बद्रीनाथ मंदिर के द्वार शीतकाल के लिए आज होंगे बंद, 20 क्विंटल गेंदा-कमल और अन्य फूल चढ़ाए गए
देहरादून। विश्व-प्रसिद्ध बद्रीनाथ मंदिर अब शीतकालीन अवकाश के लिए बंद हो रहा है। हिमालय की तलहटी में स्थित इस मंदिर के कपाट बंद करने की शुभ-तिथि की घोषणा दशहरे के मौके पर की गई थी। आज यानी कि, शनिवार शाम 6:45 बजे इसे भक्तों के लिए कई महीनों तक बंद कर दिया जाएगा। उत्तराखंड-चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के प्रवक्ता हरीश गौर ने बताया कि, स्थानीय मंदिर निकायों और पुजारियों द्वारा ज्योतिषीय गणना के माध्यम से चार धाम मंदिरों के कपाट बंद करने का शुभ समय आ गया था। जिसके बाद ही फैसला लिया गया।

उत्तराखंड में बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद किए जाने के दौरान भव्य तैयारियों के बीच 20 क्विंटल गेंदा, कमल और अन्य फूल मंगवाए गए। इससे पहले विजयदशमी के अवसर पर घोषित वार्षिक समापन समारोह को देखने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में बद्रीनाथ धाम पहुंचे थे। उत्तराखंड के लोकप्रिय मंदिर को शीतकालीन अवकाश से पहले बंद करने के बारे में हरीश गौर ने कहा कि, आज इस मंदिर के कपाट शाम 6:45 बजे से बंद हो जाएंगे।
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इससे पहले 6 नवंबर को भाई दूज के अवसर पर परंपरा के अनुसार केदारनाथ और यमुनोत्री के कपाट बंद कर दिए गए थे, जबकि तुंगनाथ मंदिर 30 अक्टूबर को शीतकालीन अवकाश के लिए बंद कर दिया गया था। गौर ने कहा कि केदार श्री मदमहेश्वर मंदिर 22 नवंबर को बंद हो जाएगा और श्री मदमहेश्वर मेला 25 नवंबर को लगेगा।
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गौरतलब हो कि, नैनीताल उच्च न्यायालय द्वारा तीर्थयात्रा पर से प्रतिबंध हटाने के बाद इस साल 18 सितंबर को शुरू हुई चार धाम यात्रा में 1.14 लाख से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे थे। आंकड़ों के मुताबिक, रोज हजारों तीर्थयात्रियों में से बद्रीनाथ के लिए 1000, केदारनाथ के लिए 800, गंगोत्री के लिए 600 और यमुनोत्री मंदिरों के लिए 400 को दर्शन की अनुमति दी गई थी।