उत्तराखंड न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

आपदा का जख्म: पहले उफनती नदी को पार किया अब पोकलैंड मशीन से मलबे में चाचा-चाची को तलाश रहा युवा चालक

पोकलैंड मशीन में मलबे में दबे परिजनों को तलाश रहा एक युवक

Google Oneindia News

देहरादून, 24 अगस्त। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में आई प्राकृतिक आपदा ने कई परिवारों को गहरे जख्म दिए हैं। जिनका अब भी परिजन सामना कर रहे हैं। जो इस आपदा में बच गए वो आपदा में लापता अपने लोगो को तलाश कर रहे हैं। ऐसा ही एक परिवार है जो कि जमींदोज हुए मकान में लापता अपने परिजनों को उम्मीद की निगाह से देख रहा है। जिसमें पोकलैंड मशीन का चालक अपने परिजनों को तलाशने को खुद ही मैदान में उतर आया है।

पोकलैंड के चालक सूरज राणा के जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा

पोकलैंड के चालक सूरज राणा के जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा

देहरादून के सरखेत में आई प्राकृतिक आपदा ने कई घरों को नुकसान पहुंचाया है। लेकिन सबसे ज्यादा जिस जमींदोज घर को लेकर सबकी निगाहें तलाश रही है। वो दोमंजिला मकान जो इस आपदा में जमींदोज हो चुका है। प्रशासन ने इस घर और उसमें लापता 5 घरवालों को तलाशने के लिए पोकलैंड मशीन मौके पर पहुंचा दी। जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आई है। लेकिन सबकी निगाहें अब पोकलैंड के चालक पर है। ये चालक आपदा में खोए अपने चाचा, चाची को तलाश रहा है। पोकलैंड मशीन उफनती नदी में उतार कर घटनास्थल तक पहुंचाने वाले सूरज राणा के जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है। सरखेत गांव में जिन मकानों का नामोनिशान मिट गया। इन्हीं में से एक मकान में दुबडा निवासी राजेंद्र सिंह राणा अपनी पत्नी अनीता देवी के साथ जन्माष्टमी का त्योहार मनाने अपने रिश्तेदारी मैं आए हुए थे। लेकिन फिलहाल मकान का कोई नामोनिशान नहीं है।

चाच-चाची को तलाशने चमोली से दून पहुंचा युवक

चाच-चाची को तलाशने चमोली से दून पहुंचा युवक

राजेंद्र राणा व उनकी पत्नी सहित पांच लोग मलबे में दबे हुए हैं लेकिन बड़े.बड़े पत्थरों के मलबे के बीच उन्हें खोजना आसान नहीं था। प्रशासन ने पोकलैन पोकलैंड मशीन मंगवाई जो कि लालपुल तक पहुंच गई लेकिन वहां से आगे सड़क पूरी तरह टूट जाने के कारण तीन किलोमीटर दूर सरखेत तक पहुंचाना नामुमकिन लग रहा था। आखिरी रास्ता पोकलैंड मशीन को नदी में उतार कर तेज बहाव के बीच घटनास्थल तक पहुंचाने का बचा था। लेकिन इसके लिए कोई ऑपरेटर तैयार नहीं हुआ। इस बीच चाचा राजेंद्र सिंह राणा व चाची अनीता देवी के साथ घटित हादसे की खबर सुनकर उनका भतीजा सूरज चमोली से दून पहुंच चुका था। सूरज राणा चमोली में एक कंपनी के लिए पोकलैंड मशीन चलाता है उसे जब पता चला कि राहत व बचाव कार्य के लिए पोकलैंड मशीन का पहुंचना बहुत जरूरी है तो सूरज ने मशीन लेकर नदी के रास्ते जाने का फैसला किया। उसने तेज बहाव के विपरीत पोकलैंड मशीन को हिम्मत और बहादुरी दिखाते हुए सरखेत गांव तक न केवल पहुंचाया बल्कि खुद मशीन चलाकर मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुट गया। सूरज के इस जज्बे को स्थानीय निवासी ही नहीं बल्कि एनडीआरएफ एसडीआरएफ सहित जिला प्रशासन भी सलाम कर रहा है।

