योगीराज: इलाहाबाद में 6 लेखपाल निलंबित, अकूत संपत्ति की जांच के आदेश
लेखपालों से पाई-पाई का हिसाब मांगा जाएगा और उनसे पूछा जाएगा की एक साधारण नौकरी में इतना पैसा कहा से आया। अब योगी सरकार का एक्शन तहसील प्रशासन तक पहुंच चुका है।
इलाहाबाद। शिकायत मिलने पर 6 लेखपालों को डीएम ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही उनके विरुद्ध अकूत धन संचय करने पर जांच के आदेश दिए हैं। जनता को परेशान कर, उनके पैसों से अकूत संपत्ति बनाने वाले लेखपालों के दिन अब पूरे होने को हैं। करोड़पति लेखपालों की सूची योगी सरकार ने तलब की है। जिला प्रशासन ऐसे लेखपालों की सूची तैयार कर रहा है, जिनके पास अकूत धन हो चुका है।
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लेखपालों से पाई-पाई का हिसाब मांगा जाएगा और उनसे पूछा जाएगा की एक साधारण नौकरी में इतना पैसा कहा से आया। बहरहाल अब योगी सरकार का एक्शन तहसील प्रशासन तक पहुंच चुका है। हमेशा से ये माना जाता रहा है कि भ्रष्टाचार की पैठ नीचे से ही शुरू होती है जो ऊपर तक चली जाती है। अगर ऐसे में निचले स्तर पर ही कार्रवाई का क्रम शुरू हुआ तो ये योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि होगी।
पूरे जिले की बनाई जा रही सूची
डीएम संजय कुमार ने बताया की पूरे जिले में तैनात लेखपालों की सूची तैयार हो रही है। ये सूची अकूत संपत्ति वाले लेखपालों का सच सामने लाएगी। सरकार ने इस बाबत निर्देश दिए हैं। फिलहाल जिन 6 लेखपालों को निलंबित किया गया है। उनके खिलाफ कई शिकायत आई थीं। आप को बता दें की जिन लेखपालों को निलंबित किया गया है वो सभी इलाहाबाद कि सोराव तहसील में तैनात थे। इनमें काशीपुर क्षेत्र के माताबदल, कमलापुर के रमाकांत शुक्ल, संहई के ज्ञान त्रिपाठी, मोहरब के रामसुख, सहवाजपुर के राजाराम और गधिना के लेखपाल छोटेलाल भारतीय हैं। इनपर 11 गंभीर आरोप लगे हैं। इनकी अलग से अकूत संपत्ति की जांच होगी। जिलाधिकारी का कहना है कि जांच में दोषी पाए जाने वालों को नौकरी से बर्खाश्त कर दिया जाएगा।
पूरे सूबे से तैयार होकर जाएगी सूची
सूत्रों के मुताबिक ये सूची गोपनीय ढंग से तैयार की जा रही है और ये किसी एक जिले कि नहीं बल्कि पूरे सूबे के हर जिलों से बनकर सरकार के पास जाएगी। इस सूची में हाल फिलहाल लेखपालों को टारगेट किया गया है। लेकिन अन्य अधिकारी, कर्मचारी की भी सूची इस तरह ही बनाई जाएगी। सरकारी कर्मचारियों को अपनी संपत्ति घोषित करने कि योजना के तहत ही ये प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। जिसे एक-एक जिले में सफलता के बाद व्यापक पैमाने पर शुरू किया जाएगा।