यूपी के 1298 मदरसों पर ताला लगाने की तैयारी में योगी सरकार, 30 दिन का अल्टीमेटम
यूपी में तमाम मदरसों पर ताला लगाने की तैयारी में योगी सरकार, गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को मिला 30 दिन का अल्टीमेटम, दस्तावेज नहीं दिए तो होगी कार्रवाई, एफआईआर दर्ज करके संचालकों को भेजा जाएगा जेल
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार मानकों के हिसाब से नहीं चल रहे मदरसों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। तमाम ऐसे मदरसे जो बिना सरकारी मान्यता के चल रहे हैं उन्हें बंद किए जाने की कार्रवाई होने जा रही है। योगी सरकार उन मदरसों पर कार्रवाई करने की योजना बना रही है जो सिर्फ दीनि मान्यता पर चल रहे हैं, जबकि उनके पास सरकार की ओर से कोई मान्यता नहीं है। ये वो मदरसे हैं जो दारुल ऊलूम, नदवां, देवबंद जैसे संस्थानों की मान्यता के आधार पर चल रहे हैं जिन्हें सरकार ने मान्यता नहीं दी है।
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30 दिन का दिया गया अल्टीमेटम
आपको बता दें कि योगी सरकार ने इन तमाम मदरसों की स्क्रीनिंग का फैसला लिया है और इनकी स्क्रीनिंग चल रही है। इन तमाम मदरसों को 30 दन का वक्त मिला है, इन्हें मान्यता की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। अगर तीस दिन के भीतर ये मदरसे इस प्रक्रिया को पूरा नहीं करते हैं तो इनकी मान्यता को रद्द कर दिया जाएगा और इन्हें अवैध ठहराते हुए इन्हें बंद करा दिया जाएगा। मौजूदा समय में कुल 1298 मदरसों की स्क्रीनिंग की जा रही है।
स्क्रीनिंग के बाद मदरसा संचालकों को भेजा जाएगा जेल
यूपी
में
1298
ऐसे
मदरसे
हैं
जो
अवैध
तरीके
से
चल
रहे
हैं,
जिनकी
योगी
सरकार
स्क्रीनिंग
करा
रही
है।
ऐसे
में
इन
मदरसों
के
संचालको
को
सरकार
जेल
भेजने
की
भी
तैयारी
कर
रही
है।
लिहाजा
अगर
30
दिन
के
भीतर
ये
मदरसे
मान्यता
के
दस्तावेजों
को
तैयार
करके
आवेदन
नहीं
करते
हैं
तो
इनके
खिलाफ
एफआईआर
की
जाएगी।
इन
तमाम
मदरसों
के
खिलाफ
अल्पसंख्यक
कल्याण
बोर्ड
की
ओर
से
एफआईआर
कराई
जाएगी।
46 मदरसों का रोक दिया गया है अनुदान
आपको बता दें कि इससे पहले योगी सरकार ने मदरसों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए प्रदेश में मानकों पर खरे नहीं उतरने वाले मदरसों का अनुदान रोक दिया था। उत्तर प्रदेश में कुल 560 मदरसों को सरकार अनुदान देती है। इन तमाम मदरसों के खिलाफ जांच बैठाई गई थी। इसकी जांच के लिए डीएम, डीआईओएस और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की संयुक्त कमेटी का गठन किया गया था। तकरीबन दो महीनों तक चली इस जांच के बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी है, जिसमें 46 मदरसों के भवनों को सही नहीं पाया गया है, यह तमाम भवन मानकों के अनुसार नहीं हैं। कमेटी की रिपोर्ट के बाद अल्पसंख्यक विभाग ने इन मदरसों की दी जाने वाली अनुदान राशि को रोक दिया है। जिसके चलते इन मदरसों में पढ़ाने वाले तमाम शिक्षकों की अप्रैल माह से लेकर अगस्त माह तक की सैलरी भी रुक गई है।