उत्तराखंड में कांग्रेस की लिस्ट तैयार, पूर्व सीएम हरीश रावत के सामने चुनाव लड़ने को दो विकल्प
रामनगर या डीडीहाट से चुनाव लड़ सकते हैं हरीश रावत
देहरादून, 15 जनवरी। उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रत्याशियों की पहली सूची कभी भी जारी हो सकती है। प्रदेश स्तर से सभी 70 सीटों पर नामों को लेकर मंथन हो चुका है। जिसमें अधिकतर सीटों पर एक ही नाम हाईकमान को भेजा गया है। जिन सीटों पर पार्टी के अंदर मतभेद हैं, उनमें 3 नाम पैनल बनाकर हाईकमान के सामने रखे गए हैं। इन सीटों पर हाईकमान मुहर लगाएगा। कांग्रेस के अंदर सबसे बड़ी खींचतान पूर्व सीएम हरीश रावत के चुनाव लड़ने को लेकर है। पूर्व सीएम हरीश रावत को चुनाव लड़ाने के लिए डीडीहाट, रामनगर और गंगोत्री सीट से सबसे ज्यादा डिमांड है।
50
नाम
फाइनल,
20
पर
हाईकमान
लेगा
फैसला
कांग्रेस
में
उत्तराखंड
ने
50
से
ज्यादा
सीटों
पर
एक
नाम
पर
सहमति
बना
ली
है।
20
सीटों
पर
पार्टी
के
अंदर
हरीश
रावत
और
प्रीतम
खेमा
आमने-
सामने
हैं।
इन
सीटों
पर
निर्णय
लेने
के
लिए
प्रदेश
संगठन
अब
हाईकमान
के
सामने
अपनी
रिपोर्ट
रखेगा।
इसके
अलावा
पूर्व
सीएम
हरीश
रावत
के
चुनाव
लड़ने
पर
भी
हाईकमान
ही
निर्णय
लेगा।
सूत्रों
का
दावा
है
कि
पूर्व
सीएम
हरीश
रावत
एक
परिवार
एक
टिकट
के
हाईकमान
के
निर्णय
का
इंतजार
कर
रहे
हैं।
हरीश
रावत
अपनी
बेटी
अनुपमा
रावत
को
हरिद्वार
ग्रामीण
से
टिकट
दिलवाना
चाहते
हैं।
ऐसे
में
हाईकमान
अगर
उन्हें
चुनाव
लड़वाती
है
तो
उनकी
बेटी
को
टिकट
मिलना
मुश्किल
हैं।
कांग्रेस
हाईकमान
यशपाल
आर्य
और
उनके
बेटे
संजीव
आर्य
को
छोड़कर
किसी
भी
परिवार
के
दो
लोगों
को
टिकट
देकर
परिवारवाद
का
आरोप
चुनाव
में
नहीं
लेना
चाहती
है।
हालांकि
हाईकमान
हरीश
रावत
के
परिवार
को
भी
इसी
दायरे
में
छूट
दे
सकती
है।
रामनगर
से
भी
चुनाव
लड़ाने
की
मांग
इस
बीच
हरीश
रावत
के
डीडीहाट
के
बाद
रामनगर
सीट
से
भी
चुनाव
लड़ने
की
स्थानीय
कार्यकर्ताओं
की
ओर
से
मांग
की
गई
है।
रामनगर
में
कांग्रेस
के
तीनों
दावेदार
समेत
पदाधिकारियों
ने
बैठक
कर
हरीश
रावत
को
रामनगर
से
विधानसभा
चुनाव
लडऩे
के
लिए
आमंत्रित
किया
है।
वर्तमान
में
रामनगर
से
कांगे्रस
के
कार्यकारी
प्रदेश
अध्यक्ष
रणजीत
रावत,
उपज्येष्ठ
प्रमुख
संजय
नेगी,
पूर्व
दर्जाधारी
पुष्कर
दुर्गापाल
व
महिला
कांग्रेस
की
जिलाध्यक्ष
आशा
बिष्ट
ने
टिकट
के
लिए
दावेदारी
की
है।
शुक्रवार
को
दुर्गापाल
के
कार्यालय
में
तीन
दावेदारों
व
पदाधिकारियों
की
बैठक
हुई।
बैठक
में
तीनों
दावेदारों
ने
कहा
कि
यदि
हरीश
रावत
रामनगर
से
चुनाव
लड़ेंगे
तो
वे
अपनी
दावेदारी
वापस
ले
लेंगे।
तीनों
दावेदार,
कांग्रेस
कार्यकर्ता
व
कांग्रेस
समर्थित
ग्राम
प्रधान
व
क्षेत्र
पंचायत
सदस्यों
का
मानना
है
कि
हरदा
का
रामनगर
से
लगाव
रहा
है।
इंटर
की
पढ़ाई
भी
रामनगर
से
की
है।
क्षेत्र
में
उनके
अधिकांश
रिश्तेदार
भी
है।
रामनगर
की
जनता
विकास
के
लिए
उन्हें
विधायक
देखना
चाहती
है।
हरदा
समर्थकों
का
दावा
है
कि
रामनगर
से
चुनाव
लडऩे
पर
कुमाऊं
व
गढ़वाल
की
सीटों
पर
भी
सकारात्मक
प्रभाव
पड़ेगा।
हालांकि
इस
सीट
के
प्रबल
दावेदार
रणजीत
रावत
और
हरीश
रावत
के
बीच
चल
रहा
सियासी
युद्ध
हरीश
रावत
के
लिए
इस
सीट
से
लड़ना
आसान
नहीं
होगा।
ऐसे
में
हरीश
रावत
सबसे
सुरक्षित
सीट
डीडीहाट
जा
सकते
हैं।
इसके
अलावा
गंगोत्री
विधानसभा
के
कांग्रेस
के
एक
गुट
ने
भी
हरीश
रावत
को
गंगोत्री
से
चुनाव
लड़ाने
की
मांग
की
है।