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उत्तराखंड की धामी सरकार की सौगात ही बढ़ा रही मुश्किलें, आंदोलन की राह पर कर्मचारी

राज्य कैबिनेट की बैठक में उपनल कर्मचारियों के लिए 2000 और 3000 रुपये मानदेय में बढ़ोतरी

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देहरादून, 14 अक्टूबर। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार की कैबिनेट के फैसले से उपनल कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं। इतना ही नहीं उपनल कर्मचारियों ने एक बार फिर से आंदोलन करने की चेतावनी दी है। हाल ही में राज्य कैबिनेट की बैठक में उपनल कर्मचारियों के लिए 2000 और 3000 रुपये मानदेय में बढ़ोतरी की गई थी, लेकिन इस बात से उपनल कर्मचारी खुश नहीं है। उपनल कर्मचारियों का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा उपनल कर्मचारियों की मांगों को लेकर जो उप समिति बनाई गई थी उसकी रिपोर्ट कैबिनेट में नहीं रखी गई है। जिससे नाराज होकर कर्मचारियों ने एक बार फिर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

Difficulties are increasing by the gift of the Dhami government of Uttarakhand, employees on the path of movement

कैबिनेट उपसमिति की रिपोर्ट नहीं बनी आधार
चुनावी साल में राज्य कर्मचारियों की समस्याएं राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ा रही है। लंबे समय से वेतन विसंगतियों को लेकर उपनल कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं। धामी सरकार ने आते ही उपनल कर्मियों की सुनवाई और समस्या का समाधान तलाशने के लिए कैबिनेट मंत्रियों की एक उपसमिति बनाई। उपसमिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। जिसके बाद कैबिनेट ने फैसला लिया। लेकिन उपनल कर्मचारियों का आरोप है कि उप समिति द्वारा बनाई गई रिपोर्ट के आधार पर उपनल कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसके खिलाफ उपनल कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन कर सकते हैं। जिसके लिए रणनीति बनाई जा रही है।

उपनल कर्मचारी महासंघ के महामंत्री हेमंत रावत का कहना है कि

सरकार ने कैबिनेट उपसमिति की रिपोर्ट पर विचार नहीं किया है। सरकार ने उपनल कर्मचारियों के साथ छलावा कर 2000 से 3000 रुपये मानदेय बढ़ा दिया गया जो पूरी तरह से गलत है। अगर सरकार आगामी कैबिनेट में उप समिति की रिपोर्ट पर विचार नहीं करती है तो अक्टूबर के अंत में एक बार फिर उपनल कर्मचारी बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।

चुनावी साल में राजनीति शुरू
उपनलकर्मियों के मामले में अब चुनावी साल में राजनीति शुरू हो गई। धामी सरकार जहां वेतन बढ़ाने का अपनी सरकार के फैसले को कर्मचारियों के हित में बता रही है। वहीं कांग्रेस इसे कर्मचारियों के साथ सरकार का उपहास बता रही है।

कांग्रेस के नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि

कुछ उपनल कर्मी यदि मेरे कार्यकाल में हठधर्मिता नहीं दिखाते तो आज यह स्थिति नहीं आती। मगर फिर भी अपने बच्चे हैं, अपने परिवार हैं उनका भविष्य देखना, हमारा कर्तव्य है और मैं, उपनल कर्मियों से कहना चाहता हूं। इस स्थिति में भी हम रास्ता निकालेंगे और आपके संघर्ष में हम आपके साथ हैं।

हरदा बोले, कांग्रेस की सरकार बनाएगी खास योजना
हरीश रावत ने ऐसे कर्मचारियों के लिए एक योजना बनाने की बात भी की है। हरीश रावत का कहना है कि राज्य के अंदर जितनी ऐसे ग्रुप हैं जो सरकारी कामकाज से जुड़े हुये हैं, लेकिन सरकारी सेवक नहीं हैं। उनके लिए कांग्रेस ने पंजाब में उनके लिए वरिष्ठता के आधार पर सरकारी विभागों में रिक्त पदों के सापेक्ष एंट्री की योजना क्रियान्वित की उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार आई तो चाहे आशाएं हों, आंगनवाड़ी की बहनें हों, भोजन माताएं हों, समाख्याज हों, उपनल कर्मी हों या जो भी इस तरीके के कार्यरत लोग हैं, उनके लिए इस योजना को भी लागू करेंगे और अलग-अलग कोष बनाएंगे ताकि सेवानिवृत्ति के बाद उनको कुछ न कुछ धनराशि वर्षों की सेवा की एवज में मिल सके। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से सरकारी_विभागों में पेंशन मिलती है तो उसी तरीके की अनुग्रह राशि उनको भी सेवानिवृत्त के बाद मिल सके उसका उपाय करेंगे।

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English summary
Difficulties are increasing by the gift of the Dhami government of Uttarakhand, employees on the path of movement
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