Uttarakhand; पहाड़ के इस जिले के डीएम की पहल का हो रहा स्वागत, रात्रि चौपाल लगाकर 3 घंटे तक सुनीं जनसमस्याएं
चंपावत के जिलाधिकारी नरेन्द्र सिंह भंडारी ने चम्पावत के ग्राम पंचायत गड़कोट के प्राथमिक विद्यालय डाबरी में रात्रि चौपाल लगाकर ग्रामीणों की सुनी समस्याएं, डीएम ने सरकार जनता द्वार कार्यक्रम के तहत रात्रि चौपाल लगाई।
उत्तराखंड में धामी सरकार का अधिकारियों से दूरस्थ क्षेत्रों में जाकर समस्याएं सुनने और रात्रि चौपाल करने के निर्देश का असर पहाड़ी जिलों में देखने को मिल रहा है। इसकी पहल करते हुए चंपावत के जिलाधिकारी नरेन्द्र सिंह भंडारी ने सोमवार को विकास खण्ड चम्पावत के ग्राम पंचायत गड़कोट के प्राथमिक विद्यालय डाबरी में रात्रि चौपाल लगाकर ग्रामीणों की सुनी समस्याएं, उन्होंने ग्रामीणों के साथ बैठकर रात्रि में भोजन भी किया। बता दें कि चंपावत सीएम पुष्कर सिंह धामी का विधानसभा क्षेत्र है।
करीब तीन घंटे चली चौपाल
सरकार जनता द्वार कार्यक्रम के तहत जिलाधिकारी ने पहल करते हुए सोमवार शाम को गड़कोट ग्राम पंचायत के प्राथमिक विद्यालय डाबरी में रात्रि चौपाल लगाई। करीब तीन घंटे चली चौपाल में जिलाधिकारी ने प्रत्येक ग्रामीण की समस्याएं सुनी और उनकी समस्याओं के जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया। रात्रि चौपाल से ग्रामीण खुश नजर आए। उन्हें उम्मीद है कि जिलाधिकारी के आने से उनकी समस्याओं का जल्द समाधान और निस्तारण होगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की अहम भूमिका
इस मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की अहम भूमिका है,महिलाएं ग्रामीण अर्थ व्यवस्था की धुरी हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन महत्वपूर्ण हैं अधिक से अधिक लोग पशुपालन से जुड़ें। जिलाधिकारी ने कहा कि गांव में स्वरोजगार को बढ़ाए जाने के लिए हर सम्भव मदद प्रदान की जाएगी।
अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने को कहा
ग्रामीण स्तर पर जनता की समस्याओं के निदान के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत जिलाधिकारियों को गांवों में चौपाल लगाकर जनसमस्याएं सुनने के निर्देश दिए थे। सीएम के निर्देश पर जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी ने चौपाल लगाने की पहल की। जिलाधिकारी ने सोमवार देर शाम गड़कोट ग्राम के प्राथमिक विद्यालय डाबरी में रात्रि चौपाल लगाई। एक-एक कर ग्रामीणों ने स्वयं एवं गांव की समस्याओं को जिलाधिकारी के समक्ष रखा। ग्रामीणों ने गांव में जंगली जानवरों के आतंक से फसलों को नुकसान से बचाने के लिए तारबाड़, गौशाला,पेयजल, सुरक्षा दीवार बनाने, प्रधानमंत्री आवास, आर्थिक सहायता, अंत्योदय कार्ड, सडक़, शौचालय बनाने व कई निर्माण कार्यों के भुगतान कराने की मांग की। ग्रामीणों ने डीएम से जिला अस्पताल में आयुष्मान कार्ड से उपचार न किए जाने की भी शिकायत की। मामलों की सुनवाई करते जिलाधिकारी ने सभी समस्याओं को निस्तारित करने के लिए अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने को कहा।
अधिकारी दूरस्थ क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों से समस्याएं सुन रहे
उत्तराखंड में अधिकारी लगातार पहाड़ी जिलों की समस्याओं के लिए नई सोच पर काम कर रहे हैं। इसके लिए सीएम धामी के निर्देश पर अधिकारी दूरस्थ क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों से समस्याएं सुन रहे हैं। हाल ही में नवंबर में उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित सबसे दूरस्थ गांव में 18 किमी पैदल चलकर 32 साल बाद कोई डीएम ग्रामीणों से मिलने पहुंचे। डीएम हिमांशु खुराना को अपने बीच पाकर ग्रामीणों में भारी उत्साह देखने को मिला। ग्रामीणों ने डीएम का फूल मालाओं और स्थानीय वाद्य यंत्रों के साथ उत्साहपूर्वक स्वागत किया। डीएम ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं और उनके समाधान के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
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