जिला अस्पताल के सामने महिला ने ई रिक्शा में दिया बच्चे को जन्म
सहारनपुर। जिला महिला अस्पताल के स्टाफ की करतूत से एक प्रसूता की जान पर बन आई। डिलीवरी के लिए पहुंची महिला को आधी रात में अस्पताल से धक्के देकर बाहर कर दिया गया। दूसरे अस्पताल में ले जाते समय प्रसूता ने ई रिक्शा में ही पुत्र को जन्म दिया। उसे लेकर अस्पताल आने वाली आशा ने थाना जनकपुरी में अस्पताल स्टाफ के खिलाफ तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है।
योगी सरकार में जहां महिलाओं की सुरक्षा को लेकर तरह-तरह की योजनाएं बनने के साथ ही बड़े बड़े दावे किए जा रहे हैं, वहीं यह सब सहारनपुर के जिला महिला अस्पताल के स्टाफ की करतूत के सामने बौना साबित होता है। घटना 15 अगस्त की आधी रात के समय की है। थाना मंडी के खजूर तला निवासी मोहम्मद रईस की पत्नी मुनव्वर को प्रसव पीड़ा हुई तो आधी रात में क्षेत्र की आशा मोहल्ला लक्खी गेट निवासी गजाला पुत्री इस्लाम मुनव्वर को साथ लेकर जिला अस्पताल पहुंची। जच्चा के साथ उसके परिजन भी थे।
आशा गजाला का कहना है कि उसने मुनव्वर को अस्पताल में भर्ती कराया और महिला चकित्सक से उसे देखने को गुहार लगाई, क्योंकि मुनव्वर का प्रसव समय लगभग पूरा हो चुका था। मगर आरोप है कि गर्भवती महिला को उसी हालत में आधी रात के समय अस्पताल के स्टाफ ने बिना जांच पड़ताल किए ही अस्पताल से बाहर कर दिया। आशा गजाला व परिजन प्रसव पीड़ा से कराहती मुनव्वर को ई रिक्शा में कहीं अन्यत्र चिकित्सक के पास ले जाने को चले, तो ई रिक्शा में ही मुनव्वर ने एक पुत्र को जन्म दिया। जिसके बाद उसे निजी अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया गया।
बुधवार को आशा गजाला व मुनव्वर का पति मोहम्मद रईस थाना जनकपुरी पहुंचे और जिला महिला अस्पताल के आरोपी स्टाफ के खिलाफ थाने में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की। इंस्पेक्टर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि मामले में तहरीर मिली है और दरोगा को जांच के लिए भेजा जा रहा है। यदि आरोप सही पाए गए तो मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई भी की जाएगी। उधर, सीएमओ डा. बलजीत सिंह सोढ़ी का कहना है कि शिकायत मिली है, जिसकी जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया है। आरोपित महिला चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई अवश्य अमल में लाई जाएगी।