जोशीमठ पहुंचे सीएम त्रिवेंद्र रावत, तपोवन सुरंग में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का लिया जायजा
जोशीमठ पहुंचे सीएम त्रिवेंद्र रावत, तपोवन सुरंग में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशान का लिया जायजा
Uttarakhand Glacier Burst Update: उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को ग्लेशियर टूटने से हुए हादसे के बाद राहत और बचाव का काम जारी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने सोमवार शाम चमोली के जोशीमठ का दौरा किया है, जहां तपोवन सुरंग में रेस्क्यू का काम जारी है। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जोशीमठ इलाके का दौरा करने के बाद कहा है कि बचाव दल तपोवन सुरंग के 130 मीटर अंदर तक जा चुका है। अभी 50 मीटर अंदर और जाना है, जिसमें ढाई से तीन घंटे लग सकते हैं।
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त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया है कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना की एक संयुक्त टीम बचाव अभियान में लगी है और सुरंग में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री ने जोशीमठ में आईटीबीपी के वेस्टर्न कमांड एडीजी से राहत कार्यों के बारे में जानकारी ली। रावत ने बताया है कि इस दुर्घटना में एनटीपीसी को 1,500 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
रविवार को ग्लेशियर टूटने के कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और तपोवन-विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना ध्वस्त हो गई थी। इस तबाही के बाद उत्तराखंड पुलिस, एनडीआरएफ, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और आईटीबीपी के जवान लगातार लोगों को बचाने में जुटे हुए हैं। तपोवन बांध के पास स्थित टनल में भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है, जिन्हें बचाने के लिए सेना के जवान भारी मशीनों की मदद से मलबा हटा रहे हैं। भारतीय सेना के अधिकारियों ने बताया कि टनल के प्रवेश द्वार पर जमा मलबे को हटा लिया गया है और जल्दी ही इसमें फंसे लोगों को निकाल लिया जाएगा।
चमोली में रविवार को आई इस तबाही में जहां 14 लोगों के शव अभी तक बरामद हो चुके हैं, वहीं 100 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। रैणी गांव का पुल टूटने की वजह से करीब 13 गांवों का संपर्क पूरी तरह कट गया है, जहां हेलीकॉप्टर के जरिए राहत और बचाव कार्य चल रहा है।
...तो हरिद्वार-ऋषिकेश तक भी पहुंच जाती तबाही, इस एक वजह से टल गया बड़ा खतरा