जिला मुख्यालय से दूर दर्जनों गांव अब जिदंगी की जंग लड़ रहे

जिला मुख्यालय से दूर दर्जनों गांव अब जिदंगी की जंग लड़ रहे

आपदा के 4 दिन बाद भी जिला मुख्यालय से दूर दर्जनों गांव अब जिदंगी की जंग लड़ रहे हैं। दर्जनों गांव ऐसे हैं जहां अब तक पहुंचना मुश्किल है। ऐसे गांवों में अब राशन,दवा और जरूरी चीजों की पूर्ति कर पाना मुश्किल है। ऐसे में संपर्क मार्ग टूट जाने से ग्रामीणों को दूर दराज क्षेत्रों से पैदल चलकर राशन आदि की व्यवस्थाएं करने को मजबूर है। इधर प्रशासन की टीमें भी राहत एंव बचाव कार्य करने में जुटी हैं। गढवाल मण्डल आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि देहरादून,टिहरी, पौड़ी गढवाल में नुकसान के सम्बन्ध में नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए गए। खोजबीन,सर्च कार्य जारी है। आपदा प्रभावितों को राहत सामग्री उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि 07 जनहानि और 11 लोग लापता हैं।

 07 व्यक्तियों की मृत्यु ,11 लोग लापता

07 व्यक्तियों की मृत्यु ,11 लोग लापता

गढ़वाल मण्डल में अभी तक प्राप्त सूचना के अनुसार कुल 07 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, जिनमें से टिहरी ,में 05 व्यक्तियों राजेन्द्र सिंह पुत्र स्व0 गुलाब सिंह, सुनीता देवी पत्नी राजेन्द्र सिंह, हिमदेई पत्नी मदन सिंह, मगन देवी पत्नी स्व प्रेम सिंह, बचूली देवी पत्नी ठग्गू की मृत्यु हो गई। देहरादून जनपद में 01 व्यक्ति संजय कुमार राय उम्र 42 वर्ष एवं पौड़ी जनपद में 01 व्यक्ति दर्शनी देवी उम्र 70 वर्ष की मृत्यु हुई है। जबकि 11 लोग लापता हैं। जनपद टिहरी से 04 कमान्द सिंह पुत्र स्व0 प्रेम सिंह रूकमणी देवी पत्नी कमान सिंह सचिन पुत्र कमान सिंह एवं बीना पुत्री कमान सिंह ,जनपद देहरादून से 07 व्यक्ति अनिता राणा पत्नी राजेन्द्र राणा उम्र 38 वर्ष, राजेन्द्र सिंह राणा पुत्र रंजीत सिंह राणा उम्र 40 वर्ष,जगमोहन पुत्र बचन सिंह उम्र 28 वर्ष, सुरेन्द्र पुत्र बीर सिंह उम्र 45 वर्ष, विशाल पुत्र रमेश सिंह कैन्तूरा उम्र 15 वर्ष, दीपक रावत उम्र 27 वर्ष, गीताराम जोशी उम्र 60 वर्ष लापता है। लापता लोगों की खोजबीन का कार्य गतिमान है। एक राजकीय हेलीकाप्टर बचाव कार्य में तैनात है। एनडीआरएफ के 39 एसडीआरएफ 64 जवानों के अलावा पुलिस, राजस्व व स्वास्थ्य विभाग की टीमें बचाव व राहत कार्यों में लगी हैं।

ये भी पढ़ें-उत्तराखंड आपदा के गहरे जख्म, जमींदोज हुए मकान से अपनों की एक झलक देखने को पथराई आंखेये भी पढ़ें-उत्तराखंड आपदा के गहरे जख्म, जमींदोज हुए मकान से अपनों की एक झलक देखने को पथराई आंखे

English summary
Wounds of disaster, first crossed the raging river, now the young driver searching for uncle and aunt in the rubble from the Pokeland machine
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X