उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

मायावती की जिस अपील को अखिलेश ने हमेशा ठुकराया, उसे योगी आदित्यनाथ ने किया स्वीकार

Google Oneindia News

Recommended Video

Mayawati के Support में Yogi Adityanath, फिर से लगवाएंगे Ambedkar Statue | वनइंडिया हिन्दी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही पुरानी सरकार के दौरान बनाए गए स्मारकों की अनदेखी शुरू हो जाती है, लेकिन इस अनदेखी से निपटने के लिए योगी सरकार बसपा सुप्रीमो मायावती के पुराने प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है, जिसमे पुराने स्मारकों को संरक्षित रखने का प्रावधान है। मायावती के शासनकाल में कई मूर्तियां और स्मारक बनाए गए थे, जिसके संरक्षण का मुद्दा हमेशा से ही उठता रहा है, लेकिन अब योगी सरकार ने 22 दिसंबर को मायावती के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। सूत्रों की मानें तो अगले वर्ष 21 और 22 फरवरी को लखनऊ मे होने वाले इंवेस्टमेंट मीट के लिए सभी पार्कों और मूर्तियों को चमकाने का आदेश दिया गया है। तमाम अधिकारियों को इस बाबत निर्देश भी दे दिए गए हैं कि वह इन मूर्तियों व स्मारकों को चमकाएं जिससे कि शहर में दुनियाभर से आने वाले निवेशकों पर लखनऊ की अच्छी छवि बने।

मायावती ने दी थी खुली धमकी

मायावती ने दी थी खुली धमकी

गौरतलतब है कि मायावती ने अखिलेश यादव के शासनकाल में 2012-2017 के बीच कई पत्र लिखे जिसमे उन्होंने इन स्मारकों को संरक्षित करने की अपील की, लेकिन अखिलेश यादव ने इन अपीलों पर ध्यान नहीं दिया। मायावती ने खुले तौर पर उन्हे धमकी दी थी कि मूर्तियों की अनदेखी का बहुजन समाज उन्हे सबक सिखाएगा। लेकिन अखिलेश सरकार के जाने के बाद आखिरकार योगी सरकार ने मायावती की इस अपील को स्वीकार कर लिया है।

राजनीतिक मायने

राजनीतिक मायने

माना जा रहा है कि योगी सरकार के इस फैसले के पीछे सियासी वजह है, जिस तरह से गुजरात चुनाव में एनसीपी और बसपा ने मिलकर कांग्रेस को 10 सीटों का नुकसान पहुंचाया, उसके बाद भाजपा दलित वोटरों को लुभाने की कोशिश में जुट गई है। लिहाजा योगी सरकार उत्तर प्रदेश में इन मूर्तियों व स्मारकों को सुरक्षा देकर दलित वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रही है। योगी सरकार के फैसले के पीछे एक वजह यह भी लगाई जा रही है कि जिस तरह से बसपा ने कांग्रेस को गुजरात में नुकसान पहुंचाया है उसका भाजपा मायावती को तोहफा देना चाहती है।

45000 हजार करोड़ खर्च हुए थे

45000 हजार करोड़ खर्च हुए थे

आपको बता दें कि 2002-2007 के बीच उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार ने गुलाबी पत्थरों से स्मारक और मूर्तियों को बनवाने में 45000 करोड़ रुपए खर्च किए थे, जिसको लेकर उनपर तमाम दलों ने जमकर निशाना साधा था। समाजवादी पार्टी, भाजपा सहित तकरीबन हर दल ने इस खर्च को लेकर मायावती पर निशाना साधा था। यहां तक कि एनजीटी ने भी नोएडा में बनाए जा रहे है पार्क पर आपत्ति जताते हुए इसे पर्यावरण मानकों का उल्लंघन करार दिया था।

इसे भी पढ़ें- लखनऊ मदरसे से छुड़ाई गई लड़कियों की आपबीती, 'तैयब ऑफिस में बुलाकर उनसे पैर दबवाता था'

Comments
English summary
Yogi Adityanath gives nod to the project of Mayawati which Akhilesh Yadav always rejected. He gave green signal to protect statues and monuments.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X