रामदेव बोले-जो रिसर्च भारत सरकार नहीं कर पाई उसे पतंजलि ने किया
देहरादून, जुलाई 13: योग गुरू स्वामी रामदेव पिछले कुछ समय से लगातार किसी ना किसी बयान के चलते सुर्खियों में हैं। इसी बीच रामदेव में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि, योग और आयुर्वेद में जो रिसर्च भारत सरकार नहीं कर पाई वो पतंजिल ने किया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामदेव ने पतंजलि ग्रुप की 25 हजार करोड़ रुपये के टर्नओवर से 2025 तक की विस्तार योजना मीडिया के सामने रखी।
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उन्होंने कहा कि हमने 2 लोगों के साथ हरिद्वार में योग सिखाना शुरू किया था। लेकिन आज 200 देशों के 200 करोड़ से ज्यादा लोग योग कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पतंजलि ब्रांड नहीं बल्कि एक आदोलन है। उन्होंने कहा कि, हमने पांच साल में पांच लाख लोगों को रोजगार दिया है, आने वाले पांच सालों में और पांच लाख लोगों को रोजगार देने वाले हैं। रामदेव ने यह भी दावा किया कि हम ऑक्सफ़ोर्ड और कैम्ब्रिज से भी बड़ा विश्वविद्यालय बनाएंगे। इसमें एक लाख से ज्यादा बच्चे पढेंगे और यह पांच से 10 सालों में तैयार हो जाएगा।
रामदेव ने कहा कि, ईस्ट इंडिया कंपनी से लेकर आजतक तमाम एमएनसी ने इस देश को आत्मग्लानि के भाव से भर दिया था। हमारी अर्थव्यवस्था पर एकाधिकार कायम किए हुए थीं। उनके एकाधिकार और प्रभुत्व को पतंजलि ने तोड़ा है और आज हमें गर्व है कि पतंजलि ने एक आत्मनिर्भर भारत की एक नई प्रेरणा कायम की है। आत्मनिभर्ता के इस स्वर को इतनी बुलंदी दी है कि आज सिर्फ यूनिलीवर को छोड़कर बाकी सभी विदेशी कंपनियों को परास्त किया है।
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रामदेव ने कहा कि, मुझे गर्व है कि 100 से ज्यादा रिसर्च और एविडेंस आधारित औषधियों बनायी, इसके साथ ही परंपरागत, सांस्कृतिक औषधियों को भी बरकार रखा। इस काम में हमारे करीब पांच सौ वैज्ञानिकों की टीम है। उन्होंने कहा कि, आज औषधियों की एक नई श्रंखला पेश कर रहे हैं, भारत में आज 80-90 प्रतिशत लोगों में विटामिन डी की कमी है। वहीं 50-60 प्रतिशत लोगों में प्रोटीन की कमी है। इसी तरह लोगों में अलग अलग विटामिन की कमी है। हमने आयुर्वेदिक तरीके से इन सभी को उपलब्ध करवाया है।