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चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों का आंकड़ा 1 लाख 15 हजार पार, धामी सरकार और तीर्थ पुरोहितों के लिए राहत की खबर

चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों का आंकड़ा 1 लाख 15 हजार पार

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देहरादून, 14 अक्टूबर। उत्तराखंड में 25 दिनों में चार धाम यात्रा में तीर्थयात्रियों का आंकड़ा 1 लाख 15 हजार पहुंच गया है। सबसे ज्यादा श्रद्धालु केदारनाथ में 48 हजार से ज्यादा यात्री दर्शन कर चुके हैं, वहीं बद्रीनाथ के दर्शन करने वालों की संख्या 32 हजार पहुंच गई है। गंगोत्री में 13 हजार, यमुनोत्री में 11 हजार यात्री दर्शन कर चुके हैं। उत्तराखंड में शीतकाल के लिए कपाट बंद होने से पहले राज्य सरकार के लिए ये आंकड़ा राहत देने वाला है।

Pilgrims figure crosses 1 lakh 15 thousand in Chardham Yatra, news of relief for Dhami government and pilgrimage priests

18 सितंबर से शुरू हुए थे दर्शन
उत्तराखंड में विश्व प्रसिद्ध चारधाम यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ हैं।
इस साल श्री गंगोत्री धाम व यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 17 मई, भगवान बद्री विशाल के कपाट 18 मई को खोले गए थे। लेकिन कोविड के चलते बीते 18 सितंबर से चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को आने की परमिशन मिल पाई। इसके बाद कोविड प्रोटोकॉल की शर्तों के कारण शुरूआत में यात्रियों की संख्या सीमित रही। लेकिन बीते डेढ़ हफ्ते से यात्रियों के लिए सीमित संख्या का नियम हटा दिया गया। जिससे केदारनाथ सहित चारों धाम में श्रद्धालु उमड़ रहे हैं। 25 दिनों में ही चारधाम में 1 लाख का आंकड़ा पार करना स्थानीय लोगों और राज्य सरकार के लिए सुखद है। चारधाम यात्रा शुरू न होने से पहले सरकार के खिलाफ तीर्थ पुरोहितों ने मोर्चा खोला था, इसके बाद सीमित संख्या को लेकर भी विरोध हुआ। लेकिन अब चारधाम यात्रा में उमड़ रही भीड़ से राज्य सरकार की मुश्किलें कम होती दिख रही हैं।

5 नवंबर से शुरु होगी कपाट बंद होने की प्रक्रिया
बीते 25 दिनों में जिस तरह से श्रद्धालुओं के चारधाम में दर्शन के आंकड़ों में जिस तरह से तेजी आई है, उससे तीर्थ पुरोहितों ने राहत की सांस ली है। लेकिन अब यात्रा सीजन को 20 दिन का समय रह गया है। जिससे चारधाम के स्थानीय लोग और तीर्थ पुरोहितों में थोड़ा सा ​मायूस भी नजर आने लगे हैं। कोविड के बाद से पहली बार इस तरह की रौनक नजर आई थी। लेकिन बंदिशों के चलते यात्रियों की संख्या कम ही रही। अब एक बार फिर यात्रा परवान चढ़ने लगी है। जिससे पुरोहित उत्साहित नजर आ रहे हैं। गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के अवसर पर पांच नवंबर को बंद होंगे। कपाट बंद होने के शुभ मुहूर्त विजयादशमी पर 15 नवंबर को निकाला जाएगा। जबकि यमुनोत्री धाम के कपाट भयादूज के अवसर पर छह नवंबर को विधिवत हवन पूजा-अर्चना के साथ बंद कर दिए जाएंगे। प्रदेश के प्रमुख चार धामों के कपाट बंद होने का दिन और समय दशहरा के दिन पंचाग देखकर सुनिश्चित किया जाता है।

शीतकाल यात्रा पर चल रहा विचार
चारधाम देवस्थानम बोर्ड बारामासी यात्रा की रूपरेखा तैयार कर रहा है। चारधाम के कपाट बंद होने के बाद श्रद्धालु शीतकालीन गद्दी स्थलों और अन्य अधीनस्थ मंदिरों की यात्रा कर सकेंगे। चारधाम के अधीनस्थ मंदिरों, जिनमें शीतकालीन गद्दी स्थल सहित अन्य मठ-मंदिर शामिल हैं, को शीतकालीन यात्रा से जोड़ा जाएगा। सबकुछ ठीक रहा तो चारधाम के कपाट बंद होने के बाद इसी वर्ष नवंबर या दिसंबर के पहले सप्ताह से ओंकोरश्वर मंदिर ऊखीमठ, नृसिंह मंदिर जोशीमठ, मुखबा उत्तरकाशी से शीतकालीन यात्रा का विविधत शुभारंभ किया जाएगा। इसके पीछे सरकार का उद्देश्य स्थानीय लोगों को रोजगार दिलाना है। इस पहल से भी स्थानीय लोगों को राहत मिल सकती है।

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English summary
Pilgrims figure crosses 1 lakh 15 thousand in Chardham Yatra, news of relief for Dhami government and pilgrimage priestsGoogle अनुवाद
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