हरक सिंह के बयान ने एक बार फिर बढ़ाई पार्टी की टेंशन, जानिए क्या कहा
हरक सिंह के बयान ने एक बार फिर बढ़ाई पार्टी की टेंशन
देहरादून, 18 नवंबर। उत्तराखंड की सियासत में कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की पहचान बयानवीर नेताओं में होती है। जो कि कभी भी किसी भी मुद्दे पर बेबाक राय रखकर सियासी पारा चढ़ा देते हैं। हरक सिंह का नया बयान फिर से सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। हरक सिंह रावत ने एक टीवी चैनल पर दिए बयान में कहा कि सिर्फ काम चुनाव में जीत की गारंटी नहीं है। जब भाजपा मोदी के कामों के सहारे दोबारा सत्ता में लौटने का दावा कर रही है तो हरक सिंह ने पार्टी से अलग राय देकर पार्टी के लिए भी मुश्किल खड़ी कर दी है।
भाजपा
को
केन्द्र
सरकार
के
कामों
पर
भरोषा
2022
के
विधानसभा
चुनाव
के
लिए
भाजपा
मिशन
60
प्लस
का
नारा
दे
रही
है।
जो
कि
2017
के
विधानसभा
चुनाव
के
नतीजों
से
भी
ज्यादा
है।
2017
में
भाजपा
प्रचंड
बहुमत
से
सरकार
बना
चुकी
है।
अब
भाजपा
दोबारा
इतिहास
बनाने
का
दावा
कर
रही
है।
इसके
लिए
केन्द्रीय
नेतृत्व
और
मोदी
सरकार
के
कार्यों
को
भी
आधार
माना
जा
रहा
है।
भाजपा
साढ़े
4
साल
में
3
मुख्यमंत्री
बदल
चुकी
है।
ऐसे
में
इस
बार
भाजपा
के
लिए
जनता
के
बीच
जाकर
अपने
पक्ष
में
चुनावी
मौसम
बनाना
आसान
नहीं
है।
हालांकि
केन्द्रीय
नेतृत्व
ने
उत्तराखंड
को
लेकर
पूरी
ताकत
झौंक
दी
है।
जिससे
भाजपा
को
दोबारा
सत्ता
में
आने
की
उम्मीद
बंधी
हुई
है।
लेकिन
भाजपा
के
लिए
बयानवीर
नेता
चुनाव
से
पहले
परेशानी
का
सबब
बने
हुए
हैं।
बीते
दिनों
पूर्व
सीएम
विजय
बहुगुणा
ने
भी
बयान
देकर
भाजपा
के
लिए
मुश्किल
खड़ी
कर
दी
थी,
जिसमें
विजय
बहुगुणा
ने
भाजपा
में
मुख्यमंत्री
बदलने
को
सही
करार
दिया
था।
विजय
बहुगुणा
ने
60
पार
के
नारे
को
अति
उत्साह
बताते
हुए
कहा
था
भाजपा
पूर्ण
बहुमत
की
सरकार
बनाएगी।
अब
हरक
सिंह
ने
भाजपा
की
मुश्किल
बढ़ाने
वाला
बयान
दे
दिया
है।
हरक
सिंह
का
मानना
है
कि
सिर्फ
काम
चुनाव
में
जीत
की
गारंटी
नहीं
है।
हरक
सिंह
के
बयान
के
सियासी
मायने
निकाले
जा
रहे
हैं।
ऐसे
में
सवाल
ये
भी
उठता
है
कि
हरक
सिंह
सरकार
के
कामकाज
को
लेकर
सवाल
खड़े
कर
रहे
हैं।
अपने
बयानों
से
मुश्किल
में
डालते
हैं
हरक
इससे
पहले
हरक
सिंह
अपने
कार्यकाल
को
लेकर
भी
बयान
दे
चुके
हैं।
कि
इस
कार्यकाल
से
वे
संतुष्ट
नहीं
हैं।
क्योंकि
वे
अपने
क्षेत्र
के
कई
विकास
कार्य
नहीं
करा
पाए
हैं।
हाल
ही
में
हरक
सिंह
ने
अपने
नेताओं
को
पूर्व
सीएम
हरीश
रावत
को
टारगेट
करने
से
भी
बचने
की
बात
की
थी।
साथ
ही
भाजपा
की
रणनीति
पर
भी
टिप्पणी
की।
उन्होंने
कहा
कि
हरीश
रावत
को
टारगेट
करके
उन्हें
मजबूत
किया
जा
रहा
है।
उनके
हिसाब
से
हरीश
रावत
को
टारगेट
नहीं
किया
जाना
चाहिए।
जबकि
खुद
अमित
शाह
से
लेकर
भाजपा
के
हर
नेता
के
निशाने
पर
हरीश
रावत
रहे
हैं।
हरक
सिंह
के
बयान
भाजपा
को
कई
बार
असहज
महसूस
करा
चुके
हैं।
बीते
दिनों
हरक
सिंह
की
पूर्व
सीएम
हरीश
रावत
और
पूर्व
सीएम
त्रिवेंद्र
सिंह
रावत
को
लेकर
भी
बयानबाजी
मीडिया
में
चेर्चा
का
विषय
बन
चुका
है।
हालांकि
कुछ
ही
दिनों
बाद
दोनों
नेताओं
को
लेकर
उनके
तेवर
सुर
बदले
हुए
नजर
आ
चुके
हैं।
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