मेधावी छात्रा 12वीं में स्कूल टॉपर, लेकिन बिना पहली सैलरी लिए ही छोड़ गई दुनिया, ये है अंकिता की दर्दनाक कहानी
अंकिता भंडारी एक मिडिल क्लास और मेधावी बच्ची की कहानी
देहरादून, 26 सितंबर। श्रीनगर गढ़वाल की रहने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी पंचतत्व में विलीन हो गई। लेकिन अंकिता की कहानी सबकी जुबान पर है। एक ऐसी बेटी जो बचपन से ही मेधावी थी, 12वीं में अपने स्कूल की टॉपर रही, सपना देखा ऊंचाई पर पहुंचने का। लेकिन जब जॉब लगी तो एक माह की सैलरी भी नसीब नहीं हुई और 19 साल की उम्र में ही दुनिया को अलविदा कहना पड़ा। अंकिता भंडारी की कहानी एक ऐसी मिडिल क्लास लेकिन मेधावी बच्ची की कहानी है, जिसको सुनकर हर किसी की आंख में आंसू और गुस्सा भी है।
अंकिता ने वर्ष 2020 में 12 वीं में टॉप किया
उत्तराखंड के पौड़ी जिले के नादलस्यूं पट्टी के श्रीकोट गांव की अंकिता भंडारी बचपन से मेधावी छात्रा थी। पिता ने घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होेने के बावजूद बेटी की मेहनत और पढ़ाई में लगनशीलता को देखते हुए पौड़ी में शहर के बीआर मार्डन स्कूल में पढ़ाई करवाई। अंकिता ने वर्ष 2020 में 12 वीं की परीक्षा में 88 प्रतिशत अंकों के साथ टॉप किया थ। इसके बाद अंकिता ने घर वालों से होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने की मांग रखी। परिजनों ने उसको दाखिला दे दिया।
घर की परिस्थितियां अच्छी नहीं थी
अंकिता की मां सोनी देवी आंगनबाड़ी में कार्य करती हैं। पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी गार्ड की नौकरी करते थे, लेकिन कोविड में नौकरी चले जाने से घर की परिस्थितियां अच्छी नहीं थी। इस बीच अंकिता ने तय किया कि वह जॉब करके घर वालों की मदद करेगी। हालांकि घर वाले अपनी बच्ची को घर से दूर नहीं भेजना चाहते थे, लेकिन अंकिता की जिद के आगे वे चुप हो गए। अंकिता के अपने फेसुबक मित्र से जॉब तलाशने को कहा।
वनन्तरा रिजार्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट की नौकरी मिल गई
इसके बाद अंकिता को ऑनलाइन सर्च के जरिए यमकेश्वर में गंगा भोगपुर स्थित वनन्तरा रिजार्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट की नौकरी मिल गई। पिता खुद एक बार बेटी की सुरक्षा को देखते हुए रिजार्ट में देखने आए। रिजार्ट का माहौल और नौकरी के बारे में जानकारी मालूम करने के बाद पिता संतुष्ट हो गए और 28 अगस्त को इसी रिजार्ट में बेटी को नौकरी पर छोड़कर चले गए। अंकिता को एक अलग कमरा दिया गया और खाना और रहने की अच्छी व्यवस्था मिली तो अंकिता को लगा मानों अब सारे सपने पूरे हो जाएंगे। एक माह की सैलरी 10 हजार रूपए तय हो गई।
एक दिन कुछ ऐसा घटा कि सबकुछ बदलने लगा
शुरूआत में सब रूटीन लाइफ की तरह चलने लगा। एक दिन कुछ ऐसा घटा कि सबकुछ बदलने लगा। रिजार्ट में एक गेस्ट रिसेप्शन पर आए और अंकिता से बात करने लगे। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गेस्ट नशे में था और अंकिता से अभद्रता करने लगा। इस बीच रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य आया और गेस्ट को धमकाने लगा। पुलकित ने कहा कि इस रिजॉर्ट में इस तरह का व्यवहार कतई बरदाश्त नहीं किया जाएगा। अंकिता इस पूरी घटना के बाद खुश नजर आई। ये सब देखकर अंकिता को सुरक्षा और यहां का माहौल अच्छा लगा।
अंकिता को इस दुनिया को छोड़कर जाना पड़ा
लेकिन उसे ये सब नहीं पता था कि ये पुलकित का अंकिता को विश्वास दिलाने और भरोषा दिलाने का तरीका था। इसके बाद रिजॉर्ट में जो कुछ हुआ वो अंकिता के अपने दोस्त के साथ की गई चौट के जरिए सोशल मीडिया के जरिए सामने आने लगा। इसके बाद अंकिता के साथ रिजॉर्ट में कुछ भी अच्छा नहीं हुआ। उस पर गंदे काम में शामिल होने का दबाव लगने लगा। वो इस कदर रिजॉर्ट के दलदल में फंसती गई कि फिर निकल नहीं पाई। आखिरकार अपने करियर की पहली नौकरी में बिना एक माह पूरे किए बिना सैलरी के अंकिता को इस दुनिया को छोड़कर जाना पड़ा।