और
नाराज
विधायकों
को
मनाने
के
लिए
विजय
बहुगुणा
को
भेजा
है।
इसके
बाद
बहुगुणा
ने
दावा
किया
कि
15
दिन
के
अंदर
कांग्रेस
में
कुछ
बड़ा
उलटफेर
होगा।
लेकिन
15
दिन
गुजर
जाने
के
बाद
भी
कांग्रेस
के
अंदर
कुछ
बड़ा
बदलाव
होता
नजर
नहीं
आ
रहा
है।
बहुगुणा
खेमे
के
कांग्रेस
के
पूर्व
विधायकों
के
भाजपा
में
आने
की
चर्चांए
तेज
हो
गई।
लेकिन
सारे
कयास
फिलहाल
शांत
हो
गए
हैं।
हरक सिंह को मिली खास तवज्जो
विजय बहुगुणा के उत्तराखंड आने से एक बड़ा बदलाव जो नजर आया वो है हरक सिंह की चुप्पी, जिस तरह से हरक सिंह लगातार बयानबाजी करते हुए नजर आ रहे थे। उस पर कुछ विराम जरुर लगा है। इतना ही नहीं हरक सिंह का भाजपा के कार्यक्रमों में कद बढ़ता हुआ नजर आया है। गृह मंत्री अमित शाह देहरादून आए तो हरक सिंह और विजय बहुगुणा के साथ एक ही टेबल पर लंच करते हुए नजर आए। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ कार्यक्रम में हरक सिंह पीएम के साथ मंच पर नजर आए। वो भी जब मंच पर सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल और विजय बहुगुणा जैसे चेहरे नदारद थे। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि हरक सिंह की नाराजगी और बयानों का असर भाजपा के अंदरखाने तो नजर आ रहा है। हरक सिंह का जिस तरह से कद बढ़ा है, उससे हरक सिंह के कांग्रेस में जाने की अटकलों पर फिलहाल विराम लग चुका है।
कांग्रेस महामंत्री संगठन मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि
साढ़े 4 साल तक पूर्व सीएम विजय बहुगुणा कहीं नजर नहीं आए। अचानक से एक दिन प्रकट होकर लंबे समय बाद उत्तराखंड आए। उसके बाद बड़े-बड़े दावे कर रहे थे। लेकिन 15 दिन में कुछ ऐसा कमाल नहीं कर पाए। जिससे उनकी भाजपा के अंदर कद बढ़ पाता।