दून के युवा पर्यावरण को बचाने के लिए चला रहे 'हर पेड़ तिरंगा अभियान', जानिए क्यों पड़ी जरूरत
युवाओं का पेड़ों को बचाने के लिए हर पेड़ तिरंगा अभियान
देहरादून, 12 अगस्त। देहरादून में पर्यावरणप्रेमी और युवा आजादी के अमृत महोत्सव से पहले पर्यावरण को बचाने के लिए एक अनोखा अभियान चला रहे हैं। इस अभियान का नाम रखा गया है हर पेड़ तिरंगा। जिसके अंर्तगत युवा पेड़ों पर तिरंगा बनाकर पर्यावरण को बचाने का संदेश दे रहे हैं। इसका उद्देश्य सहस़़्त्रधारा रोड़ पर चौड़ीकरण के नाम पर हो रहे पेड़ों के कटान का विरोध भी है। युवाओं का कहना है कि वे आजादी का महोत्सव पेड़ों के साथ मना रहे हैं।
रोड के चौड़ीकरण के लिए हजारों पेड़ काटे जा रहे
देहरादून के सहस्त्रधारा रोड के चौड़ीकरण के लिए हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं। पर्यावरण प्रेमी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। एक तरफ जहां आजादी के अमृत महोत्सव के तहत देश में हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है। इसी की तर्ज पर पेड़ों को बचाने के लिए पर्यावरण प्रेमी हर पेड़ तिरंगा अभियान चला रहे हैं। मैड संस्था के वॉलंटियर्स इस अभियान के तहत पेड़ों को तिरंगे के रंग में रंग रहे हैं। इसमें हर वर्ग के लोग जुड़ रहे हैं खासकर युवा इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। जिनका कहना है कि वे आजादी का महोत्सव पेड़ों के साथ मना रहे हैं।
रिंग रोड को फोर लेन में कन्वर्ट करने के लिए 2200 पेड़ों को काटा जा रहा
देहरादून में रिंग रोड को फोर लेन में कन्वर्ट करने के लिए 2200 पेड़ों को काटा जा रहा है। इनमें से 400 पेड़ों को जड़ सहित उखाड़कर दूसरी जगह लगाया जाएगा। सिटीजन फॉर ग्रीन दून समेत कई संस्था से जुड़े लोग पेड़ काटे जाने का विरोध कर रहे हैं। साथ ही पेड़ काटने के बजाए सड़क चौड़ीकरण के लिए अन्य विकल्पों पर विचार करने की मांग कर रहे हैं। विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि सरकार भले ही 400 पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने की बात कह रही हो लेकिन ऐसे पेड़ों का सक्सेस रेट बहुत कम होता है। जोगीवाला से शहर के बाहर ही बाहर मसूरी जाने वाली सड़क पर कुल्हान तक 14 किलोमीटर के हिस्से का चौड़ीकरण होना है। जिसके लिए फर्स्ट फेज में पेड़ काटे जा रहे हैं। पेड़ कटने के बाद सड़क को फोर लेन में कन्वर्ट करने का काम शुरू कर दिया जाएगा।
पेड़ काटने का पहले ही दिन से विरोध
पेड़ काटने का पहले ही दिन से विरोध हो रहा है। साथ ही ये मामला कोर्ट में भी चल रहा है। प्रदर्शनकारी इससे पहले काटे गए पेड़ों को श्रद्धांजलि कार्यक्रम भी कर चुके हैं। धरना प्रदर्शन कर रहे पर्यावरणविदों, सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियोंए कार्यकर्ताओं ने एक दिन पूर्व पेड़ों के काटे जाने का पुरजोर विरोध करते हुए पेड़ों पर माला भी चढ़ाई थी। इसके अलावा पेड़ों को रोली बांधकर रक्षा सूत्र कार्यक्रम समेत कई तरह से विरोध कर रहे हैं। सिटीजन फॉर ग्रीन दून के सचिव हिमांशु अरोड़ा का कहना है कि हम सरकार को जगाने और पेड़ों को बचाने का एक प्रयास कर रहे हैं। सिटीजन फार ग्रीन दून, पराशक्ति, इको ग्रुप, फ्रेंड्स आफ दून और संयुक्त नागरिक मंच समेत दर्जनभर संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि एक तरफ जहां सड़क चौड़ीकरण के नाम पर हजारों पेड़ों को काटा जा रहा, वहीं, विरोध के बावजूद किसी स्तर पर सुनवाई नहीं हो रही है। अब मैड संस्था ने हर पेड़ तिरंगा एक अनोखा अभियान चलाया हुआ है। जिसे सोशल मीडिया पर भी काफी वायरल किया जा रहा है।