उत्तराखंड में 1 जुलाई से प्लास्टिक पर प्रतिबंध, जानिए, किस तरह के सामान पर लागू होगा ये नियम
उत्तराखंड में 75 माइक्रोन तक के प्लास्टिक पर प्रतिबंध
देहरादून, 11 जून। उत्तराखंड में 1 जुलाई से 75 माइक्रोन तक के प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अभी तक उत्तराखंड के 13 निकायों की तरफ से 75 माइक्रोन तक के प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है। निदेशालय ने सभी निगम, निकायों को पत्र भेजकर पुरानी 50 माइक्रोन की गाइडलाइंस में संशोधन करते हुए नया नोटिफिकेशन जारी करने को कहा है। जिसको लेकर अभियान भी चलाया जाएगा। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के आदेश के बाद शहरी विकास विभाग ने भी दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।
50 माइक्रोन की गाइडलाइंस में संशोधन कर जारी हुए निर्देश
शहरी विकास विभाग द्वारा जारी निर्देश के तहत आगामी 1 जुलाई 2022 से प्लास्टिक के स्ट्रॉ, चम्मच, प्लेट, थर्माकोल और थर्माकोल से बनी चीजों पर प्रतिबंध लगेगा। अभी तक उत्तराखंड के 13 निकायों की तरफ से 75 माइक्रोन तक के प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है। निदेशालय ने सभी निगम, निकायों को पत्र भेजकर पुरानी 50 माइक्रोन की गाइडलाइंस में संशोधन करते हुए नया नोटिफिकेशन जारी करने को कहा है। 30 जून के बाद प्रदेश में 75 माइक्रोन तक की प्लास्टिक प्रतिबंधित रहेगी।
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी हुए आदेश
प्रदेश में एक जुलाई से न तो प्लास्टिक की छड़ी वाले गुब्बारे बिकेंगे और न ही ईयर बड, स्ट्रॉ, चम्मच, चाकू, प्लेट बिकेंगी। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से चार जून को शहरी विकास निदेशालय को पत्र भेजकर कहा गया है कि 30 जून के बाद प्रदेश में 75 माइक्रोन तक की प्लास्टिक प्रतिबंध की जाए। इसके तहत निदेशालय ने सभी निगम, निकायों को पत्र भेजकर पुरानी 50 माइक्रोन की गाइडलाइंस में संशोधन करते हुए नया नोटिफिकेशन जारी करने को कहा है। 13 निकायों ने नोटिफिकेशन जारी भी कर दिया गया है।
इनकी
बिक्री
पर
लगेगा
जुर्माना
प्लास्टिक
युक्त
ईयर
बड,
गुब्बारों
के
लिए
प्लास्टिक
डंडियां,
प्लास्टिक
के
झंडे,
कैंडी
स्टिक,
आइसक्रीम
की
डंडियां,
पॉली
स्टाइरीन
की
सजावटी
सामग्री
पर
रोक
रहेगी।
इसके
अलावा
प्लास्टिक
प्लेटें,
कप,
गिलास,
कांटे,
चम्मच,
चाकू,
स्ट्रा,
जैसी
कटलरी,
मिठाई
के
डब्बों
को
लपेटने
वाली
प्लास्टिक
फिल्म,
निमंत्रण
कार्ड,
सिगरेट
पैक,
100
माइक्रोन
से
कम
मोटे
प्लास्टिक
के
बने
बैनरों
पर
रोक
रहेगी।
चारधाम
यात्रा
पर
फोकस
करना
बड़ी
चुनौती
प्रदेश
में
इस
समय
चारधाम
यात्रा
पूरे
जोर
शोर
से
चल
रही
है।
देशभर
से
आ
रहे
तीर्थयात्रियों
के
प्लास्टिक
का
इस्तेमाल
न
करने
की
प्रक्रिया
अपनाना
बड़ी
चुनौती
बनने
वाला
है।
इसके
लिए
राज्य
सरकार
को
अलग
से
फोकस
करना
होगा।
साथ
ही
अब
तक
जिन
तरह
से
समाजसेवी
और
अन्य
संस्थाएं
प्लास्टिक
के
खिलाफ
अभियान
चला
रहे
हैं।
उन्हें
और
अधिक
उत्साहवर्धन
करने
की
आवश्यकता
है।
18
लाख
से
ज्यादा
श्रद्धालु
दर्शन
कर
चुके
हैं
और
30
लाख
तक
रजिस्ट्रेशन
हो
चुके
हैं।
ऐसे
में
इतनी
संख्या
में
श्रद्धालु
प्रदेश
में
आ
रहे
हैं
तो
इनके
साथ
कूड़ा
कचरा
और
प्लास्टिक
भी
हो
रहा
है।
जिसको
लेकर
सरकार
गंभीर
भी
है।
ऐसे
में
जब
प्लास्टिक
के
खिलाफ
अभियान
चलेगा
तो
इन
पर
भी
फोकस
करना
होगा।
सबसे
ज्यादा
प्लास्टिक
का
इस्तेमाल
इस
समय
यात्रा
सीजन
पर
नजर
आ
रहा
है।
ऐसे
में
इसके
लिए
सरकार
को
अलग
से
ध्यान
देने
की
आवश्यकता
होगी।