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'पहले कुंभ, अब चारधाम', उत्तराखंड सरकार को HC की फटकार, कहा- बार-बार शर्मिंदा क्यों कर रहे?

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नैनीताल, 20 मई। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच उत्तराखंड में चारधाम में होने वाले आयोजनों पर नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से अपनी नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने कोविड महामारी के दौरान कुंभ मेला और चारधाम यात्रा जैसे भीड़ वाले धार्मिक आयोजनों को करवाने और इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन करवाने में असफल रहने पर राज्य सरकार को फटकार लगाई है। (बद्रीनाथ धाम- फाइल फोटो)

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Uttarakhand Government को HC की तीखी टिप्पणी, पहले कुंभ, और अब चारधाम यात्रा | वनइंडिया हिंदी
कोर्ट ने पूछा- कौन कर रहा निगरानी?

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मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान और जस्टिस आलोक वर्मा की पीठ ने कहा कि इन धार्मिक आयोजनों के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का घोर उल्लंघन होने के चलते राज्य को शर्मिंदगी उठानी पड़ी है।

मुख्य न्यायाधीश ने सवाल किया "पहले हमने कुंभ मेला में गलती की, उसके बाद चारधाम यात्रा में कर रहे हैं। हम क्यों बार-बार खुद को शर्मिंदा कर रहे हैं।"

कोर्ट की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब सोशल मीडिया पर ऐसे बहुत सारे वीडियो सामने आए हैं जिसमें बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम जैसे स्थलों पर बड़ी संख्या में पुजारी बिना सोशल डिस्टेंसिंग के घूमते नजर आ रहे हैं।

कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा "इसे कौन देख रहा है या फिर सब कुछ पुजारयों के भरोसे छोड़ दिया गया है? क्या हो अगर पुजारियों के बीच कोरोना वायरस फैल जाए? यहां तक कि अगर देवता की पूजा भी हो रही हो तो आप 20 पुजारियों को एक छोटे से कमरे में जाने की अनुमति नहीं दे सकते।"

हेलीकॉप्टर लेकर जाइए, हकीकत पता चल जाएगी- कोर्ट

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कोर्ट ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सरकार को अदालत के बजाय उल्लंघन करने वालों से सवाल पूछने चाहिए।

जब राज्य के पर्यटन विभाग के प्रतिनिधि ने कोर्ट को बताया कि हर पूजा स्थल में सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग नियम हैं। इस पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि "कोई भी आपके नियमों का पालन नहीं कर रहा है। कृपया आप एक हेलीकॉप्टर लेकर जाएं और देखें कि क्या वास्तविकता है। अगला हेलीकॉप्टर लेकर आप चारधाम जाएं, केदारनाथ जाएं आपको पता चल जाएगा।"

कोर्ट ने कहा सोशल डिस्टेंसिगं का उल्लंघन करने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर भरे हुए हैं। कोर्ट की बजाय सरकार को खुद ये सवाल करना चाहिए। "वे वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध हैं। कोर्ट को ये सवाल पूछने की जगह आपको खुद ये सवाल पूछना चाहिए। आप कागज पर आदेश दे रहे हैं, कोई उनका पालन नहीं कर रहा है।"

चीफ जस्टिस बोले- शर्म आती है...

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मुख्य न्यायाधीश ने कहा "हम खुद को शर्मिंदा करते हैं। बाकी देश कह रहा है कि उत्तराखंड क्यों नहीं सीख सकता? मुझे शर्म आती है जब सहकर्मी मुझे बुलाते हैं और पूछते हैं कि राज्य में क्या हो रहा है। आप अदालत को बेवकूफ बना सकते हैं, लेकिन आप लोगों को बेवकूफ नहीं बना सकते। लोग वास्तविकता को देख रहे हैं। आप देश के लाखों लोगों के जीवन के साथ खेल रहे हैं, "मुख्य न्यायाधीश ने कहा।

इस बार चारधाम यात्रा आम लोगों के लिए स्थगित कर दी गई है। मंगलवार को मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने इसकी घोषणा की थी। सरकार ने केवल पुजारियों को ही मंदिरों में पूजा करने की अनुमति दी है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि राज्य में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए चारधाम यात्रा स्थगित की जा रही है।

English summary
kumbh mela and chardham yatra embarrass us high court asked uttarakhand govt
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