सोची समझी रणनीति के तहत बीजेपी ने बनाया है योगी को यूपी का सीएम
भाजपा के शीर्ष नेता ने कहा कि इस बात को लेकर कोई भी संदेह नहीं है कि योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे और भाजपा के घोषणा पत्र को पूरा करने में अपनी पूरी तत्परता दिखाएंगे।
लखनऊ। योगी आदित्यनाथ को देश के सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री घोषित करके भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के लिए एक बड़ा संदेश देने का काम किया है। योगी आदित्यनाथ को कट्टर हिंदुत्ववादी नेता के तौर पर जाना जाता है, इस लिहाज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सीधे तौर पर यह संदेश देने की कोशिश की है कि आने वाले 2019 के लोकसभा चुनाव में हिंदुओं के एकीकरण को ओर आगे बढ़ने वाले हैं।
पहले ही हो चुका था योगी के नाम पर फैसला
योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद कई शीर्ष भाजपा नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा को लेकर कुछ नामों पर विचार जरूर हुआ लेकिन अमित शाह इस बात को लेकर पूरी तरह से स्पष्ट थे कि योगी आदित्यनाथ ही इस पद के लिए बेहतर उम्मीदवार हैं। ऐसे में यहां यह समझना भी काफी अहम है कि योगी आदित्यनाथ के नाम पर पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और पीएम मोदी पहले ही अपना फैसला कर चुके थे।
भ्रष्टाचार के खिलाफ योगी मजबूत चेहरा
भाजपा के शीर्ष नेता ने कहा कि हमें इस बात को लेकर कोई भी संदेह नहीं है कि योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ेंगे और भाजपा के घोषणा पत्र को पूरा करने में अपनी पूरी तत्परता दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ के अलावा किसी भी अन्य उम्मीदवार में इतनी मजबूती दृढ इच्छाशक्ति नहीं है, योगी आदित्यनाथ में काबिलियत है कि वह प्रशासन को बेहतर ढंग से चला सकते हैं।
विपक्षी दलों के सामने चुनौती
भाजपा नेता का मानना है कि पहचान की राजनीति आने वाले लोकसभा चुनाव में भी अहम भूमिका निभाएगी, ऐसे में यूपी के मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ का काम उनके व्यक्तित्व को बेहतर ढंग से लोगों के बीच रखेगा। इसके अलावा कई भाजपा नेताओं का भी मानना है कि अमित शाह का हिंदु वोटों के एकीकरण के लिए लिया गया यह फैसला एक जुआ साबित हो सकता है, अगले 24 महीने इस बात की पुष्टि करेंगे कि यह फैसला किस हद तक सही है। अगर विपक्षी दल योगी आदित्यनाथ की एकजुट होकर आलोचना करते हैं तो मुमकिन है कि हिंदु वोटों का एकीकरण हो।
योगी आदित्यनाथ प्रशासनिक अधिकारियों से निपटने में सक्षम
भाजपा के एक और वरिष्ठ नेता जोकि उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रैसी से बेहतर वाकिफ हैं का कहना है कि यूपी में कोई बदलाव व विकास नहीं होने वाला है, अगर प्रदेश में पुलिस और ताकतवर आईएएस अधिकारियों का इस सरकार को साथ नहीं मिलता है तो मुमकिन है कि प्रदेश के हालात नहीं बदलें। उनका कहना है कि योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व का चेहरा है लेकिन उनके पक्ष में एक बात है कि वह बेहतर ढंक से तमाम ताकतवर पुलिस अधिकारियों व ब्यूरोक्रैट से निपट सकते हैं।
यूपी के जनमत को समझना अहम
वहीं एक और भाजपा नेता का कहना है कि यूपी के जनमत को बेहतर ढंग से नहीं समझना गलत होगा, यूपी के लोगों ने निर्णायक मत दिया है और वह हिंदुत्व व विकास दोनों के नाम पर है। जो लोग भाजपा में नहीं हैं उनके लिए योगी आदित्यनाथ गले में अटकने वाला विकल्प हो सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के लिए स्वाभाविक विकल्प हैं, जोकि मजबूत संदेश देने का काम कर रही है।
झूठे सेक्युलरों को हम कभी नहीं भाते
वहीं जब यह सवाल पूछा जाता है कि यूपी में 20 फीसदी मुस्लिम आबादी के बाद क्यों एक सन्यासी को चुना गया जोकि भगवा पहनता है तो भाजपा नेता का कहना है कि हमारे लिए भगवा कपड़ा परेशान करने वाला कपड़ा नहीं है। हमारा मानना है कि हिंदुत्व और विकास दोनों एक साथ आगे बढ़ सकता है, आप समय का इंतजार कीजिए बड़े बदलाव जल्द आएंगे, आपको हमारे आश्वासन पर भरोसा करना होगा। वहीं इसके अलावा भाजपा नेताओं से जब यह सवाल पूछा जाता है कि योगी आदित्यनाथ को चुनने से क्या इसका गलत प्रभाव नहीं पड़ेगा तो उनका कहना होता है कि हम कब झूठे सेक्युलरों के लिए अच्छे थे, हम इस बात की पुष्टि करेंगे कि हमने जो वायदा किया है उसे पूरा करें, प्रदेश के मैनिफेस्टो को पूरा करना हमारा लक्ष्य है।