UP Results: 'बुल्डोजर ने निकाली अखिलेश की साइकिल की हवा', रैलियों में भारी भीड़ के बावजूद क्यों नही मिले वोट
नई दिल्ली। 5 राज्य के विधानसभा चुनावों के नतीजों का ऐलान हो गया है, जिसमें से 3 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनते हुए दोबारा सत्ता पर काबिज होती नजर आ रही है। इस दौरान उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों पर सभी की नजरें थी, जहां पर 1985 के बाद से किसी भी पार्टी ने लगातार दूसरी बार जीत नहीं हासिल की थी। हालांकि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से सरकार बनाती हुई नजर आ रही है। आखिरी चरण के चुनाव के बाद जिस तरह के नतीजे एग्जिट पोल में दिखाये जा रहे थे बीजेपी ने उससे ज्यादा सीटें हासिल की हैं और योगी आदित्यनाथ दोबारा सीएम पद की शपथ लेते हुए नजर आ सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी ने यूपी के 2017 विधानसभा चुनाव में 312 सीटें अपने दम पर जीती थी, तो वहीं पर 2022 के विधानसभा चुनावों में यह घटकर 260-70 के बीच जाता नजर आ रहा है। चुनाव नतीजों में जहां बीजेपी की टीम बहुमत से काफी आगे नजर आ रही है तो वहीं पर दूसरे नंबर पर काबिज समाजवादी पार्टी का आंकड़ा 130-140 के बीच घूम रहा है।
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रैलियों में खूब जुटी भीड़ पर नहीं बदला नतीजा
उल्लेखनीय है कि चुनाव प्रचार के दौरान के इस बार समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव पूरे विश्वास के साथ रैलियां करते नजर आ रहे थे, जिसमें उन्होंने एक बार नहीं कई बार दावा किया दावा किया था कि उनकी पार्टी इस बार 400 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करती नजर आयेगी। इस दौरान समाजवादी पार्टी का घोषणा पत्र भी काफी चर्चा में रहा तो वहीं पर बेरोजगारी के मुद्दे को भी काफी भुनाया गया। इस बीच चुनाव प्रचार में योगी आदित्यनाथ के लिये बुल्डोजर बाबा के नाम का इस्तेमाल किया गया जिन्हें गुंडागर्दी और अव्यवस्था को खत्म करने का प्रतीक माना गया तो वहीं पर साइकिल को नये विकास का प्रतीक बताया गया, हालांकि नतीजों के बाद बल्डोजर साइकिल पर भारी पड़ा है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि ऐसी क्या वजह रही जिसकी वजह से रैलियों में भारी भीड़ जुटने के बावजूद समाजवादी पार्टी के लिये नतीजों में वो जोर नहीं दिखा जिसका दावा किया जा रहा था।
महिलाओं के वोट का पड़ा भारी असर
यूपी चुनाव की बात करें तो इस बार भारतीय जनता पार्टी की जीत में महिलाओं के वोट ने काफी असर डाला है। आजादी के बाद से पहली बार उत्तर प्रदेश में महिला वोटर्स ने बढ़ चढ़कर भाग लिया है, जिसका फायदा बीजेपी को हुआ है। बीजेपी के बड़े नेताओं का दावा है कि महिलाओं ने योगी के महिला सुरक्षा के प्रति उठाये गये कदमों का सराहा है और उसी की वजह से अब प्रदेश में महिलायें ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रही हैं और उसी का फायदा बीजेपी को दोबारा इतिहास रचने का कारक बना।
वंशवाद पर भारी पड़ा विकासवाद का मुद्दा
यूपी चुनाव में अखिलेश यादव ने बेरोजगारी, किसान आदोंलन और विकास में कोताही के मुद्दों को उठाया लेकिन इसका फर्क योगी सरकार पर नहीं पड़ा। इस पर बात करते हुए बीजेपी के बड़े नेताओं का मानना है कि लोगों ने वंशवाद की राजनीति पर विकासवाद की नीति को तवज्जो दिया है और समाजवादी पार्टी जो खुद को युवाओं की और नये दौर की पार्टी बता रही थी वो अपनी छवि को वंशवाद से बाहर नहीं निकाल सकी। इसी का खामियाजा उसे चुनाव नतीजों में भी भुगतना पड़ा।