बहराइच में कौन पाएगा लालबत्ती? भारी बहुमत के बीच अब मंत्री बनने की कवायद में जुटे विधायक
पांच विधायक मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। सबकी अपनी-अपनी पहुंच भी अंदरखाने तक है। ऐसे में देखना ये दिलचस्प है कि अपनी गोटी फिट करने में कौन कामयाब होता है।
बहराइच। 17वीं विधानसभा के गठन के लिए सियासत तेज हो गई है। इस बार बहराइच में लालबत्ती किसे मिलेगी इसको लेकर कयासों का दौर चल रहा है। हालांकि पांच विधायक मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। सबकी अपनी-अपनी पहुंच भी अंदरखाने तक है। ऐसे में सफलता किसे हासिल होगी, ये तो सरकार गठन के बाद पता चलेगा लेकिन हर कोई लालबत्ती का ख्वाब देख रहा है!
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साल 2012 के विधानसभा चुनाव के बाद जिले में मटेरा विधायक यासर शाह को राज्यमंत्री का ओहदा मिला था। साल 2014 के उपचुनाव में बलहा सीट से भाजपा को हराकर बंशीधर बौद्ध विधायक चुने गए थे। उन्हें समाज कल्याण राज्यमंत्री बनाया गया। फिर राज्यमंत्री यासर शाह को कैबिनेट मंत्री बना दिया गया था। इसके चलते जिले में दो मंत्री थे। अब 17वीं विधानसभा के गठन में जिले में कितने विधायक मंत्री बनने में सफल होंगे, इसको लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है।
बात शुरू करते हैं सदर विधायक के पद पर चुनी गईं अनुपमा जायसवाल की। वो भाजपा प्रदेश संगठन में महामंत्री के पद पर हैं। बहराइच सदर सीट पर 23 साल बाद भाजपा परचम फहराने में सफल हुई है। पिछड़ी जाति से ताल्लुक रखने वाली अनुपमा महिला कोटे से तो हैं हीं इन्हें जनसभा के दौरान योगी आदित्यनाथ ने चुनाव जीतने पर मंत्री बनने का आर्शीवाद भी दिया था। इसके चलते अनुपमा को मंत्री की दौड़ में शामिल माना जा रहा है। वहीं महसी विधायक सुरेश्वर सिंह खानदानी भाजपाई हैं। उनके पिता सुखदराज सिंह वर्ष 1977 में महसी से विधायक चुने गए थे। इसके बाद मां नीलम सिंह वर्ष 1991 में विधायक चुनी गईं। इसके बाद साल 2007 में सुरेश्वर सिंह भाजपा से विधायक बनें। इस बार सुरेश्वर सिंह ने रिकॉर्ड मत हासिल किया है। साथ ही उनकी पहुंच भी अंदरखाने में मजबूत मानी जा रही है।
पयागपुर से विधायक चुने गए सुभाष त्रिपाठी भी मंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। उन्होंने सपा के मुकेश श्रीवास्तव को पराजित कर जीत हासिल की है। मुकेश भारी मतों के अंतर से जीते हैं और पार्टी नेताओं में अपना कद रखते हैं। कैसरगंज विधायक मुकुट बिहारी वर्मा अवध क्षेत्र के अध्यक्ष हैं और सीधे और सरल स्वाभाव के माने जाते हैं। पिछड़ी जाति से ताल्लुक रखने वाले मुकुट बिहारी लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। वहीं बलहा सीट से चुनाव जीतने वाले अक्षयवरलाल गोंड ने सपा के राज्यमंत्री बंशीधर बौद्ध को पराजित किया है। बंशीधर बौद्ध इससे पहले भाजपा की सरकार में होमगार्ड राज्यमंत्री का पद संभाल चुके हैं। उन्हें प्रशासनिक अनुभव भी है।
ये होगी मंत्रियों से उम्मीदें
जिले के नानपारा स्थित तकियाघाट पर सरयू पुल अभी भी अधूरा है। बाढ़ और कटान की समस्या मुंह बाए खड़ी हैं। कोई भी सरकार हल नहीं निकाल सकी है। शहर के पूर्वी क्षेत्र में बाईपास की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में वाहनों को शहर के अंदर से होकर गुजरना पड़ता है। घसियारीपुरा में जलभराव की समस्या नासूर बन चुकी है। वहीं वन ग्रामीणों को राजस्व ग्राम की सुविधाएं नहीं मिल रहीं हैं। ये ऐसी समस्याएं हैं, जिन्हें उस हर मंत्री को हल करना होगा जो लालबत्ती पाएगा।
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