उत्तराखंड न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

लॉकडाउन: उत्तराखंड पुलिस की कांस्टेबल ने ड्यूटी निभाने के साथ उठाया ये बीड़ा

Google Oneindia News

चम्पावत। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लगा हुआ है। इस लॉकडाउन का पुलिस-प्रशासन मुस्तैदी से पालन करा रहा है। वहीं, उत्तराखंड के चम्पावत से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देखकर आप भी इस महिला कांस्टेबल की तारीफ करने से खुद को रोक नहीं सकेंगे। दरअसल, लॉकडाउन के चलते क्वारंटाइन में रखे गए मजदूरों के बच्चों की देखभाल के लिए वह मां समान हैं, तो उनकी पढ़ाई के लिए शिक्षिका भी।

निजी खर्चें पर उपलब्ध कराई कॉपी-किताब

निजी खर्चें पर उपलब्ध कराई कॉपी-किताब

दरअसल, हम बात कर रहे है महिला कांस्टेबल कमला चौहान की। कमला चौहान चम्पावत के बनबसा थाने में तैनात है। फिलहाल इनकी ड्यूटी भजनपुर इंटर कॉलेज के क्वारंटाइन सेंटर में लगाई गई है। कमला चौहान यहां ठहराए गए लोगों के बच्चों को निजी खर्च से कापी-किताब, पेंसिल आदि उपलब्ध करा रही हैं। साथ ही ड्यूटी टाइम में बच्चों को पढ़ाकर सही मायने में कोरोना वॉरियर बनकर उभरी हैं। कमला के इसी जज्बे ने उनको खास बना दिया है और महकमा ही नहीं हर कोई उनकी पहल की तारीफ कर रहा है।

बच्चों पर न पड़े बुरा असर, इसलिए बनी टीचर

बच्चों पर न पड़े बुरा असर, इसलिए बनी टीचर

लॉकडाउन के चलते बनबसा में फंसे लोगों को प्रशासन ने भजनपुर राजकीय इंटर कॉलेज के राहत शिविर में रोका है। जिसमें उत्तराखंड के अलावा नेपाल व उप्र से 41 पुरुष, 13 महिलाएं एवं 19 बच्चे शामिल हैं। यहां बनबसा थाने में तैनात महिला कांस्टेबल कमला चौहान की ड्यूटी सुबह छह से दो बजे तक सेंटर के गेट पर रहती है। कमला ने देखा कि तीन से 12 साल तक के बच्चे खेलने के लिए फील्ड में तो कभी गेट तक आ जाते थे। कई बार डांटा तो उदास रहने लगे। तभी विचार भी आया कि यदि बच्चे कमरों में बंद रहे और खेल भी नहीं सके तो निश्चित ही उनके मन पर इसका बुरा असर पड़ेगा।

कमला की मुहिम से प्रभावित हुए अधिकारी

कमला की मुहिम से प्रभावित हुए अधिकारी

बच्चों पर बुरा असर न पड़े इसलिए उन्होंने सभी बच्चों को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ने का मन बनाया। बच्चे इधर-उधर भी न जा सके और उनका मनोरंजन भी होता रहे। वह सभी बच्चों के लिए पुस्तक, कापी, पेंसिल, रबड़ आदि खुद के खर्च से ले आई और सभी को लिखने और पढ़ने के लिए अलग-अलग बैठा दिया। एक शिक्षिका की तरह ही वह कविता, कहानी और चुटकुलों के साथ जनरल नॉलेज पर चर्चा करने लगीं। पुलिस महकमे के अधिकारी भी कमला की मुहिम से प्रभावित हुए तो खुद ही मदद के लिए आगे आ गए।

ये भी पढ़ें:- उत्तराखंड पुलिस ने कई किलोमीटर चलकर पहाड़ के दुर्गम क्षेत्र में लोगों तक पहुंचाया राशनये भी पढ़ें:- उत्तराखंड पुलिस ने कई किलोमीटर चलकर पहाड़ के दुर्गम क्षेत्र में लोगों तक पहुंचाया राशन

Comments
English summary
police constable kamla is giving education to children staying in quarantine center
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X