Earthquake: भूकम्प के नाम से सहम जाते हैं उत्तराखंड के लोग, जानिए कब-कब मचाई थी भारी तबाही ?
उत्तराखंड में दो बार 1991,1999 में भूकंप बड़ी तबाही मचा मचा
आधी रात में आए भूकंप के झटके से एक बार फिर उत्तराखंड के लोग सहमे हुए है। उत्तराखंड में रात करीब दो बजे के बाद सुबह 6.27 बजे दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप का पहला केंद्र नेपाल में था। रिक्टर स्केल में इसकी तीव्रता 6.3 नापी गई थी। भूकंप का केंद्र जमीन के 10 किलोमीटर अंदर था। वहीं दूसरा केंद्र उत्तराखंड का पिथौरागढ़ रहा। इस बार इसकी तीव्रता 4.3 रही।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भी आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए
दिल्ली एनसीआर के बाद उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भी आज सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक इस भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 4.3 मापी गई है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक ये भूकंप बुधवार सुबह करीब 6.27 बजे आया है। इसी महीने की 6 तारीख को भी राजधानी देहरादून, उत्तरकाशी और टिहरी में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। तब रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4,7 मापी गई थी। उस भूकंप का असर भारत के साथ-साथ चीन में भी देखने को मिला था। भूकंप का केंद्र चिन्यालीसौड़ से 35 किमी दूर था। भूकंप उत्तरकाशी से 17 किमी पूर्व-दक्षिण पूर्व में 30.67 अक्षांश और 78.60 देशांतर के साथ 5 किमी की गहराई पर आया था।
1991
में
उत्तरकाशी
में
6.4
रिक्टर,
चमोली
में
1999
में
6.6
रिक्टर
स्केल
का
भूकंप
उत्तराखंड
भूकंप
के
लिहाज
से
बेहद
संवेदनशील
सिस्मिक
जोन
फोर
में
आता
है।
ऐसे
में
जब
भी
भूकंप
की
बात
आती
है
तो
उत्तराखंड
के
लोगों
में
डर
पैदा
हो
जाती
है।
छोटे
झटकों
को
छोड़
दें
तो
उत्तराखंड
में
दो
बार
भूकंप
बड़ी
तबाही
मचा
चुका
है।
1991
में
उत्तरकाशी
में
6.4
रिक्टर
और
चमोली
में
1999
में
आए
6.6
रिक्टर
स्केल
का
भूकंप
आय
था।
1991
और
1999
दो
बार
उत्तराखंड
में
भूकंप
तबाई
लेकर
आया
था।
20
अक्टूबर
1991
में
6.8
तीव्रता
के
भूकंप
ने
उत्तरकाशी
के
के
कई
गांवों
में
भयानक
तबाही
मचाई।
पूरे
जिले
में
768
लोगों
की
इस
भूकंप
में
मौत
हुई
थी।
जबकि
1800
ग्रामीण
बुरी
तरह
से
घायल
हुए
थे।
तीन
हजार
परिवार
बेघर
हो
गए
थे।
उत्तरकाशी
में
वर्ष
1918
में
आए
भूकंप
ने
भी
पूरे
क्षेत्र
में
तबाही
मचा
दी
थी।
1999
के
भूकंप
ने
फिर
उत्तरकाशी
को
डराया।
इसके
बाद
भी
जिले
में
समय.समय
पर
भूकंप
के
झटके
महसूस
किए
जाते
रहे,
लेकिन
बड़ी
तबाही
का
कारण
नहीं
बने।
भूगर्भीय
दृष्टि
से
जिला
बेहद
संवेदनशील
जोन-4
व
5
में
स्थित
है।
परंतु
यहां
अनियोजित
ढंग
से
विकास
होता
रहा
है।
1999
का
चमोली
का
भूकम्प
29
मार्च
1999
को
उत्तराखण्ड
राज्य
के
चमोली
जिले
में
आया
था।
यह
भूकम्प
हिमालय
की
तलहटियों
में
90
वर्षों
का
सबसे
शक्तिशाली
भूकम्प
था।
इस
भूकम्प
में
100
से
ज्यादा
लोग
मारे
गए।