PICS: जब भरी संसद में फूट-फूटकर रोने लगे थे योगी आदित्यनाथ, जानिए क्यों
आजमगढ़ में अजित सिंह के तेरहवीं वाले दिन योगी आदित्यनाथ अपने काफिले के साथ कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। तभी रास्ते में तकिया गांव में योगी के काफिले पर हमला कर दिया गया था।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत पाने के बाद भी मुख्यमंत्री को लेकर करीब एक हफ्ते तक चला माथापच्ची शनिवार को समाप्त हो गया। भारतीय जनता पार्टी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री चुना गया और आज वो इस पद की शपथ लेंगे। चारों तरफ योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक करियर की चर्चा हो रही है। लेकिन आज हम आपको उनसे जुड़ी एक बात बताते हैं जो शायद कम लोगों को ही पता हो। जी हां योगी आदित्यनाथ एक बार लोकसभा में फफक कर रो पड़े थे। तो आई आज तस्वीरों के माध्यम से उस पल को याद करते हैं-
कुछ देर तक चुप रहे थे आदित्यनाथ
वर्ष 2006 में गोरखपुर से बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने अपनी बात रखने के लिए लोकसभा अध्यक्ष से विशेष अनुमति ली थी। तब पूर्वांचल के कई कस्बों में सांप्रदायिक हिंसा फैली थी। जब आदित्यनाथ अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए तो फूट-फूट कर रोने लगे। कुछ देर तक वे कुछ बोल ही नहीं पाए और जब बोले तो कहा कि उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार उनके खिलाफ षड्यंत्र कर रही है और उन्हें जान का खतरा है।
11 दिन जेल में रहे थे योगी
लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी से योगी ने बताया था कि गोरखपुर जाते हुए उन्हें शांतिभंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और जिस मामले में उन्हें सिर्फ 12 घंटे बंद रखा जा सकता था, उस मामले में 11 दिन जेल में रखा गया।
आजमगढ़ से हुई थी शुरुआत
इसकी शुरुआत पूर्वांचल के आजमगढ़ के छात्र नेता रह चुके अजित सिंह की हत्या किए जाने के बाद हुई थी। बताया जाता है कि आजमगढ़ में अजित सिंह के तेरहवीं वाले दिन योगी आदित्यनाथ अपने काफिले के साथ कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। तभी रास्ते में तकिया गांव में योगी के काफिले पर हमला कर दिया गया
पूरी तरह घेर लिए गए थे योगी
इस हमले में योगी पूरी तरह से घिर गए थे। योगी के कई समर्थक लहूलुहान हो गए थे। योगी की जान बचाने के लिए उनके अंगरक्षक को फायरिंग करनी पड़ी थी। फायरिंग के दौराना हमलावर भीड़ में से एक युवक की मौत हो गई थी। उसके बाद आजमगढ़ व आसपास के इलाकों में इस मामले ने सांप्रदायिक रंग ले लिया था। इस घटना के बाद योगी के समर्थकों और उनके ऊपर कई मुकदमे हुए थे। उस समय पुलिस ने पीएसी लगवाकर कई बार योगी के ठिकानों पर दबिश देना शुरू कर दिया था। यही नहीं योगी के समर्थकों को बड़ी संख्या में जेल भेजा गया था। योगी समर्थक पुलिस के डर से अपना गांव छोड़कर पलायन कर गए थे। तब योगी ने अपनी पीड़ा लोकसभा में रखी थी। पुलिसिया आतंक और प्रताड़ना का वर्णन करने के दौरान योगी सदन में फूट-फूट कर रो पड़े थे।